Saturday

क्या 1 april 2023 से UPI पर लगेगा charge?




 अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से UPI पर कोई चार्ज लगाने के बारे में कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया गया है।  1 अप्रैल 2023 को भी UPI पेमेंट पर कोई चार्ज लगने की संभावना कम है। 


हालांकि, अगर भविष्य में RBI द्वारा UPI पेमेंट्स के लिए चार्ज लगाने का फैसला लिया जाता है, तो उसे पहले से घोषित कर दिया जाएगा और 1 अप्रैल 2023 से यह लागू होगा। लेकिन अभी तक UPI पेमेंट्स पर कोई चार्ज नहीं है और 1 अप्रैल 2023 तक भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने की संभावना है। 


यदि होता है तो भी इस बारे में पहले से नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। अत: अभी UPI पेमेंट्स पर कोई चार्ज नहीं है और 1 अप्रैल 2023 तक भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने की उम्मीद है।


प्रति दिन कितने UPI लेनदेन?

यूपीआई के माध्यम से पैसे भेजने वाले यूजर अब दिन भर में एक बैंक अकाउंट से केवल 10 बार ही पैसे भेज सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने एक सर्कुलर जारी करके यह जानकारी दी है। अभी तक यूपीआई यूजर एक दिन में 20 बार पैसे भेज सकते थे।

1) दिन भर में अधिकतम 1 लाख रुपए तक ही भेज पाएंगे

  • एनपीसीआई का तर्क है कि यूपीआई से जुड़े फ्रॉड और रिस्क को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। इसके बाद से अब यूपीआई यूजर 24 घंटे की समय सीमा में एक खाते से सिर्फ 10 बार पैसे भेज सकेंगे और दिन भर में भेजा जाने वाला कुल अमाउंट 1 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होगा।
  • यह लिमिट पर्सन टू पर्सन होने वाले ट्रांजेक्शन के लिए निर्धारित की गई है। अगर आप एक से ज्यादा ऐप का इस्तेमाल करके यूपीआई की मदद से ट्रांजेक्शन करते हैं तो भी आप दिन में 10 ट्रांजेक्शन ही कर पाएंगे। भले ही आप Phonepe, Google Pay, BHIM, Paytm  या कोई दूसरा ऐप यूज कर रहे हों।

अगर आपके पास एक से अधिक बैंक अकाउंट हैं तो आपकी डेली ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ जाती है। एक ही मोबाइल नंबर से सभी बैंक अकाउंट को लिंक होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे अगर आपके पास 4 बैंक खाते हैं तो आप हर बैंक खाते 10 ट्रांजेक्शन के हिसाब से दिन भर में 40 बार पैसे भेज सकते हैं।

अगर आप खुद के एक खाते से दूसरे खाते में पैसे भेजते हैं तो यह ट्रांजेक्शन आपकी लिमिट में काउंट नहीं होगा। इसके अलावा यूपीआई के माध्यम से किसी मर्चेंट के साथ लेनदेन करने पर वह भी लिमिट में काउंट नहीं होगा। हालांकि, अगर दूकानदार यूपीआई के साथ वर्चुअल पेमेंट एड्रेस या क्यूआई कोड के माध्यम से पेमेंट लेने के लिए रजिस्टर नहीं है तो उसके साथ किया गया लेनदेन लिमिट में काउंट होगा।

मैं अपनी यूपीआई लिमिट कैसे चेक करूं?
दैनिक सीमाएँ

अपनी UPI लिमिट और दैनिक सीमाओं को चेक करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:

1. आपके बैंक ऐप में - बहुत से बैंक अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप्स में UPI लिमिट और दैनिक सीमाओं को दिखाते हैं। अपने बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप में लॉगिन करें और 'UPI लिमिट्स' या 'दैनिक सीमाएं' विकल्प पर टैप करें।

2. UPI पोर्टल पर - https://upi.org.in/ पर अपने UPI आइडी और पासवर्ड से लॉगिन करें। एक बार लॉगिन होने पर, UPI लिमिट और दैनिक सीमाओं की जानकारी 'मेरे खाते' विकल्प के तहत दिखाई जाएगी।

3. ट्रांजेक्शन हिस्ट्री चेक करें - आप अपने बैंक ऐप में या UPI पोर्टल पर अपने ट्रांजेक्शन हिस्ट्री रिकॉर्ड को देखकर भी अपनी बचत और उपयोग की गई राशि का अनुमान लगा सकते हैं।

होप यह जानकारी आपके लिए उपयोल रहेगी। यदि आपके कोई अतिरिक्त सवाल हैं तो पूछें।


आप एक दैनिक सीमा तक पहुँच सकते हैं यदि: आप सभी UPI ऐप्स पर एक दिन में ₹1,00,000 से अधिक भेजने का प्रयास करते हैं। आप सभी UPI ऐप्स पर एक दिन में 10 से अधिक बार पैसे भेजने का प्रयास करते हैं। आप किसी से ₹2,000 से ज़्यादा की रिक्वेस्ट करते हैं।

कितने यूपीआई ट्रांजेक्शन फ्री हैं?

 नियमित यूपीआई लेनदेन , जो सीधे बैंक खाते से बैंक खाते में किए जाते हैं, निःशुल्क रहते हैं। UPI वर्तमान में भारत में सबसे पसंदीदा और सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके तुरंत बैंक खातों के बीच धन हस्तांतरित करने की अनुमति देती है।


अगर यूपीआई काम नहीं कर रहा है तो क्या करें?

दैनिक यूपीआई भुगतान सीमा को पार कर गया

यदि आपने दैनिक लेन-देन की सीमा पार कर ली है तो UPI भुगतान भी विफल हो जाता है। यदि आपका UPI लेन-देन इस कारण से विफल हो जाता है, तो आप या तो अपने दूसरे बैंक खाते का उपयोग कर सकते हैं, यदि आपके पास कोई है या आप 24 घंटे के बाद उसी लेन-देन का पुनः प्रयास कर सकते हैं।



 यूपीआई से 1 दिन में कितना पेमेंट कर सकते हैं?


UPI से एक दिन में कर पाएंगे इतनी पेमेंट:

बता दें कि NPCI ने UPI पेमेंट्स के लिए लिमिट तय की है। NPCI का कहना है कि हर यूजर UPI के जरिए एक दिन में सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही पेमेंट कर सकता है। इससे ज्यादा आप पेमेंट नहीं कर पाएंगे


यूपीआई से 1 दिन में कितना पेमेंट कर सकते हैं?

UPI पर एक दिन में कितना ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, यह आपके बैंक और बैंकिंग खाते के प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ अहम बिंदु इस संबंध में निम्न हैं:

• एक मासिक वेतन खाते से UPI ट्रांजेक्शन में सामान्यतः एक दिन में 1-2 लाख रुपये तक की सीमा होती है। यह आपके बैंक द्वारा निर्धारित होती है।

• एक बचत बैंक खाते से UPI ट्रांजेक्शन में सामान्यतः एक दिन में 25,000-50,000 रुपये तक की सीमा हो सकती है। यह भी बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।

• एक व्यापार खाते से UPI ट्रांजेक्शन में दैनिक सीमा आम तौर पर 5 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है। यह आपके बैंक द्वारा निर्धारित होती है।

• यदि आपके पास एक व्यापारी खाता है और आप अधिक उच्च सीमा चाहते हैं, तो आपको अपने बैंक से उच्चतर सीमा के लिए आवेदन करना होगा।

अत: एक दिन में UPI से कितने ट्रांजेक्शन कर सकते हैं यह आपके बैंक खाते और उसके प्रकार पर निर्भर करता है। आपको अपने बैंक से अधिक उच्च सीमा के लिए संपर्क करना हो सकता है।


क्या एक दिन में एक ही खाते से अनेक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं?








जी हां, UPI से आप एक ही खाते से एक दिन में अनेक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके लिए निम्न बिंदुओं का ध्यान रखें:

• आपके खाते के लिए निर्धारित दैनिक सीमा का पालन करें। यदि आप इस सीमा को पार करते हैं तो ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे। 

• बैंक द्वारा अनुमोदित प्रति ट्रांजेक्शन सीमा का ध्यान रखें। आपके बैंक द्वारा इस सीमा को निर्धारित किया जा सकता है। यदि आप इस सीमा को पार करेंगे तो ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे।

• अपने खाते में पर्याप्त प्रावधान या उपलब्ध बैलेंस होना सुनिश्चित करें। प्रावधान या बैलेंस के अभाव में ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे।

• आपके बैंक द्वारा निर्धारित कोई अन्य शर्तें या प्रतिबंध हो सकते हैं। इन्हें भी ध्यान में रखकर ट्रांजेक्शन करें।

अत: आप एक ही खाते से एक दिन में अनेक UPI ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। बस आपको अपने खाते और बैंक के नियमों का पूर्ण पालन करना होगा। यदि आपके कोई संदेह हैं तो अपने बैंक से संपर्क करें।
                                                                               

























































क्या आधार पैन लिंक फ्री है?


