Saturday

स्मारकों की बदहाली पर योगी को रिपोर्ट देगी BSP

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
बीएसपी प्रमुख मायावती ने स्मारकों की बदहाली पर चिंता जताई है। इसके पीछे कारण उन्होंने अपनी सरकार न होना बताया। कहा कि कांशीराम स्मारक का मुख्य गुंबद तो कभी भी गिर सकता है। उन्होंने इसके लिए अपनी पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं की एक कमिटी भी बनाई है। यह कमिटी स्मारकों की बदहाली की रिपोर्ट तैयार करके यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेगी।
अम्बेडकर पार्क में शुक्रवार को मायावती ने कहा कि हमारी सरकार थी तो महापुरुषों के ये स्मारक शीशे की तरह चमकते थे। कमिटी में बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी, सतीश चंद्र मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा और अशोक सिद्धार्थ को शामिल किया गया है। मायावती ने कहा कि यही कमिटी जनहित के हर मुद्दे पर सीएम योगी से मिलेगी। उन्होंने पार्टी के जिला स्तर तक के पदाधिकारियों से कहा कि वे भी जनहित के मुद्दों पर अधिकारियों से मिलें। बीजेपी के किसी नेता से नहीं।
'मैं नहीं थी मंत्री, नसीमुद्दीन थे'
मायावती ने कहा कि कभी स्मारक घोटाला तो कभी चीनी मिल घोटाले का मुद्दा उछालकर ऐसे पेश किया जाता है कि मैंने या मेरे परिवार ने कोई बड़ा घोटाला किया है। बीजेपी मुझे चुप कराने के लिए ऐसा करती है, लेकिन मैं बता देना चाहूंगी कि गन्ना विभाग हो या स्मारक का मामला, दोनों विभागों की मंत्री मैं नहीं थी। इन दोनों विभागों के मंत्री नसीमुद्दीन थे और फैसला पूरी कैबिनेट ने लिया था। उन्होंने कहा कि सरकार जांच करवाए, हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वह राजनीतिक द्वेष से न हो।
'द्वेष भावना से बंद किए बूचड़खाने'
मायावती ने कहा कि बीजेपी की सरकार अभी द्वेष भावना से ही काम कर रही है। बिना नोटिस और समय दिए ही बूचड़खाने बंद कर दिए। इस काम में लगे मुस्लिम और कमजोर तबके के हिंदू समाज के काफी लोग बेरोजगार हुए हैं।
'रिहायशी इलाकों में बंद हों शराब की दुकानें'
मायावती ने रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें बंद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में महिलाएं रिहायशी इलाकों में शराब का विरोध कर रही हैं, लेकिन आर्थिक हित के लिए सरकार दुकानें बंद नहीं कर रही। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाने को भी सरकार कुछ नहीं कर रही। मायावती ने कहा कि किसान परेशान हैं। सिर्फ एक लाख तक का कर्जमाफ करके किसानों से धोखा किया गया है।
समीक्षा करने से कुछ नहीं होगा
मायावती ने कहा कि कानून व्यवस्था भी बदहाल है। वाराणसी और गोरखपुर भी इससे अछूते नहीं हैं। उन्होंने योगी सरकार पर तंज किया कि सिर्फ बैठकें और समीक्षाएं करने से प्रदेश का कुछ भला नहीं होने वाला। सिर्फ प्रचार पाने से कुछ नहीं होगा। जो बातें हो रही हैं, उन पर अमल भी जरूरी है।
ओबीसी से धोखा किया
मायावती ने कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी ने ब्राह्मण को हटाकर ओबीसी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। ओबीसी वोट पाने के लिए ऐसा किया गया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उसे सीएम नहीं बनाया गया। किसी ब्राह्मण को भी नहीं बनाया गया। एक आरएसएस के आदमी को बैठा दिया गया। बीजेपी किसी बड़े राज्य में ओबीसी या दलित को सीएम नहीं बना सकती। एक बार कल्याण सिंह को बनाया, लेकिन उन्हें भी बलि का बकरा बनाकर शहीद कर दिया।
कम भीड़ पर दी सफाई
अम्बेडकर जयंती पर हर बार की तरह भीड़ नहीं थी। इस पर मायावती ने साफ किया कि मैंने इस बार सिर्फ जिला, मंडल और प्रदेश के पदाधिकारियों को ही आने को कहा था। उसके बावजूद बाबा साहब के प्रति श्रद्धा रखने वाले अन्य लोग भी यहां आ गए।

No comments:

Post a Comment