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वो 12 हीरोइन्स जिन्होंने अपनी फिल्मों के डायरेक्टर्स से शादी की


इस बीते शनिवार को तमिल फिल्ममेकर वेलू प्रभाकरण अपनी नई फिल्म ‘ओरु इयाक्कुनरिन कादल डायरी’ पर बात करने के लिए इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे. लेकिन गए तो शादी करके. उन्होंने 2009 में रिलीज हुई अपनी अन्य फिल्म ‘कादल कादई’ की हीरोइन शर्ली दास को वहां पर जर्नलिस्ट लोगों के सामने रिंग पहना दी. बोले कि इसके बाद रजिस्टर मैरिज करेंगे. साठ बरस के वेलू और अभिनेत्री शर्ली एक-दूसरे को दस साल से जानते थे.

डायरेक्टर वेलू और शर्ली.

इस वाकये ने भारतीय फिल्मों के ऐसे दूसरे विवाहों की याद ताज़ा कर दी जब किसी डायरेक्टर या प्रोड्यूसर ने अपनी फिल्म की अभिनेत्री से शादी कर ली. कई मौकों पर तो ऐसा तब हुआ जब फिल्ममेकर पहले से शादीशुदा था और पहली पत्नी के होते हुए दूसरा विवाह किया. जानते हैं ऐसे ही कुछ कपल्स के बारे में.
#1. बिंदिया गोस्वामी और जे. पी. दत्ता

बिंदिया और जेपी.

बिंदिया जब 18 साल की थीं तब तक एक चर्चित एक्ट्रेस हो चुकी थीं. तब उन्हें कई फिल्मों (चोर पुलिस, ख़ून ख़राबा, दादा) के अपने सह-अभिनेता विनोद मेहरा से प्यार हो गया. इसी दौरान 1980 में दोनों ने शादी कर ली जिसका बड़ा हल्ला हुआ क्योंकि तब विनोद शादीशुदा थे. ख़ैर, ये शादी चार साल चली और बिंदिया 22 की हुईं तब तक उन्हें तलाक दे चुकी थीं. डायरेक्टर जे. पी. दत्ता से उनकी पहली मुलाकात फिल्म ‘सरहद’ (1976) के सेट पर हो चुकी थी. लेकिन जब दत्ता अपनी फिल्म ‘ग़ुलामी’ (1985) डायरेक्ट कर रहे थे तब दोनों में प्रेम हो गया. फिर उसी साल दोनों ने शादी कर ली. फिर उनके घर दो बेटियों निधि और सिद्धि का जन्म हुआ.
#2. कल्कि कोचलिन और अनुराग कश्यप 

कल्कि और अनुराग.

अनुराग की पहली शादी आरती बजाज से हुई थी जो एक जानी-मानी फिल्म एडिटर हैं. फिल्मों के पैशन को फॉलो करते-करते दोनों साथ रहने लगे. 2001 में उनकी बेटी आलिया का जन्म हुआ और उसके दो साल बाद दोनों ने शादी की. लेकिन फिर तीन-चार साल में उनका अलगाव हो गया. इसकी पहली वजह अनुराग का डिप्रेशन था जिसकी वजह से वे अपने कमरे में कैद रहते थे और शराब में डूबे रहते थे. क्योंकि वे अपने फिल्म करियर में आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. इस बीच जब वे फिर से सक्रिय हुए तो उनकी मुलाकात कल्कि कोचलिन से हुई. फ्रेंच मूल की कल्कि को अनुराग ने अपनी फिल्म ‘देव डी’ (2008) के लिए चुना था. शूटिंग के छह महीने बाद अनुराग उनके साथ डेट पर जाने लगे. कई बार वे उनके प्ले देखने के लिए थियेटर पहुंच जाते थे. फिर उन्होंने प्रपोज़ कर दिया. 2009 में अनुराग ने आरती से तलाक ले लिया और कल्कि के साथ लिव-इन में रहने लगे. साल 2011 में दोनों ऊटी के एक फार्महाउस में दक्षिण भारतीय रीति-रिवाजों से शादी कर ली. अब दोनों अलग हो गए हैं.
#3. श्रीदेवी और बोनी कपूर

श्रीदेवी और बोनी.