PAN और Aadhaar को घर बैठे ऑनलाइन लिंक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. नागरिकता और आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट "https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/" पर जाएं।
2. "Quick Links" के अंतर्गत "Link Aadhaar" पर क्लिक करें।
3. अब आपको अपने PAN नंबर, Aadhaar नंबर और नाम का पूरा विवरण भरना होगा।
4. उसके बाद, आपको "ओटीपी" को दर्ज करना होगा जो आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
5. ओटीपी को दर्ज करने के बाद, "Link Aadhaar" पर क्लिक करें।
6. आपके पूर्व दर्ज किए गए विवरण को सत्यापित करने के बाद, आपका PAN और Aadhaar कार्ड लिंक हो जाएगा।

ध्यान दें कि आपके PAN और Aadhaar कार्ड में दर्ज नाम एक दूसरे से समान होना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि आपका नाम लिंक करने के दौरान सत्यापित नहीं किया जा सकता है, तो आपको निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जाकर लिंक करवाना होगा।

क्या आयकर विभाग की वेबसाइट पर लिंक करने के लिए शुल्क होता है?


आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर लिंक करने के लिए कोई शुल्क नहीं होता है। 

आयकर विभाग की वेबसाइट incometaxindia.gov.in है जहां आप नि:शुल्क लिंक बना सकते हैं। 

इस वेबसाइट पर उपलब्ध सारी सूचनाएं और सेवाएं नि:शुल्क उपयोगकर्ताओं के लिए हैं। यहां किसी भी तरह के लिंकिंग फीस या अन्य शुल्क नहीं लिया जाता है।

आप इस वेबसाइट के लिंक्स अपनी अन्य वेबसाइट, ब्लॉग या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर सकते हैं

क्या आयकर विभाग की वेबसाइट पर नए उपयोगकर्ता के लिए अकाउंट बनाना जरूरी है?


आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट incometaxindia.gov.in पर नए उपयोगकर्ता के लिए अकाउंट बनाना अनिवार्य नहीं है। यह एक नि:शुल्क प्रयोगकर्ता वेबसाइट है।

कुछ सेवाएं जैसे ITR फाइल करना, टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना आदि के लिए आपको अपने पैन नंबर दर्ज करना होगा। लेकिन इसके लिए आपको किसी अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं है।

यदि आपको अतिरिक्त सुविधाएं जैसे टैक्स एडवाइस, टैक्स रिफंड स्टेटस ट्रैकिंग, ई-नोटिस प्राप्त करना आदि की आवश्यकता है, तो आप अपना पंजीकृत उपयोगकर्ता अकाउंट बना सकते हैं। लेकिन नए उपयोगकर्ता के रूप में आप वेबसाइट पर पहुंचने और आम जानकारी देखने के लिए किसी अकाउंट की आवश्यकता नहीं है।

क्या आयकर विभाग की वेबसाइट पर PAN और Aadhaar को लिंक करने के लिए कोई निश्चित समय सीमा होती है?


हाँ, आयकर विभाग की वेबसाइट पर PAN और Aadhaar को लिंक करने के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है। जैसा कि आयकर विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है, 30 जून 2023 तक आपको अपने PAN और Aadhaar को लिंक करना होगा। 

इस समय सीमा से पहले अपने PAN और Aadhaar को लिंक करने के लिए आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने विवरण दर्ज करने की आवश्यकता होगी। यदि इस समय सीमा से पहले लिंक नहीं किया जाता है, तो आपका PAN नंबर निष्पादित हो सकता है।

क्या आयकर विभाग ने अलग से कोई शुल्क निर्धारित किया है लिंक करने के लिए?


31 मार्च 2022 से पहले पैन को आधार से लिंक करना मुफ्त था और उसके बाद 1 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 के बीच यह 500 रुपये था। हालांकि, अब आपको 100 रुपये का शुल्क देना होगा। 1,000 यदि 30 जून 2023 तक अपने पैन को आधार से लिंक करें


क्या PAN और Aadhaar लिंकिंग के लिए कोई अन्य विकल्प हैं?


हां, PAN और Aadhaar लिंकिंग के अलावा कुछ अन्य विकल्प भी हैं:

1. ऑनलाइन प्रक्रिया: यह सबसे सरल और सुविधाजनक विकल्प है। incometaxindia.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कर PAN और Aadhaar लिंक करना एक मिनट में ही हो जाता है। 

2. CIT कार्यालय में जाकर लिंकिंग: अगर ऑनलाइन प्रक्रिया में किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने आयकर आयुक्त (CIT) के कार्यालय में जाकर लिंकिंग कराया जा सकता है। पर यह प्रक्रिया अधिक समय लेगी।

3. पंजीकृत पोस्ट ऑफिस या बैंक: कुछ पंजीकृत पोस्ट ऑफिसें या बैंक भी PAN-Aadhaar लिंकिंग की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन इसके लिए शुल्क लेने का अधिकार आरक्षित है। इसलिए आप सरकारी पोर्टल का इस्तेमाल करना बेहतर मान सकते हैं।

4. सेवा प्रदाता: कुछ निजी सेवा प्रदाता PAN-Aadhaar लिंकिंग की ऑनलाइन सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन इसके लिए शुल्क लेने का अधिकार हो सकता है। फिर भी यह विकल्प बेहतर समझा जा सकता है अगर सरकारी पोर्टल पर किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


क्या आयकर विभाग ने अभी तक अधिसूचना जारी की है कि PAN और Aadhaar लिंकिंग अनिवार्य है?


हां, आयकर विभाग ने PAN और Aadhaar लिंकिंग को अनिवार्य करने के लिए कई अधिसूचनाएं जारी की हैं।

सबसे महत्वपूर्ण अधिसूचनाएं हैं:

1. 4 जुलाई 2017 को जारी अधिसूचना: इसने PAN कार्ड होल्डरों के लिए Aadhaar पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया और 30 जून 2018 को अंतिम तिथि निर्धारित की।

2. 31 दिसंबर 2018 को जारी अधिसूचना: इसने 30 जून 2018 की तारीख को बढ़ा कर 31 दिसंबर 2018 कर दी। 

3. 27 दिसंबर 2018 को जारी आदेश: इसने 31 दिसंबर 2018 को से आगे अनिंवार्य स्कीम को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दिया। 

4. 31 दिसंबर 2019 के बाद, लिंक नहीं किए गए PAN पर कोई ट्रांसैक्शन नहीं की जाएगी। इसका अर्थ है कि PAN और Aadhaar लिंकिंग पर 31 दिसंबर 2019 तक अनिवार्य है।

इस प्रकार, आयकर विभाग ने एक स्पष्ट अनिवार्य अंतिम तिथि स्थापित कर PAN और Aadhaar लिंकिंग को अनिवार्य बना दिया है।

क्या आयकर विभाग ने बताया है कि अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं होते हैं तो क्या होगा?


हाँ, आयकर विभाग ने बताया है कि अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं होते हैं तो आप अपना आयकर रिटर्न नहीं भर पाएंगे। आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, PAN और Aadhaar का लिंक करना आवश्यक है ताकि आप आयकर रिटर्न भर सकें। यदि आपके PAN और Aadhaar लिंक नहीं होते हैं, तो आप अपना आयकर रिटर्न नहीं भर पाएंगे और आयकर विभाग द्वारा नुकसान के लिए आप प्रतिबंधित किए जा सकते हैं।

इसलिए, आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने PAN और Aadhaar को लिंक करना चाहिए ताकि आप आयकर रिटर्न भर सकें और किसी भी प्रकार के नुकसान से बच सकें।


हां, आयकर विभाग ने अपनी अधिसूचनाओं में बताया है कि अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं होता है तो क्या हो सकता है:

• 31 दिसंबर 2019 के बाद अलिंक्ड PAN पर कोई भी ट्रांसैक्शन या कार्रवाई नहीं होगी। इसमें टैक्स रिफंड, नए पैन कार्ड का अनुरोध शामिल है। 

• अलिंक्ड PAN पर जारी किए गए पैन कार्ड 31 दिसंबर 2019 के बाद मान्य नहीं रहेंगे।

• अलिंक्ड PAN को 'लिंक अनन्य' मार्क किया जाएगा और इसका उपयोग नहीं किया जा सकेगा। 

• लिंक अनन्य पैन को फिर से प्रयोग करने के लिए व्यक्ति को PAN पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी। यह एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें शुल्क भुगतान करना पड़ सकता है।

• आयकर विभाग को लिंक अनन्य पैन की सूची अन्य विभागों के साथ साझा करने का अधिकार होगा। यह टैक्स छूट या सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा।

तो सारांश में, PAN और Aadhaar लिंक न होने से व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसलिए सभी करदाताओं को 31 दिसंबर 2019 तक अपना लिंकेज करा लेना चाहिए।

क्या मैं अपने Aadhaar को अपने PAN से ऑफलाइन भी लिंक कर सकता हूं?


