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योगी सरकार का बड़ा फैसला, 1094 करोड़ का बिजली उपभोक्ताओं का कर्जा माफ, देखें वीडियो

आगरा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। अब शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को बकाया बिलों पर छूट मिलने जा रही है। यह छूट 50 फीसद से लेकर 100 फीसद तक है। किसानों के लिए मूल बिल को चार किश्तों में जमा कराने का अवसर दिया गया है, इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी। अधीक्षण अभियंता राजीव जैन ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 950 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं का 144 करोड़ का अधिभार माफ हो जाएगा।
ये है योजना
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता राजीव जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया कि प्रदेश में अंतिम बार अधिभार माफी की जाए। इस योजना को सक्रिय नाम से लाया गया है। सक्रिय यानि सरचार्ज एमनेस्टी फॉर एग्रीकच्लर, कॉमर्शियल, रेजीडेंशियल, इंड्रस्टियल योजना। इस योजना की परधि में ग्रामीण ही नहीं, बल्कि शहरी, घरेलू, वाणिज्यक, निजी नलकूप, निजी संस्थान के सभी उपभोक्ताओं को 100 फीसद एवं छोटे उद्योग को 50 फीसद अधिभार में माफी मिलेगी। इस तरह उक्त श्रेणी के लगभग सभी उपभोक्ता को एक बार अपने सही बिल को बिना अधिभार जमा करने का अंतिम अवसर दिया जा रहा है। वहीं किसान के निजी नलकूप के मूल बिल को चार किश्तों में जमा करने का अवसर प्रदान किया गया है।
किसान ऐसे कर सकेंगे बिल जमा
पहली किश्त बकाया धनराशि का 25 फीसद या 10 हजार नकद 15 जून से पहले जमा करा सकेंगे। दूसरी किश्त शेष बकाया राशि का एक तिहाई हिस्सा होगा, जिसे 15 अगस्त 2017 से पहले जमा कराया जा सकेगा। तृतीय किश्त भी शेष बकाया राशि का एक तिहाई हिस्सा होगा, जिसे 15 अक्टूबर 2017 से पहले जमा कराना होगा। अंतिम किश्त को 15 दिसम्बर से पहले जमा कराना होगा।
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ये है अंतिम मौका
उन्होंने बताया कि छूट का यह अंतिम मौका है, इसके बाद छूट नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस समय किसानों पर कुल 450 करोड़ बकाया है, जिसमें 144 करोड़ का अधिभार है, वहीं शहरी क्षेत्र में 1900 करोड़ का बकाया है, जिसमें 950 करोड़ का अधिभार है। अधिभार माफ होने के बाद उपभोक्ताओं को मूल बिल ही चुकाना पड़ेगा।

मोदी-योगी पर हमले की साजिश



नई दिल्ली : ऐसा खुफिया इनपुट मिला है कि आतंकवादी पी.एम. मोदी और सीएम योगी पर हमला कर सकते हैं। लिहाजा केन्द्र व राज्य सरकार को अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश में भगवा वेश में हमले की तैयारी है। मध्य प्रदेश इंटेलिजेंस ने यूपी पुलिस को अलर्ट किया है। आतंकी संगठनों ने टीनएजर्स आतंकियों को साधू और तांत्रिक वेश में प्रशिक्षित कर यूपी में उतार दिया है। एमपी इंटेलिजेंस की जानकारी के बाद सभी कप्तानों और डीआईजी और एसएसपी रेलवे को अलर्ट कर दिया है। ऑपरेशन ‘कृष्णा इंडिया’ से इन सभी का ताल्लुक बताया जा रहा है।
भगवा वेश में हमला कर सकते हैं आतंकी : पुलिस को भेजे गए पत्र में जानकारी दी गई है कि आतंकवादी हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों को सीखकर साधु-संतों के वेश में घुसपैठ कर बड़ी घटना की योजना बना रहे हैं। गौरतलब है कि 12 सितंबर 2014 को बिजनौर में हुए आईईडी विस्फोट के संबंध में खंडवा जेल से फरार सिमी के आतंकवादी (सभी मारे गए) हिंदू प्रतीक चिह्न धारण करते थे।
आईएसआई का ऑपरेशन कृष्णा इंडिया : इससे पहले भी सूचना मिली थी कि आईएसआई ऑपरेशन ‘कृष्णा इंडियाÓ के अंतर्गत आतंकियों को हिंदू रीति-रिवाजों का प्रशिक्षण देकर हमला करने की फिराक में है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा और बढ़ाने का फैसला लिया गया है। सीएम योगी पर बढ़ते खतरे के मद्देनजर यह फैसला किया है और सूत्रों के मुताबिक उनकी सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) टीम भी तैनात होगी।
लंदन में रची जा रही है सीएम योगी की हत्या की साजिश : इससे पहले खबर आई थी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। ‘द एशियन एज’ अखबार ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर दी थी कि लंदन में बैठे कुछ कश्मीरी आतंकी प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश रच रहे हैं। खुफिया एजेंसियों से मिले इस इनपुट के बाद सिक्योरिटी अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस खबर में बताया गया कि करीब एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित आतंकी यूपी में दाखिल हो चुके हैं। स्लीपर सेल की मदद से फिलहाल वह अंडरग्राउंड हैं। इस अलर्ट के बाद यूपी के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिक्षकों को खास निर्देश दिए  गए हैं।

