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योगीराज में मुसलमान अफसर पर अत्याचार का सच


नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर कई मैसेज, फोटो और वीडियो वायरल होते हैं. इन मैसेज, फोटो और वीडियो के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो के साथ भी एक चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज के मुताबिक योगी आदित्यनाथ के यूपी का सीएम बनने के बाद हालात ये हो गए हैं कि मुसलमान पुलिस ऑफीसर को ईमानदारी से काम भी नहीं करने दिया जा रहा है? वायरल वीडियो के जरिए आरोप लग एक महिला कोतवाल पर दरोगा को ड्यूटी करने पर तबादले की धमकी दे रही है.
क्या है वायरल ऑडियो में ?
वायरल ऑडियो को लेकर सवालों की सोशल मीडिया पर झड़ी सी लग गई है. 1 मिनट के इस वायरल ऑडियो में दो आवाजें हैं. दावे के मुताबिक एक आवाज महिला कोतवाल की है और दूसरी उस दारोगा की जिसने हाइवे चेक करने के साथ-साथ बालू का ट्रक भी रुकवाया.
एक मिनट के इस ऑडियो के साथ एक मैसेज भी पेश किया जा रहा है जिसमें लिखा है सीतापुर से ब्रेकिंग न्यूज- ड्यूटी के दौरान बालू की ट्रॉली चेक कर रहे दारोगा को महिला कोतवाल ने दी तबादले की धमकी, महिला कोतवाल रंजना सचान ने दारोगा सलीम मलिक को दी चेकिंग न करने की सलाह. मैसेज के मुताबिक – महिला कोतवाल अवैध बालू खनन माफियाओं को बचा रही थीं और इसे रोकने की कीमत मुस्लिम दारोगा को चुकानी पड़ी. 4 अप्रैल को सलीम मलिक का तबादला कर दिया गया एबीपी न्यूज़ ने वायरल ऑडियो की पड़ताल की दारोगा का नाम सलीम मलिक है इसलिए सोशल मीडिया पर इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर भेद-भाव वाली कहानी के साथ पेश किया जा रहा है. लेकिन कहानी का सच क्या है ये जानने के लिए एबीपी न्यूज ने वायरल हो रहे इस एक मिनट के ऑडियो की पड़ताल शुरू की. सच सीतापुर में छिपा था इसलिए एबीपी न्यूज़ देश की राजधानी दिल्ली से 550 किलोमीटर दूर लखनऊ के पास सीतापुर पहुंचा. मामला सीतापुर की महोली कोतवाली का बताया जा रहा था तो एबीपी न्यूज़ भी सबसे पहले महोली कोतवाली पहुंचा. कहानी की पड़ताल के पहले हिस्से में हमें दो तस्वीरें मिली पहली तस्वीर महिला कोतवाल रंजना सचान की है जिनकी आवाज वायरल ऑडियो में सुनाई दे रही है. दूसरी तस्वीर महोली कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर सलीम मलिक की है जिन्हें दावे के मुताबिक बालू की ट्रॉली रोकने पर कोतवाल रंजना सचान धमका रही थीं.
यहां एक बात साफ हो चुकी थी कि वायरल ऑडियो में जो नाम बताए गए थे वो सही थे. वायरल ऑडियो का पूरा सच जानने के लिए हमने पुलिस अधीक्षक सौमित्र यादव से संपर्क किया. सौमित्र यादव ने कहा, ”पूरे मामले पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ऐसी घटना हुई ये सच है लेकिन दोषी कौन है ये पुलिस की जांच में सामने आएगा.” पड़ताल में सामने आया सलीम मलिक का ट्रांसफर ऑडियो वायरल होने से पहले ही 4 अप्रैल को कर दिया गया था. लेकिन ऑडियो वायरल होने के बाद आरोपी कोतवाल रंजना सचान का तबादला महिला कोतवाली सीतापुर जरूर कर दिया गया है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया ये पुलिस विभाग का एक अंदरूनी मामला है. ऑडियो वायरल होने से पहले कोतवाल रंजना सचान ने सलीम मलिक के खिलाफ बदतमीजी की शिकायत की थी जिसकी वजह से उनका ट्रांसफर किया गया. जबकि ऑडियो वायरल होने के बाद रंजना सचान का ट्रांसफर कर दिया गया. पूरे मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए ABP न्यूज की पड़ताल में योगीराज में मुसलमान अफसर पर अत्याचार का दावा झूठा साबित हुआ है.

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