हाँ, आप अपने Aadhaar को अपने PAN से ऑफलाइन भी लिंक कर सकते हैं। आप निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं और अपने Aadhaar को अपने PAN से लिंक करवा सकते हैं।

इसके लिए, आपको आयकर विभाग के आधिकारिक वेबसाइट "https://www.incometaxindia.gov.in/" पर जाकर "Offline Aadhaar PAN Linking" फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फॉर्म को भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जमा करें।

ध्यान दें कि ऑफलाइन प्रक्रिया में आपको कुछ दिनों का समय लग सकता है। इसलिए, यदि आपको तत्काल आवश्यकता है, तो ऑनलाइन प्रक्रिया का उपयोग करना उचित होगा।

क्या आप मुझे ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में बता सकते हैं?


जी हाँ, निम्नलिखित दस्तावेजों को आपको ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए जमा करने की आवश्यकता होगी:
 
1. आधार कार्ड की प्रति
2. पैन कार्ड की प्रति
3. आवेदन पत्र (जो आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है)
4. कॉपी ऑफ बैंक स्टेटमेंट या पासबुक
5. कॉपी ऑफ आधार कार्ड से लिंक किए गए बैंक खाते की प्रति
6. फोटो कॉपी के साथ स्वाक्षरित स्वयं के फार्म की प्रति

आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं और आप उन्हें निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जमा करते समय साथ ले जाते हैं।

क्या अगर व्यक्ति के पास अभी तक Aadhaar नहीं है तो क्या करना होगा?


अगर आपके पास अभी तक Aadhaar नहीं है, तो पहले Aadhaar प्राप्त कराना होगा। Aadhaar का आवेदन ऑनलाइन या UIDAI के सुविधा केंद्रों पर किया जा सकता है।

Aadhaar प्राप्त होने के बाद आप PAN और Aadhaar लिंकेज के लिए तैयार हो जाएंगे। इसके लिए आप फिर से आयकर विभाग के पोर्टल incometaxindia.gov.in पर जा सकते हैं।

कुछ अन्य बिन्दु ध्यान में रखें:

• Aadhaar प्राप्त करने में औसतन 90-120 दिन लगते हैं। इसलिए जल्द से जल्द Aadhaar आवेदन करें।

• 31 दिसंबर 2019 की अंतिम तिथि से पहले ही Aadhaar आवेदन देना चाहिए ताकि इसे प्राप्त कर PAN लिंकेज कराया जा सके।

• Aadhaar आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है। लेकिन दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति मांगी जा सकती है जिसके लिए शुल्क लेने का अधिकार हो सकता है।

• Aadhaar प्राप्त होने के बाद तुरंत आयकर विभाग के पोर्टल पर अपना PAN-Aadhaar लिंक कराना चाहिए। 

• 31 दिसंबर 2019 के बाद Aadhaar के बिना नए PAN नहीं जारी किए जाएंगे।

इस प्रकार, Aadhaar प्राप्त करना और तुरंत अपना PAN-Aadhaar लिंकेज कराना आयकर विभाग की निर्देशों का पालन करना है। इसकी अनदेखी करने से बचना चाहिए।

अगर मेरा आधार पैन से लिंक नहीं हुआ तो क्या होगा?


जब पैन आधार कार्ड से लिंक नहीं होता है, तो 1 जुलाई 2023 से पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाता है । जब पैन निष्क्रिय हो जाता है तो करदाता अपना आईटीआर फाइल नहीं कर सकते हैं, टैक्स रिफंड प्राप्त कर सकते हैं या वित्तीय सेवाओं का उपयोग नहीं कर सकते हैं, जैसे कि बैंक खाता खोलना, या डीमैट खाता खोलना, क्रेडिट/डेबिट कार्ड प्राप्त करना आदि।

मुझे पैन को आधार से क्यों लिंक करना चाहिए?


पैन-आधार लिंक तिथि विस्तार: पैन और आधार कार्ड को लिंक नहीं करने के गंभीर परिणाम होंगे क्योंकि सभी अनलिंक किए गए पैन कार्ड 1 जुलाई के बाद निष्क्रिय हो जाएंगे। यह कर चोरी से बचने और कर भुगतान प्रणाली को सहज बनाने के लिए किया जा रहा है।

मैं अपने आधार कार्ड को बिना भुगतान के पैन से कैसे लिंक कर सकता हूं?


वैकल्पिक रूप से, आप आधार पैन लिंक अनुरोध (प्री-लॉगिन) जमा कर सकते हैं: चरण 2 (ए): ई-फाइलिंग पोर्टल होम पेज पर जाएं और क्विक लिंक के तहत लिंक आधार पर क्लिक करें। चरण 2 (बी): पैन और आधार दर्ज करें और वैलिडेट पर क्लिक करें। चरण 2 (सी): आवश्यक अनिवार्य विवरण दर्ज करें और लिंक आधार पर क्लिक करें।

पैन को आधार से लिंक नहीं किया तो वह निष्क्रिय हो जाएगा लिंक कराने की लास्ट डेट क्या है?

Aadhaar-PAN Link Last Date Extension Latest News 2023: अपने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च है, जोकि बिल्कुल सिर पर आ चुकी है. 31 मार्च, 2023 से पहले अगर आप अपना पैन आधार से लिंक नहीं कराते हैं, तो आपका पैन कार्ड इनएक्टिव हो जाएगा

आधार और पैन को लिंक करने में कितना समय लगता है?

पैन और आधार को लिंक करने में 6-7 दिन तक का समय लगता है। एक बार जब आप आयकर पोर्टल पर जाकर लिंकिंग प्रक्रिया शुरू कर देते हैं, तो लिंकिंग स्थिति की जांच करने के लिए कृपया नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।


















हर तीन महीने में शेयर बाजार नीचे क्यों आता है?



शेयर बाजार हर तीन महीने में नीचे आने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:


1. मार्केट सेंटिमेंट: शेयर बाजार का सेंटिमेंट बहुत महत्वपूर्ण है। अगर बाजार में सकारात्मक संवेदनशीलता होती है, तो बाजार उछालता है, जबकि अगर बाजार में नकारात्मक संवेदनशीलता होती है, तो बाजार गिरता है।


2. आर्थिक आंकड़े: शेयर बाजार में आर्थिक आंकड़ों का बहुत महत्व होता है। अगर कंपनियों के आर्थिक आंकड़े अच्छे होते हैं, तो शेयर बाजार उछलता है और अगर आर्थिक आंकड़े बुरे होते हैं, तो शेयर बाजार गिरता है।


3. आर्थिक घटनाक्रम: अन्य आर्थिक घटनाक्रम जैसे कि रिसर्व बैंक की निर्णय, लागत की बढ़त, निवेशकों के संचार में बदलाव, निवेशकों के विश्वास के लिए असुरक्षित घटनाक्रम इस भावना को उत्पन्न कर सकते हैं जो शेयर बाजार पर असर डालते हैं।


4. विदेशी मार्केटों का प्रभाव: अगर विदेशी बाजारों में कोई भी संकेत दिखता है कि वहां की अर्थव्यवस्था में कुछ गलत हो रहा है, तो शेयर बाजार भी इस पर प्रभावित होता है।


ये कुछ कारण हैं जो शेयर बाजार को हर तीन महीने में नीचे आने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।


क्या शेयर बाजार के नीचे आने से नुकसान होता है?.


हाँ, शेयर बाजार के नीचे आने से नुकसान हो सकता है। निवेशकों के लिए यह बहुत बड़ा खतरा होता है क्योंकि उनके निवेश मूल्य में भारी गिरावट हो सकती है। नुकसान के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. निवेश के मूल्य में गिरावट: जब शेयर बाजार में नीचे जाता है, तो निवेशकों के निवेश का मूल्य भी कम हो जाता है। यदि निवेशक ने शेयर खरीदे हुए हैं तो उन्हें नुकसान होगा।

2. नकारात्मक संवेदनशीलता: जब शेयर बाजार में नकारात्मक संवेदनशीलता होती है, तो निवेशकों के पास शेयर बेचने के अधिकार होते हैं। इससे शेयर की कीमत और निवेशकों के निवेश का मूल्य भी कम हो सकता है।

3. विनिवेश: निवेशकों के विनिवेश भी शेयर बाजार में नीचे जाने से प्रभावित हो सकते हैं। विनिवेश उन आवासीय संपत्तियों को दर्शाते हैं जो सीधे शेयर बाजार से जुड़े होते हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड और ETFs। जब शेयर बाजार में नीचे जाता है, तो इन विनिवेशित संपत्तियों का मूल्य भी कम हो सकता है।

इसलिए, शेयर बाजार में नीचे जाने से नुकसान हो सकता है। निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपनी निवेश योजना को अच्छी तरह समझना चाहिए और उन्हें अपने निवेशों के लिए उचित रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए।


क्या निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए?