राजनाथ हुए योगी के मुरीद, बेहद ईमानदार और मेहनती सीएम बताया


केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ की है. यूपी में योगी आदित्यनाथ ने बतौर सीएम हाल ही में एक महीना पूरा किया है. उन्होंने 19 मार्च 2017 को सूबे की सत्ता संभाली थी. 

राजनाथ सिंह ने सीएम योगी की प्रशंसा करते हुए कहा, "योगी आदित्यनाथ बेहद ईमानदार और कठिन परिश्रम करने वाले मुख्यमंत्री हैं. अभी महज एक महीने पहले ही उन्होंने यूपी का कार्यभार संभाला है. मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी अगुवाई में जनता की समस्याएं हल होंगी."
Yogi Adityanath is a very honest&hardworking CM, he took charge barely a month back I'm sure under him peoples' problems will be solved: HM
सियासी जानकारों के मुताबिक राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ यूपी की राजनीति में दो अलग ध्रुव हैं. ऐसे में राजनाथ का योगी की तारीफ़ करना नए कयासों को जन्म दे रहा है. यूपी की सत्ता संभालने से पहले लव जेहाद और कैराना पलायन जैसे मामलों पर राजनाथ और योगी के अलग-अलग बयान सामने आए थे. 

यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ 325 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. भाजपा ने पीेएम नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे करके चुनाव लड़ा था. 18 मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बतौर मुख्यमंत्री योगी का नाम सामने आया. 19 मार्च को योगी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अब तक के एक महीने के कार्यकाल में योगी सरकार ने किसानों की कर्ज माफी, अवैध बूचड़खानों पर ताले और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली मुहैया कराने जैसे कई बड़े कदम उठाए हैं.

यूपी में मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं


लखनउ, 22 अप्रैल :भाषा: खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ऐसा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिये हैं कि मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

योगी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान कल देर रात कहा, खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले अराजक तत्वों के विरु अभियान चलाकर नियमों के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाये।

उन्होंने कहा, खाद्य पदार्थों में मिलावट मानवता के विरु जघन्य अपराध है। खाद्य पदार्थों के नमूनों के विश्लेषण के लिये प्रदेश के समस्त जिलों में प्रयोगशालायें स्थापित करायी जायेंगी। प्रथम चरण में प्रत्येक मण्डल में खाद्य पदार्थों के विश्लेषण की प्रयोगशालायें प्राथमिकता से स्थापित करायी जायें। वर्तमान में प्रदेश के मात्र छह जिलों लखनउ, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी, झाांसी एवं मेरठ में प्रयोगशालायें स्थापित हैं।

इन प्रयोगशालाओं से प्रतिवर्ष मात्र लगभग 18 हजार खाद्य नमूनों के विश्लेषण किये जाने पर अपनी नाराजगी व्य करते हुये योगी ने कड़े निर्देश दिये कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरु अभियान चलाकर अधिक से अधिक खाद्य नमूनों का विश्लेषण करने हेतु मासिक लक्ष्य निर्धारित किया जाये।

