मेरठ में कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी द्वारा विवादित होर्डिंग लगाई गई थीं, जिन्हें जिला प्रशासन ने हटवा दिया है। इन पर लिखा था प्रदेश में रहना है तो योगी-योगी कहना है। वहीं वाहिनी ने कहा कि यह उनके नाम को खराब करने की साजिश है। इस होर्डिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा युवा वाहिनी के मेरठ के जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा पांचली की तस्वीर लगी हुई है। इसे वाहिनी की छवि को खराब करने की साजिश बताते हुए क्षेत्रीय अध्यक्ष नागेंद्र तोमर ने एचटी से कहा कि नीरज शर्मा को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पिछले महीने संस्था से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि वाहिनी का इस होर्डिंग से कुछ लेना-देना नहीं है और योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि वह अनुशासन में रहें और काम जिम्मेदारी से करें। बीजेपी के शहरी इकाई के प्रेजिडेंट करुनेश नंदन गर्ग ने एचटी से कहा कि हिंदू युवा वाहिनी एक स्वतंत्र संस्था है और उसका पार्टी के कोई संबंध नहीं है।
1 अप्रैल को लखनऊ में यूपी विधानसभा के बाहर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के समर्थन में बीजेपी नेता कुंवर सैयद इकबाल हैदर द्वारा लगाए गए बैनर पर विवाद छिड़ गया था। इस बैनर में पुणे के धार्मिक गुरु मौलाना डॉ.शाबीह अहसन काजमी की तस्वीर लगाई गई थी। उनका कहना था कि इस तस्वीर को उनकी इजाजत और बिना बताए इस्तेमाल किया गया और उन्हें यह भी नहीं पता था कि यह बैनर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उन्होंने इसकी शिकायत पुणे पुलिस कमिश्नर से की थी।
इस बैनर में बाकी लोगों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीर थी। ”हो जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण, मुस्लिमों का यही अरमान” इस नारे के साथ काजमी की तस्वीर बैनर पर छापी गई थी। काजमी पुणे के गुरुद्वार पेथ इलाके के रेजा ट्रस्ट के धार्मिक नेता हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी तस्वीर शरारती इरादे से इस्तेमाल की गई है, ताकि यह लगे कि अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए मैंने अपना समर्थन दे दिया है। उन्होंने कहा था कि मैंने राम मंदिर मामले को लेकर कोई एेसा कमेंट नहीं किया। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरी होगा और मुझे भी यह मंजूर होगा
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