हाँ, निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। निम्नलिखित कुछ बातें निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं:

1. निवेशकों को अपनी निवेश योजना को समझना चाहिए। उन्हें अपने निवेश का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए, जैसे कि निवेश की अवधि, निवेश के लक्ष्य, निवेश के लिए बजट आदि।

2. निवेशकों को अपने निवेश के लिए उचित रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए। उन्हें अपनी निवेश क्षमता का अंदाजा लगाना चाहिए और उन्हें अपनी निवेश योजना के अनुसार अपने निवेश अनुमानों का जांच करना चाहिए।

3. निवेशकों को शेयर बाजार के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्हें अपनी निवेश योजना के अनुसार शेयर बाजार के विभिन्न एसेट क्लास के बीच विभिन्न वित्तीय उत्पादों के बारे में जाना चाहिए।

4. निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपनी निवेश तकनीकों का अंदाजा लगाना चाहिए। उन्हें अपने निवेश के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि टेक्निकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस।

5. निवेशकों को उचित निवेश के लिए शेयर बाजार के नियमों, नियमकों और विनियमों के बारे में जानना चाहिए।

इसलिए, निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उपरोक्त बातों का ध्यान


कृपया बताएं कि निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उचित रिस्क मैनेजमेंट कैसे करना चाहिए?

निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उचित रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए। निम्नलिखित बातें निवेशकों को उचित रिस्क मैनेजमेंट करने में मदद कर सकती हैं:

1. निवेश योजना का तैयारी करना: निवेशकों को अपनी निवेश योजना के लिए एक बजट तय करना चाहिए, जिससे वे अपने निवेश को रिस्क से बचाने में मदद कर सकते हैं। उन्हें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि वे अपनी निवेश स्ट्रेटेजी के अनुसार निवेश करें।

2. रिस्क ऐसे शेयरों को चुनें जिनमें कम रिस्क हो: निवेशकों को अपने निवेश के लिए उस सेक्टर या कंपनी का चयन करना चाहिए जो कि कम रिस्क वाली हो। इसके लिए वे अच्छी तरह से शेयर मार्केट में समझदारी से चयन कर सकते हैं।

3. रिस्क ऐसे शेयरों को चुनें जिनमें लंबी अवधि के लिए निवेश करें: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपने निवेश के लिए ऐसे शेयरों का चयन करना चाहिए जो लंबी अवधि के लिए बेहतर हों। इससे वे अपने निवेश का समय बढ़ा सकते हैं और रिस्क कम कर सकते हैं।

4. निवेशकों को अपने निवेश के लिए सही स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने की जरूरत होती है: निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करते समय सही स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाना चाहिए जिससे वे अपने निवेश को रिस्क से बचा सकते हैं।

इसलिए,

कृपया बताएं कि शेयर बाजार में निवेश करने से पहले शेयरों की वैल्यूएशन कैसे करें?


शेयर बाजार में निवेश करने से पहले निवेशकों को शेयरों की वैल्यूएशन करना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए:

1. फंडामेंटल एनालिसिस: इस विधि में निवेशकों को कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट्स, इतिहास, उत्पादों और सेवाओं के उत्पादन के बारे में जानकारी और कंपनी के वर्तमान और भविष्य के प्रदर्शन के बारे में जानना चाहिए। इस से निवेशक यह भी जान सकते हैं कि शेयर के मूल्य को विश्वसनीय निवेशक के लिए वैल्यू के रूप में मूल्यांकन करने का समय कैसे आएगा।

2. टेक्निकल एनालिसिस: इस विधि में, निवेशकों को शेयर की चार्ट विश्लेषण करना चाहिए। यह उन्हें शेयर के मूल्य के प्रति विभिन्न मापदंडों जैसे कि लागत और बिक्री दरों, उच्च और निम्न मूल्य, औसत चाल के आधार पर विश्लेषण करने में मदद करता है।

3. फंड मैनेजर की अधिकृतता: निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता भी जांचनी चाहिए, जो शेयरों के चयन के लिए फंड को संभालता है। इससे निवेशक यह जान सकते हैं कि फंड मैनेजर कितनी अधिकृत है और उनकी निवेश स्ट्रेटेजी कितनी सफल है।

4. अन्य फैक्टर: शेयरों की वैल्यूएशन करते समय निवेशकों को अन्य फैक्टरों को भी ध्यान में रखना चाहिए, जैसे कि बाजार के मूड, राजनीतिक घटन


कृपया बताएं कि फंड मैनेजर की अधिकृतता कैसे जांची जाए?


फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:

1. अनुभव देखें: फंड मैनेजर के अनुभव को देखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। निवेशकों को फंड मैनेजर के पूर्व निवेश रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए जिससे वे उनकी निवेश दक्षता के बारे में जान सकें।

2. निवेश स्ट्रेटेजी देखें: निवेशकों को यह भी देखना चाहिए कि फंड मैनेजर उनकी निवेश स्ट्रेटेजी कितनी अधिकृत है। उन्हें यह भी जांचना चाहिए कि क्या फंड मैनेजर उनकी निवेश लक्ष्यों के अनुसार निवेश करता है या नहीं।

3. टीम और संगठन की जांच: फंड मैनेजर की अधिकृतता के लिए निवेशकों को उनकी टीम और संगठन की जांच करनी चाहिए। उन्हें यह जांचना चाहिए कि फंड मैनेजर की टीम कितनी दक्ष है और क्या वे निवेशकों को उचित सलाह दे सकते हैं।

4. अधिकृतता के संबंध में निजी जानकारी: निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता के संबंध में निजी जानकारी भी जांचनी चाहिए। इसके लिए वे फंड मैनेजर के पूर्व निवेशकों से बातचीत कर सकते हैं या उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

इन तरीकों का पालन करने से निवेशक फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है

क्या फंड मैनेजर की अधिकृतता के लिए कोई ऑनलाइन उपकरण हैं?



हाँ, फंड मैनेजर की अधिकृतता की जांच के लिए कुछ ऑनलाइन उपकरण उपलब्ध हैं। निम्नलिखित हैं कुछ उपकरण जो फंड मैनेजर की अधिकृतता को जांचने में मदद कर सकते हैं:

1. मॉर्निंगस्टार: मॉर्निंगस्टार एक ऑनलाइन उपकरण है जो निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह उनके पूर्व निवेश रिकॉर्ड की जांच, निवेश स्ट्रेटेजी और अन्य जानकारी शामिल होती है।

2. फंड हाउस: फंड हाउस भी एक ऑनलाइन उपकरण है जो फंड मैनेजर की अधिकृतता की जांच करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह फंड मैनेजर की निवेश स्ट्रेटेजी, निवेश दक्षता और अन्य जानकारी भी प्रदान करता है।

3. ब्लूमबर्ग टर्मिनल: ब्लूमबर्ग टर्मिनल एक पेशेवर प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, यह निवेश स्ट्रेटेजी, निवेश दक्षता और अन्य जानकारी भी प्रदान करता है।

ये ऑनलाइन उपकरण फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। हालांकि, निवेशकों को अधिक जानकारी के लिए अपने संभावित फंड मैनेजर के पूर्व निवेशकों से बातचीत करनी चाहिए।





 

महाभारत कालीन अर्जुन की प्रेम कहानियां कौन कौनसी हैं?




 महाभारत काल में अर्जुन की कुछ प्रेम कहानियां दर्शाई गई हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कहानियां निम्नलिखित हैं:


1. अर्जुन और उलूपी: उलूपी नागकन्या थी जो अर्जुन से प्यार करती थी। अर्जुन ने उसके साथ शादी की और उन्हें पति के रूप में स्वीकार किया।


2. अर्जुन और सुभद्रा: सुभद्रा लोर्ड कृष्णा की बहन थी जो अर्जुन से प्यार करती थी। अर्जुन ने उससे शादी की और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।


3. अर्जुन और छत्रजंगा: छत्रजंगा एक राजकुमारी थी जो अर्जुन से प्यार करती थी। अर्जुन ने उसे अपना वरदान दिया कि वह उसे सदैव स्मरण रखेगी।


ये थीं कुछ महत्वपूर्ण प्रेम कहानियां जो महाभारत काल में अर्जुन के जीवन में दर्शाई गई थीं।



अर्जुन के अलावा महाभारत के अन्य पात्रों की प्रेम कहानियां भी हैं क्या?


जी हाँ, महाभारत में अर्जुन के अलावा भी कुछ पात्रों की प्रेम कहानियां दर्शाई गई हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कहानियां निम्नलिखित हैं:

1. कृष्णा और रुक्मिणी: रुक्मिणी भगवान विष्णु की अवतार मानी जाती थी और उन्हें उनकी पत्नी माना जाता था। लेकिन उन्होंने अपने प्रेम जाहिर करने के लिए भगवान कृष्णा की मदद ली थी। भगवान कृष्णा ने उन्हें उनके प्रेमी रुक्मिणी से मिलवाया था।

2. शकुन्तला और दुष्यंत: शकुन्तला राजा दुष्यंत की पत्नी थी और उनके बीच प्रेम की कहानी महाभारत में दर्शाई गई है। उनके पुत्र का नाम भरत रखा गया था जो भारतवर्ष का नामकरण का कारण बना था।

3. अभिमन्यु और उत्तरा: अभिमन्यु पांडवों के पुत्र थे और उत्तरा विराट राजा की पुत्री थीं। उनकी प्रेम की कहानी महाभारत में दर्शाई गई है।

इनमें से कुछ ही कहानियां हैं जो महाभारत में अन्य पात्रों की प्रेम की कहानियां दर्शाती हैं।


कृष्णा और रुक्मिणी की प्रेम कहानी में कैसे भगवान कृष्णा ने उन्हें मिलवाया था?