यूपी: सुलखान सिंह ने डीजीपी का कार्यभार संभाला




लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह ने शनिवार को प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने इस दौरान पुलिसकर्मियों को काम करने की पूर्ण आजादी देने की बात कही। 
उन्होंने लखनऊ स्थित डीजीपी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "प्रदेश में कानून का राज होगा। पुलिसवालों को काम करने की पूरी आजादी दी जाएगी।"सुलखान सिंह ने कहा कि पुलिस पूरी निष्पक्षता के साथ काम करेगी। यदि कोई भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिर चाहे वह सत्ताधारी दल से हो या नहीं।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्पष्ट निर्देश मिले हैं।गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने पुलिस महकमे में शीर्ष स्तर पर फेरबदल करते हुए शुक्रवार को जावीद अहमद को डीजीपी पद से हटा दिया था। उनके स्थान पर प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह को प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया।
इसके अतिरिक्त आदित्य मिश्रा को अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) के पद पर तैनात किया।वर्ष 1980 बैच के आईपीएस सुलखान सिंह मौजूदा समय में डीजीपी प्रशिक्षण मुख्यालय के पद पर तैनात थे। 
उनकी छवि तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारी की रही है। डीजीपी जावीद अहमद को डीजीपी पीएसी के पद पर स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा 10 अन्य वरिष्ठ आईपीएस अफसरों का भी तबादला किया गया है।


राम मंदिर के लिए आगे आए मुस्लिम कारसेवक, ईंटें लेकर अयोध्या पहुंचे



अयोध्या राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. मंदिर निर्माण को लेकर दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों के साथ अड़े हुए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट भी बाबरी मस्जिद विध्वंस और राम मंदिर मुद्दे को लेकर गंभीर है. इस बीच मुस्लिम समुदाय के एक धड़े ने भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की जोरदार अपील की है.

गुरुवार रात यूपी के मुस्लिम कारसेवक मंच के सदस्य एक ट्रक में ईंट भरकर अयोध्या पहुंचे.
मुस्लिम कारसेवक मंच नाम की यह संस्था राम मंदिर निर्माण का समर्थन कर रही है. न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुस्लिम कारसेवक संस्था के करीब 50 सदस्य रामलला के दर्शन करने पहुंचे. इन कारसेवकों ने ईंटों से भरे ट्रक को पूरे शहर में घुमाकर ‘जय श्री राम’ और ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ के नारे भी लगाए.

मुस्लिम कारसेवकों का कहना है कि राम मंदिर वहीं बनाया जाना चाहिए, इससे देश का निर्माण होगा. हालांकि पुलिस ने कारसेवकों को विवादित परिसर के पास नहीं जाने दिया और उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेज दिया गया.">

इस दौरान मुस्लिम कारसेवक मंच का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद आजम खां ने कहा कि वे चाहते हैं कि राम मंदिर जन्मस्थान पर ही बने.
उन्होंने कहा, ''राम मंदिर निर्माण से देश का निर्माण होगा और सबकी उन्नति होगी. मंदिर निर्माण से हिंदू और मुस्लिमों के बीच की नफरत भी खत्म हो जाएगी. हिंदुस्तान का मुसलमान अब जाग गया है. उसे कौम के दलालों ने अबतक बहुत बेवकूफ बनाया. अब हिंदुस्तान का मुसलमान मंदिर निर्माण के पक्ष में आ गया है और मंदिर वहीं बनेगा, जहां रामलला विराजमान हैं."

UP में आतंकी हमले का अलर्ट, आतंकवादियों को सिखाए गए हिंदू धर्म के रीति-रिवाज



उत्तर प्रदेश में भगवा वेश में हमले की तैयारी है. मध्य प्रदेश इंटेलिजेंस ने यूपी पुलिस को अलर्ट किया है. आतंकी संगठनों ने टीनएजर्स आतंकियों को साधू और तांत्रिक वेश में प्रशिक्षित कर यूपी में उतार दिया है. एमपी इंटेलिजेंस की जानकारी के बाद सभी कप्तानों और डीआईजी और एसएसपी रेलवे को अलर्ट कर दिया है. ऑपरेशन 'कृष्णा इंडिया' से इन सभी का ताल्लुक बताया जा रहा है.

