लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक के मामले में उच्चतम न्यायालय में अपनी सरकार का पक्ष रखने के मकसद से मुस्लिम महिलाआें की राय जानने के लिये कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कल रात पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ तथा महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार उच्चतम न्यायालय में लंबित तीन तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाआें की राय के आधार पर अपना पक्ष रखेगी। योगी ने मुस्लिम महिलाआें की राय जानने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए विभागीय मंत्री और मंत्रिमण्डल की सभी महिला मंत्री महिला संगठनों के साथ बैठक करें। इसके साथ ही उन्होंने अनिवार्य विवाह पंजीकरण के लिये नियमावली सबन्धित आवश्यक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
गौरतलब है कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह मुस्लिम महिलाआें की राय लेकर तीन तलाक के मसले पर अपना पक्ष उच्चतम न्यायालय में रखेगी। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान निर्देश दिया कि मदरसों के पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि मदरसों में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के पाठ्यक्रम को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
योगी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए प्रत्येक जिले में कयुनिटी सेंटर के लिए भूमि की व्यवस्था की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हज यात्रियों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं और उनकी समस्याआें का समाधान तत्परता से किया जाए। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान मदरसों के पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मदरसों में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के पाठ्यक्रम को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। अल्पसंख्यकों के लिए हर जिले में कम्युनिटी सेंटर के लिए भूमि की व्यवस्था की जाए।
योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हज यात्रियों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं और उनकी समस्याआें का समाधान तत्परता से किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान योगी ने कहा कि महिलाआें की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। लोक कल्याण पत्र 2017 के तहत भाग्य लक्ष्मी योजना को लागू करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इस योजना के तहत प्रदेश के हर गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50,000 रुपये का विकास बॉण्ड दिया जाएगा।
योगी ने केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 से महिला समास्या कार्यक्रम के लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किये जाने के बाद इस कार्यक्रम को गुजरात सरकार की तरह राज्य के बजट से संचालित करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया
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