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अखिलेश के इन 7 बड़े फैसलों को अब तक पलट चुके हैं योगी आदित्यनाथ






उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में आ गए हैं. योगी सरकार यूपी के विकास के लिए नए फैसले तो ले ही रही है साथ ही पुरानी योजनाओं और नीतियों की समीक्षा भी की जा रही है. इस सिलसिले में योगी आदित्यनाथ कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जिन्होंने सीधे तौर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नीतियों और इरादों पर चोट दी है. अखिलेश सरकार के कुछ फैसलों और योजनाओं पर भी योगी सरकार ने ब्रेक लगा दिया है.


1. अखिलेश की तस्वीर वाले राशन कार्ड रद्द
योगी सरकार ने तीन करोड़ 40 लाख राशन कार्ड रद्द करने का फैसला लिया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इन राशन कार्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीरें थीं. योगी सरकार इन सभी राशन कार्डों को रद्द करके अब नया कार्ड जारी करेगी जो स्मार्ट कार्ड होगा और इसमें चिप भी लगी होगी.


2. समाजवादी आवास स्कीम बंद
योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव सरकार की प्रमुख समाजवादी आवास स्कीम को भी बंद कर दिया है. इसकी जगह राज्य में अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को अफोर्डेबल हाउस दिलाया जाएगा. दरअसल केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद देशभर में अफोर्डेबल हाउस (सस्ता घर) दिलाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना को लॉन्च किया गया था. इस योजना को उत्तर प्रदेश में तरजीह देने की जगह राज्य में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने समाजवादी आवास योजना को लॉन्च किया था.

3. समाजवादी पेंशन योजना पर ब्रेक
योगी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सबसे बड़ी योजना 'समाजवादी पेंशन योजना' पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और इसके पात्रता की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. सोमवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला लिया.


4. पोषण मिशन कमेटी भंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पोषण मिशन कमेटी को भी भंग कर दिया. अखिलेश यादव सरकार ने 2014 में इस कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी की सदस्य उनकी पत्नी डिंपल यादव थीं. इस योजना के जरिए प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने का दावा किया गया था. प्रदेश में मां और उसके तीन साल तक के बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर निगरानी रखने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया था.


5. वीआईपी शहरों की लिस्ट बदली
योगी सरकार ने यूपी के वीआईपी शहरों की लिस्ट भी बदल दी है. ताजा फैसले के मुताबिक इटावा, कन्नौज और आजमगढ़ की जगह गोरखपुर, मथुरा, अयोध्या और वाराणसी वीआईपी शहर होंगे. बता दें कि इटावा पूर्व सीएम अखिलेश यादव का गृह जिला है. जबकि कन्नौज अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का संसदीय क्षेत्र है. जबकि आजमगढ़ मुलायम सिंह यादव का क्षेत्र है.

6. योजनाओं से समाजवादी शब्द हटाया 
योगी सरकार ने अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट्स को बंद करने के अलावा समाजवादी पार्टी के नाम से चल रही योजनाओं के नाम भी बदले हैं. यूपी सरकार की जिन योजनाओं और सुविधाओं पर समाजवादी शब्द लिखा था, उन्हें हटाने का फैसला भी योगी सरकार ने किया. इन योजनाओं में अब समाजवादी की जगह मुख्यमंत्री शब्द जोड़ा जाएगा.
7. गोरखपुर पहुंचेगी मेट्रो
योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ अखिलेश सरकार की योजनाओं को बंद किया है. बल्कि कुछ जगह उसको नए रूप में आगे बढ़ाने का भी फैसला लिया है. यूपी में मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों को ही चुना गया था लेकिन योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ते हुए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में गोरखपुर को शामिल करने का फैसला लिया है.

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