भगवा वेश में हमला कर सकते हैं आतंकी
पुलिस को भेजे गए पत्र में जानकारी दी गई है कि आतंकवादी हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों को सीखकर साधू-संतों के वेश में घुसपैठ कर बड़ी घटना की योजना बना रहे हैं. गौरतलब है कि 12 सितंबर 2014 को बिजनौर में हुए आईईडी विस्फोट के संबंध में खंडवा जेल से फरार सिमी के आतंकवादी (सभी मारे गए) हिंदू प्रतीक चिह्न धारण करते थे.
आईएसआई का ऑपरेशन कृष्णा इंडिया 
इससे पहले भी सूचना मिली थी कि आईएसआई ऑपरेशन 'कृष्णा इंडिया' के अंतर्गत आतंकियों को हिंदू रीति-रिवाजों का प्रशिक्षण देकर हमला करने की फिराक में है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा और बढ़ाने का फैसला लिया गया है. सीएम योगी पर बढ़ते खतरे के मद्देनजर यह फैसला किया है और सूत्रों के मुताबिक उनकी सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) टीम भी तैनात होगी.


लंदन में रची जा रही है CM योगी की हत्या की साजिश! 
इससे पहले खबर आई थी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है. 'द एशियन एज' अखबार ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर दी थी कि लंदन में बैठे कुछ कश्मीरी आतंकी प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश रच रहे हैं. खुफिया एजेंसियों से मिले इस इनपुट के बाद सिक्योरिटी अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस खबर में बताया गया कि करीब एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित आतंकी यूपी में दाखिल हो चुके हैं. स्लीपर सेल की मदद से फिलहाल वह अंडरग्राउंड हैं. इस अलर्ट के बाद यूपी के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिक्षकों को खास निर्दश दिए गए हैं.