रुक्मिणी राजा भीष्मक की कन्या थी जो कृष्णा के बारे में सुनती थी और उससे प्यार करती थी। उसे अपनी शादी का निर्णय लेने के लिए अपने पिता से आग्रह किया था, लेकिन उनके पिता उन्हें अन्य राजकुमारों से विवाह करने के लिए तैयार थे।

एक दिन रुक्मिणी ने भगवान कृष्णा को एक पत्र लिखकर भेजा जिसमें उसने अपने प्रेम के बारे में बताया था। भगवान कृष्णा ने उसकी इच्छा को पूरा करने के लिए उसकी मदद की और उसे उसके प्रेमी रुक्मिणी से मिलवाया।

भगवान कृष्णा ने उस दिन रुक्मिणी को अपने साथ ले जाकर उसे अपनी पत्नी बनाया। इस प्रकार, रुक्मिणी और कृष्णा की प्रेम कहानी अनुपम है जो महाभारत में दर्शाई गई है।

कृष्णा ने रुक्मिणी को कैसे मिलाया?

महाभारत में बताया जाता है कि रुक्मिणी भगवान कृष्णा से प्यार करती थी और उसे अपनी पत्नी बनना चाहती थी। लेकिन उसके पिता और भाई उसे अन्य राजकुमारों से विवाह करना चाहते थे।

इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए, रुक्मिणी ने भगवान कृष्णा को एक पत्र लिखकर भेजा। उसमें वह अपनी समस्या का वर्णन करती है और उससे अपने प्रेम के बारे में बताती है।

भगवान कृष्णा ने उसके पत्र को पढ़ा और उसकी मदद करने का फैसला किया। फिर उन्होंने रुक्मिणी को अपनी रथ में बैठाकर उसे अपने साथ ले जाकर उसे अपनी पत्नी बनाया।

इस प्रकार, भगवान कृष्णा ने रुक्मिणी को उसके प्रेमी से मिलाया और उनकी प्रेम कहानी ने लोगों के दिलों में अमर जगह बनाई।

कृष्णा और रुक्मिणी की शादी कब हुई थी?



महाभारत में बताया गया है कि भगवान कृष्णा ने रुक्मिणी से शादी की थी। इस शादी का समय बहुत पहले का है, लेकिन इसकी तारीख से संबंधित कोई ठोस जानकारी नहीं है।

वैदिक साहित्य में भी रुक्मिणी और कृष्णा की शादी का उल्लेख है लेकिन इसकी तारीख भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए, हम इस समय को निर्धारित नहीं कर सकते हैं।


कृष्णा और रुक्मिणी की शादी से जुड़ी कोई रोचक कहानी है?


हां, कृष्णा और रुक्मिणी की शादी से जुड़ी कुछ रोचक कहानियां हैं। यह एक कहानी है:


श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी रथ में बैठाकर उसे ले जाने के लिए एक चालाक योजना बनाई थी। वह अपने साथ उसके भाई रुक्मा के बड़े समर्थक जाम्बवत को भी ले गए थे। जाम्बवत रुक्मिणी के विवाह में अहम भूमिका निभा रहा था।


रथ में बैठने के बाद, श्री कृष्ण ने सारे मार्ग में बाधाओं को दूर करने के लिए बहुत सारे चालाक योजनाएं बनाईं थीं। एक चालाक योजना उन्होंने उस समय बनाई थी जब रथ एक स्थान पर रुक गया था जब वह उसके भाई बलराम से मिलने गया था।


इस अवसर पर, श्री कृष्ण ने सब के सामने रुक्मा को खुले मंच पर बैठा दिया और उससे कहा कि वह उसकी बहन रुक्मिणी को उसके साथ शादी करने जा रहा है।


रुक्मा ने श्री कृष्ण से लड़ने का प्रयास किया लेकिन श्री कृष्ण ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया और उसे शांत करने के लिए उसे उसके साथ बैठा दिया। इस तरह, श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को खुश करने के लिए चालाक योजनाओं का उपयोग किया था और उसे अपनी पत्नी बनाया था।


कृष्णा ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए और कौन-कौन से चालाक योजनाएं बनाईं?


कृष्णा ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए कई चालाक योजनाएं बनाईं थीं। यहां कुछ प्रमुख चालाक योजनाओं का उल्लेख है:

1. रथ यात्रा: श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी रथ में बैठाकर उसे उसके घर से ले गए थे। इस रथ यात्रा के दौरान, उन्होंने रुक्मिणी के भाई रुक्मा से दूर रखने के लिए कुछ योजनाएं बनाईं थीं।

2. जाम्बवत को ले जाना: जाम्बवत रुक्मिणी के विवाह में अहम भूमिका निभा रहा था। श्री कृष्ण ने जाम्बवत को अपने साथ ले जाकर उसे रुक्मिणी की शादी में विरोध करने से रोका।

3. रुक्मा को फुसलाना: रुक्मा रुक्मिणी के विवाह में बहुत अहम भूमिका निभा रहा था। श्री कृष्ण ने रुक्मा को उसकी शादी में शामिल न होने के लिए उसे फुसला दिया।

4. रुक्मिणी को बचाना: श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को उसकी शादी से बचाने के लिए उसे अपने साथ ले जाकर उससे शादी की एक समझौता करवाया। इससे रुक्मिणी अपनी शादी से बचने में सफल रहीं।

इस तरह, श्री कृष्ण ने कई चालाक योजनाओं का उपयोग करके रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाया था।


श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए उसके भाई रुक्मा से कैसे निपटा?


श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए उसके भाई रुक्मा से चालाकीपूर्वक निपटा था। उन्होंने रुक्मिणी को उसके घर से चुरा लिया था और फिर उसे अपने रथ में बैठा दिया था।

रथ यात्रा के दौरान, श्री कृष्ण ने रुक्मा के साथ कुछ चालाक योजनाएं बनाईं थीं, जिनसे उन्होंने उसे उसके सामने शर्मिंदा कर दिया था। उन्होंने रुक्मा को भ्रमित कर दिया था कि रुक्मिणी श्री कृष्ण के साथ शादी करना चाहती है।

इस तरह, श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए रुक्मा से चालाकीपूर्वक निपटा था।

रुक्मा का रुक्मिणी के शादी से इतना विरोध क्यों था?


रुक्मा रुक्मिणी के विवाह से इतना विरोध कर रहा था क्योंकि उसे अपनी बहन की शादी श्री कृष्ण से नहीं करनी थी। उसे लगता था कि श्री कृष्ण उसके वंशजों को पराधीन बना देगा और उसकी बहन को गलत रास्ते पर ले जाएगा। इसके अलावा, रुक्मा श्री कृष्ण को अपने बहन के लिए अनुचित समझता था।

इसके साथ ही, रुक्मा उस समय महत्वपूर्ण राजनैतिक दलों में शामिल था, जिससे उसे श्री कृष्ण से विरोध करना था।

इस तरह, रुक्मा के विरोध के पीछे उसकी राजनीतिक और परिवारिक समस्याएं थीं।


Friday

आपके पसंदीदा भारतीय व्यंजन का नाम क्या है और आप उसे क्यों पसंद करते हैं?

 





मैं एक विदेशी एआई हूँ और मेरे लिए भारतीय व्यंजनों में कई चीजें नयी और रोमांचक हैं। मुझे सभी भारतीय व्यंजनों में से कुछ पसंद हैं, जैसे कि साउथ इंडियन डोसा, उत्तर भारतीय चाट, पंजाबी छोले भटूरे, गुजराती ठेपला, राजस्थानी दाल बाटी चूरमा, बंगाली मिष्टी दोई, और बहुत कुछ। मुझे भारतीय व्यंजनों की खासता, ताजगी और मसालेदार स्वाद बहुत पसंद है। भारतीय व्यंजनों का अनुभव करना मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव है और मैं उन्हें बहुत ही समर्थन करती हूँ।


आपको भारतीय व्यंजनों को बनाना सीखना है?


हाँ, मुझे भारतीय व्यंजनों को बनाना सीखना बहुत पसंद होगा! मैं इसके लिए तैयार हूँ। भारतीय व्यंजनों की विविधता, स्वाद और आकर्षण से मुझे बहुत प्रभावित किया गया है। मुझे उनके मसालों और उनमें प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न मसालों का समझना बहुत रोमांचित करता है। मैं खुश होऊंगी अगर मुझे भारतीय व्यंजनों को बनाना सीखने का अवसर मिलता है।



क्या आप भारतीय व्यंजनों के लिए कुछ रेसिपी बता सकते हैं?




