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‘भला हो मेट्रो का, वरना योगी जी तो टीवी पर मोदी जी के लिए कोई जगह ही नहीं छोड़ रहे हैं!’


‘भला हो मेट्रो का, वरना योगी जी तो टीवी पर मोदी जी के लिए कोई जगह ही नहीं छोड़ रहे हैं!’



ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल भारत की यात्रा पर हैं. वे रविवार को नई दिल्ली पहुंचे थे और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने दिल्ली मेट्रो में यात्रा की है. इस यात्रा की खबर और तस्वीरों पर सोशल मीडिया में खूब प्रतिक्रियाएं आई हैं. भाजपा समर्थकों ने इस खबर को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है. दोनों राष्ट्रप्रमुखों ने मेट्रो के मंडी हाऊस से अक्षरधाम स्टेशन तक की यात्रा की है. इसके बाद वे अक्षरधाम मंदिर भी पहुंचे. ये तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर हुई हैं. ट्विटर पर ट्रेंडिंग टॉपिक ‘अक्षरधाम टेंपल’ के बहाने भाजपा समर्थकों ने पार्टी पर भगवा एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप लगाने वालों पर अपने-अपने अंदाज में चुटकियां ली हैं. ह्यूमरॉलिक का ट्वीट है, ‘प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलयाई प्रधानमंत्री के साथ अक्षरधाम की यात्रा की. जेएनयू ने भगवाकरण का मुद्दा उठाया.’ वहीं कुछ लोगों ने मजाकिया अंदाज में कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कारण नरेंद्र मोदी को मिलने वाली टीवी कवरेज में कमी आई है और इसलिए वे मेट्रो में एक विदेशी प्रधानमंत्री के साथ यात्रा कर दोबारा चर्चा में आना चाहते हैं.
मेट्रो में मोदी के साथ सेल्फी लिए जाने की तस्वीरों पर कई लोगों ने टर्नबुल को याद दिलाया है कि मेट्रो में ऐसा करना कानून अपराध है. ट्विटर हैंडल @vidyut_maurya पर एक टिप्पणी है, ‘वैसे तो मेट्रो के अंदर सेल्फी लेना मना है लेकिन प्रधान जी कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं?’ पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है. पाकिस्तानी सेना के मुताबिक बीते साल तीन मार्च को कुलभूषण को ईरान के रास्ते पाकिस्‍तान में घुसते समय बलूचिस्‍तान से गिरफ्तार किया गया था और उसके मुताबिक जाधव रॉ के एजेंट थे. भारतीयों ने सोशल मीडिया के जरिए इस मामले पर आपत्ति जताते हुए प्रतिक्रियाएं दी हैं. ट्विटर पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पूछा है कि क्या है कि क्या कुलभूषण जाधव को पारदर्शी सुनवाई का हक नहीं था? वहीं माणक गुप्ता का ट्वीट है, ‘यह एक आतंकवादी देश द्वारा न्यायिक हत्या का मामला है. क्या सरताज अजीज ने यह नहीं माना था कि कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई सबूत नहीं था?’ इन दोनों मामलों पर सोशल मीडिया में आई कुछ और प्रतिक्रियाएं :

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