अवैध बूचडख़ानों पर पाबंदी से कच्चे माल की दिक्कत झेल रहे उत्तर प्रदेश के चमड़ा उद्योग की मुश्किलें और बढऩे वाली हैं। गंगा सफाई अभियान सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानपुर, उन्नाव और कन्नौज के चमड़ा कारखानों को दूसरी जगह स्थानांतरित करेगी।
चमड़ा कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों से गंगा प्रदूषित होने से बचाने के लिए इन उद्योगों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने पर योगी सरकार तैयार हो गई है। गंगा किनारे बसे शहर कानपुर, कन्नौज और उन्नाव में बड़ी तादाद में टैनरियां हैं, जहां चमड़े की सफाई से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ नदी में बहाए जाते हैं। कानपुर, उन्नाव और कन्नौज के चमड़ा उद्योग को स्थानांतरित करने पर प्रदेश सरकार इसी सप्ताह 13 अप्रैल को फैसला ले सकती है।
गंगा संरक्षण को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। मुलाकात में मुख्यमंत्री ने उमा भारती को भरोसा दिलाया है कि कानपुर और कन्नौज के चमड़ा संयंत्र दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाएंगे। योगी ने कहा कि 2019 में होने वाले अद्र्धकुंभ को ध्यान में रखकर गंगा की सफाई का काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने महाराष्ट्र की तर्ज पर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना की रिपोर्ट 13 अप्रैल को पेश करने का निर्देश दिया है। जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सचिव अमरजीत सिंह ने बताया कि 'नमामि गंगे' परियोजना में इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, गढ़मुक्तेश्वर, मुरादाबाद, कन्नौज, बुलंदशहर और वृंदावन में 2900 करोड़ रुपये की कुल 19 परियोजनाएं चल रही हैं। अमरजीत सिंह ने बताया कि कानपुर, उन्नाव और बंथरा आदि में चमड़ा उद्योग की वजह से गंगा प्रदूषित हो रही है।
दीगर बात है कि इन कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को सीधे गंगा में प्रवाहित होने से रोकने से लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी टैनरियों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने के निर्देश दिए थे। बोर्ड के निर्देशों के बाद कई टैनरियों में एसटीपी लगाई भी गईं पर उनका संचालन नही हो रहा है। अभी भी बड़ी तादाद में टैनरियों से निकलने वाला दूषित पानी सीधे गंगा में बहाया जा रहा है।
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