हां, मैं कुछ भारतीय व्यंजनों के लिए रेसिपी बता सकता हूं:

•धाल बाटी: राई, दाल, हरी मिर्च, जीरा, तेल और नमक का उपयोग करके बनाया जाता है। राई को तेल में तलना प्रारंभ करें और मसाले डालें। जब राई नरम हो जाए, तो इसे केले के पत्तों के साथ सर्व करें। 

•पनीर भोज: पनीर को इमारत के साथ पूलाऊ में पकाना। अदरक, लाल मिर्च, तेल, अत्यधिक मात्रा में सेंधा नमक मसाला और पनीर मिलाएं। तापमान पर तलने से पहले तक इमारत में उबालें।

•मूली बाटी: मूली को कच्चे तेल में तलकर कले और नमक के साथ सजाएं। स्वाद अनुसार यांत्रिक स्पाइसों को भी जोड़ सकते हैं।

•दाल मांस: मांस और दाल को एक साथ पकाना। किसी भी आम मसाले जैसे अदरक, लाल मिर्च, तेल और धनिया का उपयोग करें।


अगली रेसिपी क्या हो सकती है?



अगली भारतीय व्यंजन की रेसिपी कुछ इस प्रकार हो सकती है:

•बिरयानी: ब्रेड की तरह चिप्पी और नाश्ता या दोपहर का भोजन। इसमें मुख्य रूप से आटा, दही या पनीर, एक जिकों, खुरई और मसाले शामिल होते हैं। नमक, लाल मिर्च पाउडर, जीरा और अदरक की पूल्लें बनाई जा सकती हैं। इसे आटे और पनीर के साथ पकाया जाता है।

•दाल रायता या दल मूली: राई और मूली से बना एक आम दाल है। एक मीठी-चाकचक पर गर्म करके, या चावल के साथ पस्तूरी या उपनीर के साथ सर्व करना बेहतर है। इसमें हरी लाल मिर्च, तेल और नमक जैसे मसाले रहते हैं।

•पराता आलू भात: आलू से बना आरामदायक एक ब्रेकफास्ट। आलू, ज्वर और नमक का उपयोग करके पकाया जाता है। इसे दही, योगर्ट या पनीर के साथ सर्व करना बेहतर है।


मैं बिरयानी बनाना चाहता हूं। आप मुझे इसकी रेसिपी बता सकते हैं?

बिरयानी बनाने की रेसिपी:

सामग्री:

•आटा - 2 कप

•गर्म पानी - 1 कप

•दही या पनीर - 1 कप

•ऑनियन, धनिया या अदरक - 1 चम्मच 

•लाल मिर्च पाउडर - 1⁄2 चम्मच 

•नमक - गन्ने की छिलाई के आकार बारी में 

•लहसुन - 2 कूटे दाने

•घी या त्विष्टा तेल - 2 कूटे चम्मच 

•पुदीना या मेथी के पत्ते - आवश्यकतानुसार 

रेसिपी:

1. एक बल्बी में आटा, गर्म पानी, 1⁄2 चम्मच नमक डालें और चिपचिपा इमारत बनने तक मिक्स करें। 

2. एक कटोरी में दही, पनीर, मसाले, लहसुन प्रेस कर और घी/त्विष्टा तेल मिलाकर रखें। 

3. इमारत पर एक बार छिड़कें और सिर्कल बनाकर सर्व करें। 

4. ऊपर से पुदीना या मेथी के पत्तों से सजाएं। 

5. गार्म बिरयानी परोस कर उन्नायता प्रकट करें! जिस्मानंद हो!

हे बनाने में मजा आएगा। आपको बिरयानी बहुत पसंद आनी चाहिए! आनन्द मनाना!


क्या आप मुझे बिरयानी के साथ कौन सा साइड डिश सुझाव देंगे?


बिरयानी के साइड डिश के बेहतरीन विकल्प हैं:

•उपनीर: उपनीर बिरयानी का पारंपरिक साइड डिश है। इसे गर्म या ठंडा बनाकर सर्व करें।

•बादाम पास्ता: हल्की क्रीमी बादाम पास्ता बिरयानी के साथ फट रही है।

•धनिया मसाला: धनिया के साथ मसालित आलू का उबाला हुआ रूप गुद्दुं जैसा।

•फ्रेश फल: नारंगी, पपीता या आनन्दमी फल के साथ बिरयानी परोसें। इसे घरेलू फावा फल वेंडिंग बनाता है।

•हरे भोजन: हरे पलास्टिक हेविली भूने सार्वजनिक हल्के हरे भोजन पकाएं। परोसें।

•दाल भात: बिरयानी के साथ चावल या अन्नष्ठ दाल भात एक परिपूर्ण भोजन बनाता है। मसाला दाल उत्कृष्ट विकल्प है।

मुझे यह लेबा कि बिरयानी के साथ ये सभी साइड डिश मजे से जिस्मानंद हो जाएंगे! आनंद मनाइए!


क्या आप बिरयानी के साथ दही रायता की सिफारिश कर सकते हैं?


हां, दही रायता बिरयानी के साथ बेहतरीन साइड डिश हैं। यहां दही रायता की रेसिपी है:

सामग्री:

•दही - 1 कप

•राई - 1⁄2 कप

•ऑनियन, धनिया या अदरक - 1 चम्मच 

•शिमला मिर्च पाउडर - 1⁄2 चम्मच 

•नमक - 1⁄2 चम्मच 

•घी - 2 कूटे चम्मच 

•कॉरियांडर या शिमला मिर्च के पत्ते - आवश्यकतानुसार

रेसिपी:

1. एक पैन में दही, राई, 1⁄2 नमक, मसाले और घी मिलाएं। उबालें आता रहें। 

2. इसे थोड़ा मटमैला करें और स्वाद अनुसार नमक या इत्र मिलाएं। 

3. सर्व करने से पहले कॉरियांडर या शिमला मिर्च के पत्ते बिछा दें। 

4. दही रायता बिरयानी या चावल के साथ परोस कर उन्नायता प्रकट करें! 

•दही रायता बिरयानी के साथ एक परिपूर्ण और स्वादिष्ट भोजन बनाएगा। पसंद के अनुसार चावल के साथ भी सर्व कर सकते हैं। आनंद भर्इये!


दही रायता के लिए अन्य स्वादिष्ट विकल्प हैं?





हां, दही रायता के अलावा बिरयानी के साथ अन्य स्वादिष्ट साइड डिशें हैं। कुछ विकल्प इस प्रकार हैं:

•पनीर रायता: पनीर का अन्य संस्करण। दही के स्थान पर पनीर प्रयोग करें। मसाले वहीं। गर्मागर्म और लाजवाब!

•केले का साग: सेंधा नमक में भिगोकर प्रचारित केले। तेजस्वी और चटपटा। बिरयानी के साथ बढ़िया मिलेगा।

•मिर्च बोठ: हरी लाल मिर्च के साथ पकाया गया आलू बोठ। गर्म, तेजस्वी और मसालेदार। 

•धनिया मसाला आलू: धनिया, हरी लाल मिर्च और मसाल के साथ पकाए गए आलू। आग लगा देगा!

•मूली का भात: पानी में उबालकर नमक और घी के साथ परोसा जाने वाला मूली का भात। सादा लेकिन बढ़िया!

•काली दाल भात: भूरी-काली दाल का भात। मसाले और घी के साथ पकाया जाता है। पौष्टिक और भरपेट। 

हे सारे विकल्प बिरयानी के साथ एक बेहतरीन भोजन बनाएंगे। मजा भर कर चखिए!



किस माला पर दुर्गा मां के मंत्रों का जाप किया जा सकता है?

 



दुर्गा मां के मंत्रों का जाप किसी भी माला पर किया जा सकता है। ज्यादातर लोग काली मां के मंत्रों का जाप करने के लिए काली मां की माला का उपयोग करते हैं और दुर्गा मां के मंत्रों का जाप करने के लिए दुर्गा मां की माला का उपयोग करते हैं। हालांकि, यदि आपके पास उपलब्ध नहीं है, तो आप किसी भी रूप की माला का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान रखें कि मंत्रों का जाप करने से पहले अपने गुरु या धार्मिक आचार्य से परामर्श लें।


कृपया मुझे दुर्गा मां के मंत्रों का जाप करने की विधि बताएं।


दुर्गा मां के मंत्रों का जाप करने की विधि निम्नलिखित है:

1. सबसे पहले आपको एक शांत और सुखद मंदिर या कमरे में बैठना चाहिए। एक सुखद और शांत महसूस करने के लिए आप धुएं का उपयोग कर सकते हैं।

2. अब आपको अपनी माला को लेकर बैठना होगा। ध्यान रखें कि माला का उपयोग करते समय आपको अपनी मनस्थिति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

3. अब आपको दुर्गा मां के मंत्रों का जाप करना होगा। ज्यादातर लोग दुर्गा मां के "ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का उपयोग करते हैं। इस मंत्र को जाप करते समय, आपको अपने मन में दुर्गा मां की स्मृति को सकारात्मक ढंग से सोचना चाहिए।

4. माला पर मंत्र को एक बार जप करने के बाद, माला को एक माला की तरह उलट दें और फिर से जप करें। इस तरह से, आपको माला के सभी मनकों पर मंत्र का जाप करना होगा।

5. जब आप अपने जप को पूरा कर लेते हैं, तो आप ध्यान में रहते हुए अपनी आँखें खोलें और ध्यान में ही बैठे रहें। यह आपको ध्यान को अपने आसपास के वातावरण में लाने में मदद करेगा।

ध्यान रखें कि मंत्रों का जाप करने से पहले अपने गुरु या धार्मिक आचार्य से परामर्श लें। इसके अलावा, ध्यान रखें कि दुर्गा मां के मंत्रों का जाप करने के दौरान आपको अपने मन को शांत और शुद्ध रखना चाहिए।


क्या दुर्गा मां के अन्य मंत्र भी हैं?