Z+ स‍िक्युर‍िटी के साथ अब योगी की सुरक्षा में एनएसजी की QRT टीम भी


लखनऊ.योगी आदित्यनाथ पर बढ़ते खतरे को देखते हुए उनकी सुरक्षा और बढ़ाने का फैसला लिया गया है। अभी उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। सूत्रों के मुताबिक, अब नेशनल स‍िक्युरिटी गार्ड (NSG) की क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT) टीम भी उनकी सुरक्षा में तैनात होगी। बता दें कि कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें आई थीं कि लंदन में कुछ कश्मीरी आतंकियों ने योगी और नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची है। योगी को मिली है जेड प्लससिक्युरिटी...
- फिलहाल, सीएम योगी को NSG के 35 कमांडो दिए गए हैं, जो उन्हें मोबाइल सिक्युरिटी दे रहे हैं। इसमें एक वक्त में 7 कमांडो तैनात रहते हैं। हालांकि, अब इन कमांडोज के अलावा QRT टीम भी योगी की हिफाजत में तैनात रहेगी। होम मिनिस्ट्री ने कुछ दिन पहले ही इसका फैसला लिया था।
लंदन में रची गई योगी की हत्या की साजिश
- कुछ दिनों पहले पहले खबर आई थी कि पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। द एशियन एज अखबार ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से बताया था कि लंदन में बैठे कुछ कश्मीरी आतंकी ये साजिश रच रहे हैं। खुफिया एजेंसियों से मिले इस इनपुट के बाद सिक्युरिटी अलर्ट जारी कर दिया गया है। 
- अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि करीब 10 से ज्यादा ट्रेंड आतंकी यूपी में दाखिल हो चुके हैं। स्लीपर सेल की मदद से फिलहाल वह अंडरग्राउंड हैं। इस अलर्ट के बाद यूपी के सभी डीएम और एसपी को खास इंस्ट्रक्शन दिए गए हैं।
देश में 298 वीवीआईपी को सुरक्षा
- देश में 298 वीवीआईपी को अलग-अलग कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। Z+ सिक्युरिटी कवर के अंदर 26 वीवीआईपी, Z सिक्युरिटी कवर के अंदर 58 वीवीआईपी, Y+ सिक्युरिटी कवर के घेरे में 144 वीआईपी, Y सिक्युरिटी में 2 वीआईपी, X सिक्युरिटी के अंदर 68 वीआईपी को सुरक्षा दी जा रही है।
दो द‍िन पहले यूपी से 10 संदिग्ध आतंकी पकड़े गए थे
- 20 अप्रैल को यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने 5 राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑपरेशन में ISIS के 10 संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा था। यूपी ATS के मुताबिक, ISIS के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े 4 संदिग्ध आतंकियों को अरेस्ट किया गया। इन पर बड़े आतंकी हमले की साजिश का आरोप है। वहीं, 6 और लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
- 20 अप्रैल की सुबह मुंब्रा (महाराष्ट्र), जालंधर (पंजाब), नरकटियागंज (बिहार), बिजनौर और मुजफ्फरनगर (यूपी) में छापा मारा गया। दिल्ली स्पेशल सेल, यूपी और महाराष्ट्र ATS के अलावा आंध्र प्रदेश, पंजाब और बिहार की पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था।
एनकाउंटर में मारा गया था संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह
- इसी साल 7 मार्च की सुबह एमपी के शाजापुर में भोपाल-पैसेंजर ट्रेन में IED ब्लास्ट हुआ था। इसमें 10 लोग जख्मी हुए थे। ब्लास्ट के बाद दोपहर को एमपी पुलिस ने पिपरिया के एक टोल नाके से बस रोककर 4 सस्पेक्ट पकड़े। इनकी गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस ने कानपुर से दो और इटावा से एक संदिग्ध को अरेस्ट किया था।
- इन संदिग्धों से मिली इन्फॉर्मेशन और इंटेलिजेंस इनपुट के बाद यूपी एटीएस ने लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई की थी। यह एक घर में छुपा हुआ था। एटीएस ने पहले सैफुल्लाह को सरेंडर करने के लिए कहा था। बाद में 11 घंटे चले एनकाउंटर के बाद उसे मार गिराया। उसके पास से 8 रिवॉल्वर, 650 कारतूस, कई बम और रेलवे का मैप मिला था।

सीएम योगी का फरमान, स्कूल, हॉस्पिटल में चस्पा करें टीचर-डॉक्टरों की फोटो, मोबाइल नंबर


उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सूबे की योगी सरकार ने कमर कस ली है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि सूबे के सभी प्राथमिक स्कूलों और अस्पतालों में संबंधित टीचर और ऑन ड्यूटी डॉक्टर की फोटो लगाई जाए. साथ ही फोटो के नीचे उनका मोबाइल नंबर भी लिखा होना चाहिए.
गुरुवार को बुंदेलखंड की समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने यह निर्देश दिए. उन्होंने चिकित्सा और शिक्षक विभाग के अफसरों को इस निर्देश को सख्ती पालन करने का आदेश दिया.
मकसद यह है कि डॉक्टरों या शिक्षकों की अनुपस्थिति में तीमारदार या छात्रों के अभिभावक उनसे संपर्क कर सकें. इतना ही नहीं हॉस्पिटल में डॉक्टरों की फोटो लगे होने से मरीज और तीमारदार इमरजेंसी में उनसे संपर्क कर सकें.
दरअसल लगातार स्कूलों और अस्पतालों से शिक्षकों और डॉक्टरों की अनुपस्थिति की खबर आने के बाद योगी सरकार ने यह फरमान सुनाया है.

यूपी के 'यश भारती' सम्मान की जांच करवाएंगे योगी आदित्यनाथ, बच्चन परिवार को मिला चुका है अवॉर्ड


लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है कि वह राज्य के सबसे बड़े सम्मान यश भारती की जांच करवाएंगे. यह अवॉर्ड मुलायम सिंह यादव ने 1994 में शुरू किया था. इसमें यूपी से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने ने कला, संस्कृति, साहित्य या खेलकूद के क्षेत्र में देश के लिए नाम कमाया हो. इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये के अलावा ताउम्र 50 हजार रुपये की पेंशन भी मिलती है. यह पुरस्कार अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रेखा भारद्वाज, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाज़ुद्दीन सिद्द़ीकी़, नसीरूद्दीन शाह, रविंद्र जैन, भुवनेश्वर कुमार जैसी हस्तियों को मिल चुका है.

