वायुसेना की ताकत को चार गुना करने के लिये ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का पिछले दिनों सफलता पूर्वक कर परीक्षण किया था।
भारत अब जल्द ही ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई लड़ाकू विमान में लोड कर इसका पहली बार किसी विमान से परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्रह्मोस अगर भारतीय वायुसेना में सफलतापूर्वक शामिल हो जाती है तो कोई भी दुश्मन इसके सामने नहीं टिक पायेगा। इस मिसाइल की मारक क्षमता इससे सबसे खास बनाती है।
अगले महीने यानी जून में सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया जायेगा। अगर यह परीक्षण सफल रहा तो भारत उन चंद देशों में शामिल हो जायेगा, जो जेट से अत्याधुनिक और सटीक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दाग सकते हैं।
रक्षा सूत्रों के अनुसार सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान जल्द ही हथियारों से लैस हो जाएगा। हवाई मॉडल के तैयार होने के बाद इसके दो टेस्ट होंगे और उसके बाद यह विमान किसी भी समय मार करने के लिए तैयार रखा जाएगा। यदि प्लान के हिसाब से सबकुछ सही रहा तो जून में एयरक्राफ्ट से मिसाइल लांच की जाएगी। ट्रायल के लिए एयरफोर्स ने दो एयरक्राफ्ट तय कर लिए हैं
यदि टेस्ट सफल रहा तो ब्रह्मोस इस तरह की क्षमता वाला विश्व का पहला हथियार होगा जो पानी, हवा और जमीन तीनों जगह से मार करने में सक्षम हो। ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर बनाया है और यह 300 किलोग्राम तक हथियार ले जाने में सक्षम है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिसाइल के हवा में मार करने वाले मॉडल के वजन को भी कम किया है और सुखोई विमान में आसानी से फिट हो सके इसके लिए सुखोई और मिसाइल दोनों के डिजाइन में भी बदलाव किए गए हैं।