हाँ, दुर्गा मां के कई मंत्र हैं जो भक्तों द्वारा जाप किए जाते हैं। इनमें से कुछ मंत्र निम्नलिखित हैं:

ॐ दुं दुर्गायै नमः (Om Dum Durgayei Namah)
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे (Om Aim Hrim Klim Chamundaye Viche)
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं दुर्गायै नमः (Om Shrim Hrim Klim Durgayai Namah)
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं त्रिपुर सुंदरी बद्ध जाल मंहरण्यै स्वाहा (Om Hrim Shrim Krim Tripura Sundari Baddha Jala Manharanyai Swaha)

उपरोक्त मंत्रों का जाप करने से पूर्व आपको अपने गुरु या धार्मिक आचार्य से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, ध्यान रखें कि मंत्रों का जाप करने से पहले आपको अपने मन को शांत और शुद्ध रखना चाहिए।


क्या इन मंत्रों का जाप करने से कोई विशेष लाभ होता है?



दुर्गा मां के मंत्रों का जाप भक्तों को उनकी इच्छाओं को पूरा करने, संकटों से मुक्ति पाने, शांति और सुख को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इन मंत्रों का जाप करने से आपकी आत्मा को शुद्धि मिलती है और आपकी मनोदशा में सुधार होता है।

दुर्गा मां के अनेक मंत्र हैं जो उनकी गुणों को स्मरण करने और उनसे जुड़े संकटों को दूर करने में मदद करते हैं। यह मंत्र भक्तों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

ध्यान रखें कि मंत्रों का जाप करने से पहले आपको अपने गुरु या धार्मिक आचार्य से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, ध्यान रखें कि दुर्गा मां के मंत्रों का जाप करने के दौरान आपको अपने मन को शांत और शुद्ध रखना चाहिए।



कौन से मंत्र जप करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है?



दुर्गा मां के कुछ मंत्र शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ मंत्र निम्नलिखित हैं:

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं त्रिपुर सुंदरी बद्ध जाल मंहरण्यै स्वाहा (Om Hrim Shrim Krim Tripura Sundari Baddha Jala Manharanyai Swaha)
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्री महाकाली जय जय करुणांबुरी (Om Hrim Shrim Krim Shri Mahakali Jay Jay Karunaamburi)

इन मंत्रों का जाप करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इन मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से शरीर के रोगों से छुटकारा मिल सकता है और शरीर के अंगों को ताकतवर बनाया जा सकता है।

ध्यान रखें कि मंत्रों का जाप करने से पहले आपको अपने गुरु या धार्मिक आचार्य से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, ध्यान रखें कि मंत्रों का जाप करने के दौरान आपको अपने मन को शांत और शुद्ध रखना चाहिए।









क्या बेरोजगारी भत्ता से गुजारा हो जाएगा?


बेरोजगारी भत्ते से गुजारा पूरी तरह से हो जाना संभव नहीं है। इसके कुछ कारण हैं:

• बेरोजगारी भत्तों की राशि सामान्यतः कम होती है। यह जीवन यापन के पूर्ण खर्चों को नहीं कवर कर पाती। व्यक्ति को अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता पड़ सकती है।

• बेरोजगारी भत्ता अस्थायी होता है। हर व्यक्ति को नियमित रोजगार में वापस आने की उम्मीद रखनी चाहिए। यदि वह बेनतीबा से भत्ते पर निर्भर रहता है, तो इसके दीर्घकालीन प्रभाव हो सकते हैं।

• सभी बेरोजगार लोगों को भत्ता उपलब्ध नहीं होता। योग्यता संबंधी कुछ मानदंड होते हैं। इसलिए बेरोजगारी भत्ते का लाभ लेने वालों की संख्या सीमित रहती है। 

• बेरोजगारी भत्तों के लिए बजट की उपलब्धता भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। यदि बजट अपूर्ण है, तो भत्ते में कटौती की जा सकती है या समय की सीमा बढ़ाई जा सकती है।

उपरोक्त कारणों से, बेरोजगारी भत्ते से अकेले ही गुजारा पूरी तरह से हो जाना संभव नहीं हो सकता है। अतिरिक्त स्रोतों की आवश्यकता अनिवार्य रूप से पड़ सकती है।

क्या आप बता सकते हैं कि बेरोजगारी भत्ते के लिए योग्यता संबंधी मानदंड क्या होते हैं? 

बेरोजगारी भत्ते के लिए योग्यता निर्धारित करने वाले मुख्य मानदंड हैं:

• बेरोजगार होना : पहले से नियमित रोजगार में नहीं होना या हाल में बेरोजगार हो गया होना। आवेदन के समय लगातार कुछ दिनों से बेरोजगारी की स्थिति होनी चाहिए।

• रोजगार तलाश कर रहा होना : आवेदन के समय नियमित रूप से रोजगार तलाश के प्रयास कर रहा होना आवश्यक है। रोजगार मेलों में हिस्सा लेना, आवेदनें भेजना आदि शामिल है।

• न्यूनतम आयु होना : अधिकतर योजनाओं में 15-35 वर्ष की आयु की न्यूनतम आवश्यकता होती है।

• आय सीमा : पात्रता निर्धारित करने के लिए आय स्तर के मानदंड भी तय किए जाते हैं। आय आयकर दाखिले आदि से मापी जाती है।

• रहने का पता और बैंक खाता होना : भत्ते का भुगतान बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किया जाता है। इसलिए बैंक खाता और रहने का पता आवेदन में देना आवश्यक है।

• अन्य मानदंड : योजना विशिष्ट आधार पर अन्य मानदंड भी निर्धारित किए जा सकते हैं। जैसे परिवार की आय, संपत्ति के मालिकाना अधिकार आदि।

क्या बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने के लिए कोई ऑनलाइन पोर्टल है?  

हां, बेरोजगारी भत्ते के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कुछ पोर्टल हैं:

• राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल : यह भारत सरकार का आधिकारिक पोर्टल है। यहां बेरोजगारों को रोजगार विवरण और बेरोजगारी भत्ता आवेदनें दाखिल करने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। वेबसाइट : www.ncs.gov.in 

• यूनिक रजिस्ट्रेशन पोर्टल (URP) : यह देश भर में बेरोजगारी भत्ता योग्यता और भुगतान संबंधी आंकड़े एकत्र करने के लिए बनाया गया है। यहां बेरोजगार व्यक्ति आवेदन दाखिल कर सकते हैं। वेबसाइट : www.urp.in 

• स्थानीय बेरोजगार सेवा केंद्र (LBSK) : राज्य सरकारें अपने राज्य में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदनें ग्रहण करने और भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने के लिए LBSK स्थापित करती हैं। बेरोजगार लोग अपने स्थानीय LBSK पोर्टल पर जाकर आवेदन दाखिल कर सकते हैं।

इन पोर्टलों पर बेरोजगार व्यक्ति ऑनलाइन रूप से बेरोजगारी भत्ता आवेदन भरकर जमा करा सकते हैं। इससे आवेदन प्रक्रिया में समय और प्रयास बचाया जा सकता है।

मुझे बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में बताएं।

बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज हैं:

• पहचान प्रमाण : आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, पासपोर्ट आदि। यह आपकी पहचान और नागरिकता का प्रमाण देगा। 

• पता प्रमाण : बिजली बिल, टेलीफोन बिल, बैंक आदेश इत्यादि। यह आपका रहने का पता प्रमाणित करेगा।

• संपत्ति प्रमाण (यदि आवश्यक हो) : जैसे संपत्ति का खरीद कर्ता अनुरोध पत्र, संपत्ति के कागजात आदि। यह यह दर्शाएगा कि आप संपत्ति से अलग हैं।

• बैंक खाता विवरण : अहर्ता विनिर्देशन के अनुसार तनख्वाह प्राप्त करने के लिए बैंक खाता होना आवश्यक है। बैंक खाता विवरण आवेदन में देना होगा।

• आय संबंधी दस्तावेज : आयकर दाखिला, बैंक ब्याज विवरण, घूमने वाले पूंजी िविवरण आदि। ये आपकी आय का प्रमाणन करेंगे।

• अन्य आवश्यक कागजात : योजना-विशिष्ट दस्तावेज, प्रशिक्षण प्रमाणपत्र आदि। ये योजना के विशिष्ट पात्रता मानदंड को प्रमाणित करेंगे।

इन सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ ही आपको बेरोजगारी भत्ता आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन भरना होगा। दस्तावेजों का सही सेतुप उपलब्ध होना आपके

क्या आवेदन ऑनलाइन भरना जरूरी है?

बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन भरा जा सकता है। कुछ बातें ध्यान देनी चाहिए:

• ऑनलाइन आवेदन : 

- संवेदनशील आंकड़े आसानी से प्रबंधित होते हैं। आंकड़ों में गलतियों का खतरा कम होता है। 

- समय और प्रयास बचत होती है। आपको दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होती।

- आवेदन दाखिला और स्वीकृति ऑनलाइन ही हो सकती है। देरी और असुविधा से बचा जा सकता है।

• ऑफलाइन आवेदन 

- आंकड़े और दस्तावेज प्रस्तुत करने में आसानी हो सकती है। इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होती। 

- ऑफलाइन फॉर्म भरने और दस्तावेज संलेने में अनुभव का अभाव या संकोच की स्थिति में राहत हो सकती है। 

कुछ योजनाएं अनिवार्च ऑनलाइन आवेदन अपेक्षा करती हैं, जबकि कुछ दोनों तरह से आवेदन स्वीकार करती हैं। आपको संबंधित योजना और आवेदन की प्रक्रिया के बारे में विवरण प्राप्त कर उसके अनुसार आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए।

ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कौन सी वेबसाइट पर जाना होगा?

बेरोजगारी भत्ते के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए मुख्य वेबसाइटें हैं:

• राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल : यह भारत सरकार का आधिकारिक पोर्टल है। यहां आप बेरोजगारों को रोजगार विवरण और बेरोजगारी भत्ता आवेदन दाखिल कर सकते हैं। वेबसाइट : www.ncs.gov.in 

• यूनिक रजिस्ट्रेशन पोर्टल (URP) : यह देश भर में बेरोजगारी भत्ता योग्यता और भुगतान संबंधी आंकड़े एकत्र करने के लिए बनाया गया है। यहां बेरोजगार व्यक्ति आवेदन दाखिल कर सकते हैं। वेबसाइट : www.urp.in 

• राज्य सरकार के लैबर विभाग द्वारा चालू की गई वेबसाइट। राज्य विशिष्ट योजनाओं के लिए आवेदन इन पोर्टल पर दाखिल किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में www.employment.up.nic.in 

राज्य/केंद्र सरकार द्वारा चालू की गई इन आधिकारिक वेबसाइटों पर ही बेरोजगारी भत्ते के लिए ऑनलाइन आवेदन भरना चाहिए। किसी अन्य वेबसाइट पर भरे गए आवेदन मान्य नहीं होंगे। इसलिए सही वेबसाइट का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। शंका या संदेह के मामले में संबंधित विभाग से संपर्क करके विवरण प्राप्त करें।

मुझे बताएं कि ऑनलाइन आवेदन करने के लिए क्या दस्तावेज आवश्यक होंगे?

ऑनलाइन बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं:

• पहचान प्रमाण : आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, पासपोर्ट आदि। यह आपकी पहचान और राष्ट्रीयता का प्रमाण देगा। 

• पता प्रमाण : बिजली बिल, टेलीफोन बिल, बैंक आदेश इत्यादि। यह आपका बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए बैंक खाता बनाने का पता दर्शाएगा।

• बैंक खाता विवरण : अहर्ता के अनुसार तनख्वाह प्राप्त करने के लिए एक बैंक खाता आवश्यक होगा। बैंक खाता नंबर और कुछ अन्य विवरण ऑनलाइन आवेदन में देना होगा। 

• आय का प्रमाण : आयकर रिटर्न, बैंक ब्याज विवरण, संपत्ति के कागजात आदि। ये आपकी आय पर निर्भरता को दर्शाएंगे। 

• अन्य दस्तावेज : प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, स्थान के संबंध में और कोई विवरण आवेदन प्रक्रिया में अपेक्षित हो सकता है। प्रत्येक योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूचना उपलब्ध कराई जाएगी।

स्वीकृत फॉर्म, हस्ताक्षर और अन्य दस्तावेजों से संबंधित जानकारी आवेदन प्रक्रिया के दौरान अपेक्षित हो सकती है। अपूर्ण या गलत दस्तावेजों के कारण आवेदन अस्वी



आजकल देवस्थान में ज्यादा भीड़ होती है या मधुशाला में? कहाँ और क्यों?


आजकल देवालयों या धार्मिक स्थलों में मधुशालाओं की तुलना में आमतौर पर अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इसके कुछ कारण हैं:

• धार्मिक आस्था और विश्वास आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देवालयों और मंदिरों का दौरा करना धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गया है।

• सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व देवालयों को लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाते हैं। लोग इन स्थलों के सौंदर्य और इतिहास का आनंद लेने के लिए आते हैं।

• कुछ देवालय महत्वपूर्ण उत्सवों और त्योहारों की तस्वीरें उभराते हैं। इन अवसरों पर भीड़ और बढ़ जाती है।

• सूचना प्रौद्योगिकी और सामाजिक मीडिया के उपयोग से लोग इन स्थलों के बारे में जागरूक हो रहे हैं और उन्हें देखने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।

मधुशालाएं धार्मिक महत्व के बजाय सांस्कृतिक और धरोहर के रूप में देखी जाती हैं। इन्हें देखने के लिए आने वालों की संख्या देवालयों की तुलना में कम रहती है। इसलिए आम तौर पर देवालयों में भीड़ मधुशालाओं से अधिक होती है।

क्या आपको लगता है कि इस भीड़ का कोई नुकसान हो सकता है?

जी हां, इस तरह की भीड़ से देवालयों और पवित्र स्थलों को कुछ नुकसान हो सकता है:

• इन स्थलों का पर्यावरण दूषित हो सकता है। भीड़ अपने कूड़ा-कचरा और अन्य कूड़े वहीं फेंक देती है। यह स्थलों की स्वच्छता और सौंदर्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

• इन स्थलों के सांस्कृतिक संरचनात्मक घटकों को हानि पहुंचाई जा सकती है। भीड़ के कारण इमारतों, मंदिरों और अन्य संरचनाओं को हानि पहुंच सकती है। 

• धार्मिक आस्था और विश्वास भंग करना। बहुत भीड़ इन स्थलों का धार्मिक महत्व और आस्था के प्रतीक रूप पर प्रश्न उठा सकती है। यह आस्थापूर्ण प्रवक्रियाओं को बाधित कर सकती है।

• सुरक्षा संबंधी चिंता। बहुत भीड़ इन स्थलों पर दुर्घटनाओं, दंगों और अन्य बाधाओं को जन्म देने का कारण बन सकती है। यह स्वयं लोगों की सुरक्षा और सुरक्षा कर्मियों के काम में अवरोध उत्पन्न कर सकती है।

इसलिए, हालांकि धार्मिक स्थलों को भीड़ से बहुत लोकप्रियता मिल रही है, लेकिन यह नुकसानों के जोखिम को भी बढ़ा देती है। एक संतुलन बनाना आवश्यक है ताकि इन स्थलों को दोनों फायदे और नुकसान का अनुभव करने के बिना मिल सके।

क्या आप इन स्थलों के लिए कोई सुरक्षा उपाय बता सकते हैं? 

हां, धार्मिक स्थलों में अधिक भीड़ के कारण होने वाले नुकसानों को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं:

• उपयुक्त पर्यावरण प्रबंधन पद्धतियां अपनाना। ठीक से स्थापित कूड़ा बाक्स, टूटे हुए कांच और कूड़े की हटाया जाना, आदि। यह स्थलों की साफ-सफाई और हानि को रोकेगा।

• इमारतों और संरचनात्मक घटकों का उचित रखरखाव और संरक्षण। निरीक्षण, मरम्मत और जरूरत पड़ने पर मुरम्मत का काम हानि को रोकने में मदद करेगा। 

• दर्शकों की संख्या सीमित करना और प्रवेश प्रबंधन प्रणाली लागू करना। यह हताहत को रोकने में और धार्मिक प्रवक्रियाओं में बाधा उत्पन्न नहीं करेगा। 

• सुरक्षा दल उपलब्ध कराना और उनका प्रशिक्षण देना। स्थल के सुरक्षा उपायों के बारे में दल को अवगत कराया जाना चाहिए ताकि दुर्घटनाओं और दंगों को रोका जा सके। 

• आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना तैयार करना। यह सुनिश्चित करेगा कि दुर्घटनाओं के दौरान त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। 

इन उपायों को करने से धार्मिक स्थलों में भीड़ से होने वाले नुकसानों को काफी हद तक रोका जा सकता है। साथ ही इन स्थलों की लोकप्रि

Wednesday

Indian national anthem in Hindi


Here is the Indian national anthem "Jana Gana Mana" in Hindi:

जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशिष मांगे
गाहे तव जयगाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।।