मायवाती ने अपनी सरकार आने पर यह पुरस्कार बंद कर दिए थे. लेकिन 2012 में अखिलेश यादव सरकार ने इसे दोबारा शुरू करवा दिया. इस बार इस पुरस्कार को लेकर तमाम सवाल उठे और इल्ज़ाम लगे कि अखिलेश यादव ने तमाम गरीब लोगों को आर्थिक मदद करने के लिए यश भारती पुरस्कार दे दिया. हद तो तब हो गयी जब मुख्यमंत्री के नए दफ्तर लोक भवन के सभागार में अखिलेश यादव ने पुरस्कार समारोह का संचालन करने वाली महिला को भी खुश होकर वहीं मंच से यश भारती पुरस्कार देने का ऐलान कर दिया.

यही नहीं समाजवादी पार्टी दफ्तर में काम करने वाले उन दो कर्मचारियों को पत्रकारिता की श्रेणी में यूपी का सबसे बड़ा पुरस्कार दे दिया गया, जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं है. अखिलेश के इस फैसले पर भी सवाल उठे. योगी ने कहा है कि गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा नहीं गिरानी चाहिए. अगर जांच में पाया गया कि पुरस्कार पाने वाले इसके हक़दार नहीं थे तो सम्मान तो अब वापस नहीं हो सकता लेकिन उनको ताउम्र मिलने वाली 50 हज़ार रुपये महीना पेंशन बंद हो सकती है. हालांकि अमिताभ बच्चन परिवार को यह अवॉर्ड तो मिला है, लेकिन वह इसकी पेंशन नहीं लेते.

Friday

BREAKING: CM योगी ने जावीद अमहद को हटाया, सुलखान सिंह को होंगे नए DGP


लखनऊ (21 अप्रैल): उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर बड़े फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही में बड़ा फेरबदल करते हुए राज्य के पुलिस प्रमुख जावीद अहमद को DGP के पद से हटा दिया है। जावीद अहमद की जगह यूपी पुलिस के सबसे सीनियर IPS सुलखान सिंह को DGP नियुक्त किया है। 

सुलखान सिंह फिलहाल डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात हैं। वहीं जावीद अहमद को DGP से हटाकर DG पीएसी नियुक्त किया है।

CM योगी की जान को खतरा! कमांडो के साथ अब QRT टीम की भी तैनाती


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा और बढ़ाने का फैसला लिया गया है. सीएम योगी पर बढ़ते खतरे के मद्देनजर यह फैसला किया है और सूत्रों के मुताबिक उनकी सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) टीम भी तैनात होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फिलहाल ज़ेड प्लस (Z+) सुरक्षा देते हुए इससे NSG के 35 कमांडो दिए गए थे. ये कमांडो सीएम योगी को मोबाइल सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. इस मोबाइल सुरक्षा में एक वक्त NSG के 7 कमांडो तैनात रहते हैं. हालांकि अब इन कमांडोज़ के अलावा QRT टीम भी योगी की हिफाजत में तैनात रहेगी.
लंदन में रची जा रही है CM योगी की हत्या की साजिश! 
इससे पहले खबर आई थी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है. द एशियन एज अखबार ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर दी थी कि लंदन में बैठे कुछ कश्मीरी आतंकी प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश रच रहे हैं. खुफिया एजेंसियों से मिले इस इनपुट के बाद सिक्योरिटी अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस खबर में बताया गया कि करीब एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित आतंकी यूपी में दाखिल हो चुके हैं. स्लीपर सेल की मदद से फिलहाल वह अंडरग्राउंड हैं. इस अलर्ट के बाद यूपी के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिक्षकों को खास निर्दश दिए गए हैं.
ब्लैक कैट कमांडो के हवाले योगी की सुरक्षा 
मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी आदित्यनाथ पर थ्रेट परसेप्शन भी बढ़ गया है. इसी के चलते गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ को एनएसजी कमांडो की सुरक्षा देने का फैसला लिया था. इससे पहले ये फैसला लिया गया था कि योगी आदित्यनाथ को जेड प्लस सुरक्षा घेरे में यूपी पुलिस की एक विशेष कमांडो टीम रखेगी और बाहर CISF की एक टुकड़ी तैनात रहेगी. हालांकि खुफिया ब्यूरो (IB) के पास योगी आदित्यनाथ को लेकर जिस तरीके के खतरे का अलर्ट है, उसके आधार पर एनएसजी की सुरक्षा से बेहतर और कोई सुरक्षा नहीं हो सकती थी.
देश भर में सुरक्षा के खतरे को देखते हुए कुल 298 वीवीआईपी को अलग-अलग कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. देश भर में Z+सुरक्षा कवर के अंदर 26 वीवीआईपी, Z सुरक्षा कवर के अंतर्गत 58 वीवीआईपी, Y+ सुरक्षा कवर के घेरे में 144 वीआईपी, Y सुरक्षा में 2 वीआईपी, X सुरक्षा के अंदर 68 वीआईपी को सुरक्षा दी जा रही है. कुल जिन VIP को अलग-अलग कटेगरी में सुरक्षा दी जा रही है उनकी संख्या 298 है.

