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एक महीना योगी का: ग्रामीण जनता को उम्मीद, आएंगे उनके भी अच्छे दिन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 19 मार्च को शपथ लेने वाली योगी आदित्यानाथ की सरकार ने अपने अधिकतर फैसलों में गांव और किसान का ध्यान रखा है। ऐसे में उन्होंने अभी तक जो निर्णय लिए हैं उसको लेकर लोग क्या साचते हैं यह जानने के लिए गांव कनेक्शन ने एक सर्वे किया। जिसमें लोगों से सवाल पूछा गया कि '' क्या प्रदेश की नई सरकार गांवों और किसानों की बेहतरी के लिए काम करेगी ? '' इसके जवाब में 57 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि 26.7 प्रतिशल लोगों ने अपनी राय दी कि योगी सरकार के फैसले से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं आएगा। इस सर्वे में शामिल 16.3 प्रतिशल लोगों ने बीच का रास्ता अख्तियार करते हुए कहा कि योगी सरकार के फैसले पर अभी कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में राज्य के दो करोड़ से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों का बड़ा तोहफा दिया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किसानों से वादा किया था कि सरकार में आने पर वह किसानों का कर्ज माफ करेगी। हालांकि सरकार के कर्जमाफी के फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36,359 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। उत्तर प्रदेश में पिछले साल सूखा पड़ा, ओलावृष्टि हुई और बाढ़ आई जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ।
‘‘उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92. 5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं।’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के लम्बित राजस्व वादों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित कराने के लिए फास्ट ट्रैक की भांति राजस्व न्यायालयों के लिए सृजित पदों को नियमानुसार भरने का आदेश दिया। इसके अलावा उन्होंने भूमिहीन किसानों के 2 बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शिता के साथ छात्रवृत्ति भी दिलाये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भूमाफियाओं द्वारा जब्त की गई राजस्व विभाग की संपत्तियों को चिन्हित कराकर मुक्त कराने हेतु ‘भूमाफिया त्रिस्तरीय टास्क फोर्स’ का गठन किया जाए। मंत्रिपरिषद ने रबी विपणन वर्ष 2017-18 में मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं क्रय नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। किसानों को मूल्य समर्थन योजना के माध्यम से अधिकतम लाभ उपलब्ध कराने के लिए 31 मार्च, 2017 को इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करके 1 अप्रैल, 2017 से गेहूं की खरीद प्रारम्भ की जा चुकी है।

मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार भारत सरकार द्वारा घोषित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1625 रुपए प्रति कुन्तल की दर पर रखा गया है। वर्ष 2017-18 में प्रदेश के लिए राज्य सरकार द्वारा 40 लाख मी. टन गेहूं क्रय का न्यूनतम लक्ष्य रखा गया है, किन्तु किसानों को मूल्य समर्थन योजना का अधिकाधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से निर्धारित न्यूनतम लक्ष्य को बढ़ाकर 80 लाख मी. टन गेहूं क्रय का कार्यकारी लक्ष्य प्राप्त करने के सार्थक एवं प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। 9 क्रय संस्थाओं द्वारा गेहूं क्रय किया जा रहा है। गेहूं क्रय हेतु प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 5000 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
योगी ने यह भी निर्देश दिए कि किसानों की खड़ी फसल जलकर क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें 24 घंटे के अन्दर नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराई जाए। आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में लापरवाही होने पर सम्बन्धित अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जायगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के राजस्व न्यायालयों का शत-प्रतिशत कम्प्यूटरीकरण सुनिश्चित कराते हुये खतौनी एवं नक्शों का डिजिटाइजेशन कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों की सुविधा हेतु पेमेण्ट गेटवे बनाये जाने के भी निर्देश दिये, ताकि किसान घर बैठे खतौनी की डिजिटली हस्ताक्षरित नकल प्राप्त कर सकें। उन्होंने भूमानचित्र को सुरक्षित करने एवं आम जनता को सुगमता से उपलब्ध कराने हेतु इनके डिजिटाइजेशन कार्य में तेजी लाने आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली के अन्तर्गत प्रत्येक गाटे को 16 अंकों का यूनीक कोड प्रदान करने की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए ताकि इण्टरनेट के माध्यम से किसी भी गांव के किसी भी गाटे से सम्बन्धित राजस्व न्यायालय में चल रहे वादों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने टिश्यूकल्चर, हाईटेक हार्टीकल्चर इत्यादि के माध्यम से किसानों की उपज बढ़ाने के साथ-साथ उनकी आय बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने बागवानी फसलों को नील गाय एवं आवारा पशुओं से बचाने के लिए उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पाली हाउसेज के माध्यम से साल भर सब्जियां पैदा हो सकती हैं। इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मण्डी परिषद को किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए मण्डी परिषद पूरी पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के साथ काम करे इसका आदेश दिया।11

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