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SP,BSP सरकार की विकास परियोजनायें योगी सरकार के राडार पर




लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों के शासनकाल में चलायी गयी विभिन्न विकास परियोजनाएं मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार की जांच के रडार पर हैं. एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वकांक्षी परियोजना गोमती रिवरफ्रंट, जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर लखनऊ तथा पुराने लखनऊ के सौंदर्यीकरण की परियोजना के साथ-साथ मायावती के पिछले मुख्यमंत्रित्वकाल में 21 चीनी मिलों को बेचे जाने इत्यादि के मामले जांच के घेरे में हैं. उन्होंने बताया कि बसपा के शासनकाल में चीनी मिलों को बेचे जाने की जांच का आदेश पिछली सात अप्रैल को दिया गया है और जरूरत पड़ने पर सरकार इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर सकती है. इन चीनी मिलों को वर्ष 2010-11 में औने-पौने दामों पर बेचे जाने से सरकार को 1100 करोड़ रपये के नुकसान का अंदेशा है. अखिलेश ने पिछली चार दिसम्बर को पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद में एक संग्रहालय की आधारशिला रखने के साथ-साथ इलाके के सौंदर्यीकरण कार्य की शुरुआत की थी. जय प्रकाश नारायण अन्तरराष्ट्रीय केन्द्र भी अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शुमार था. इस केन्द्र में एक संग्रहालय, एक अतिथि गृह, अन्तरराष्ट्रीय स्तर का तरणताल तथा एक खेल काम्प्लेक्स है. अधिकारी ने बताया कि लखनऊ में बन रहा अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी भाजपा सरकार की जांच के रडार पर है और इस सिलसिले में खेल विभाग से रिपोर्ट मांगी गयी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकार में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय नगरीय नवीकरण अभियान (जेएनएनयूआरएम) के तहत किये गये कार्यो की जांच के भी आदेश दिये हैं.

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