अब लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर योगी सरकार की नजर टेढ़ी, जमीन घोटाले का शक


लखनऊ
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रॉजेक्ट्स में से एक लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भी अब सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर टेढ़ी हो गई है। बताया जा रहा है कि एक 'जमीन घोटाले' के शक में इस प्रॉजेक्ट की जांच की जा रही है। कहा जा है कि इस प्रॉजेक्ट के तहत ज्यादा मुआवजा पाने के लालच में खेती की जमीन को रिहायशी जमीन के तौर पर दिखाया गया था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने दस जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे पिछले 18 महीनों के दौरान 230 गांवों में हुई जमीन की खरीद की जांच करें। साथ ही एक्सप्रेस-वे के टेक्निकल सर्वे के लिए एक एजेंसी को भी लगाया गया है।



योगी सरकार ने यह कदम उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डिपलेवमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) के एक स्पेशल फील्ड अफसर वाई.एन लाल की रिपोर्ट पर उठाया है। लाल ने ऐसे 22 जमीन मालिकों और पांच चकबंदी अफसरों के खिलाफ इस सिलसिले में फिरोजाबाद में FIR भी दर्ज कराई है जिन्होंने खेती की जमीन को रिहायशी बताया था। इस प्रॉजेक्ट के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में 20, 456 किसानों से 3,500 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी। UPEIDA के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर अवनीश अवस्थी ने कहा कि उन्होंने जिला कलेक्टरों को इस संबंध में 19 अप्रैल को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे मकसद यह है कि ईमानदार किसानों को इससे कोई नुकसान न हो।

मुलायम सिंह के घर छापा, 4 लाख से ज्यादा का बिजली बिल बकाया


उत्तर प्रदेश में 24 घंटे बिजली का दावा करने वाले मुलायम सिंह के घर बिजली विभाग का छापा पड़ा. यूपी की सत्ता संभालने के साथ ही ऐक्शन के मूड में दिख रही योगी सरकार ने अब पूर्व सीएम मुलायम सिंह पर कार्रवाई की है.
बिजली चोरी के खिलाफ सख्त हुई यूपी सरकार के आदेश के बाद मुलायम के घर पर ये कार्रवाई की गई.
इटावा के सिविल लाइन में स्थित उनकी कोठी पर मीटर जांच के लिए बिजली विभाग के लोग पहुंचे. दरअसल, मुलायम सिंह के घर में 5 किलोवॉट लोड का मीटर लगा हुआ था. जबकि, उनके घर में इससे आठ गुना ज्यादा बिजली की खपत हो रही है.
इतना ही नहीं, मुलायम सिंह के बिजली बिल के हिसाब से उन पर 4 लाख रुपए से ज्यादा का बिल बकाया है. हालांकि, बिजली विभाग की टीम ने कनेक्शन काटने की बजाय नया कनेक्शन लगाया. कर्मचारियों ने जांच करने के बाद उनके घर में 40 किलोवॉट लोड का मीटर लगा दिया.