श्रीदेवी ने जब अपनी पहली हिंदी फिल्म ‘सोलहवां सावन’ (1979) की, प्रोड्यूसर बोनी कपूर उनके प्रति तब से आकर्षित थे. उन्होंने 1984 में मोना कपूर से अरेंज मैरिज की जिनसे उनको अर्जुन कपूर और अंशुला हुए. अपनी फिल्म ‘मि. इंडिया’ (1987) में फीमेल लीड उन्होंने श्रीदेवी को ऑफर किया. श्रीदेवी की मां ने 10 लाख फीस मांगी तो बोनी ने 11 लाख दिए. सेट पर अतिरिक्त सुविधाएं दीं. दोनों करीब आ रहे थे. श्रीदेवी जब स्विटजरलैंड में यश चोपड़ा की फिल्म ‘चांदनी’ (1989) की शूटिंग कर रही थीं तो बोनी उनसे मिलने गए. श्रीदेवी तब भी उनके साथ घर बसाने के बारे में नहीं सोच पा रही थीं क्योंकि वे पहले ही शादीशुदा थे. लेकिन श्रीदेवी ने अपना मन तब बदला जब उनकी मां की तबीयत बहुत खराब हो गई और वे उनके इलाज के लिए अमेरिका गईं जहां वे बिलकुल अकेली थीं. तब वहां बोनी ने आकर उन्हें संभाला. उन्हें हर तरह की मदद दी. तब श्रीदेवी की मां पर कर्ज था जिसे बोनी ने चुका दिया. हर कदम उनके साथ खड़े रहे. यहां आते-आते श्रीदेवी के मन में बोनी के लिए खास जगह बन गई. फिर 1996 में दोनों ने शादी कर ली, हालांकि तब बोनी शादीशुदा थे. बताया जाता है कि तब श्रीदेवी प्रेग्नेंट थीं. बाद में इन्हें खुशी और जाह्न्वी दो बेटियां हुईं.
#4. राम्या कृष्णन और कृष्णा वाम्सी 

राम्या और कृष्णा वाम्सी.

इस बरस ‘बाहुबलीः द कनक्लूजन’ और इससे पहले ‘बाहुबलीः द बिगिनिंग’ में सिवगामी की जोरदार भूमिका करने वाली राम्या कृष्णन को भी अपने डायरेक्टर से प्रेम हो गया था. वे तेलुगु फिल्म ‘चंद्रलेखा’ (1998) के सेट पर डायरेक्टर कृष्णा वाम्सी से मिली थीं जिसकी वे हीरोइन थीं. वहीं से दोनों में प्यार पनपा. बाद में हालांकि वाम्सी ने राम्या को अपनी किसी फिल्म में शादी से पहले रिपीट नहीं किया. 11 जून 2003 को हैदराबाद के एक मंदिर में दोनों ने शादी कर ली. हिंदी में राम्या ने शाहरुख के साथ ‘चाहत’ (1996), गोविंदा के साथ ‘बनारसी बाबू’ (1997) जैसी फिल्में की हैं. वहीं वाम्सी ने बोनी कपूर के बैनर की महत्वाकांक्षी फिल्म ‘शक्ति’ (2002) डायरेक्ट की थी.
#5. दीप्ति नवल और प्रकाश झा

दीप्ति और प्रकाश.

जब प्रकाश अपनी पहली फीचर फिल्म ‘हिप हिप हुर्रे’ (1984) डायरेक्ट कर रहे थे, उस दौरान उनमें और फिल्म की हीरोइन दीप्ति नवल में प्यार हो गया. इसकी शूटिंग के दौरान इन्होंने शादी कर ली. बाद में प्रकाश की अगली फिल्म और उनके करियर की सबसे उल्लेखनीय फिल्म ‘दामुल’ में भी दीप्ति ने लीड रोल किया. उसके कुछ वक्त बाद दोनों अलग हो गए.
#6. किरण जुनेजा और रमेश सिप्पी

रमेश सिप्पी और किरण.

‘शोले’ (1975) जैसी क्लासिक के डायरेक्टर रमेश सिप्पी की पहली शादी गीता से हुई थी जिनसे उन्हें रोहन (ब्लफमास्टर, कुछ ना कहो) हुए. फिर जब रमेश दूरदर्शन के लिए टीवी-सीरीज ‘बुनियाद’ (1987) डायरेक्ट कर रहे थे तब उनका दिल उसमें काम कर रही एक्ट्रेस किरण जुनेजा पर आ गया जो मॉडलिंग के बैकग्राउंड से आई थीं. किरण बताती हैं कि जब वे रमेश की जिंदगी में आईं तब तक वे अपनी पहली पत्नी से अलग हो चुके थे. खैर, करीब चार साल के रिश्ते के बाद इन दोनों ने 5 फरवरी 1990 को शादी कर ली. तब किरण 30 साल की थी और रमेश 42 वर्ष के.
#7. रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा 

रानी और आदित्य.

रानी ने यशराज बैनर की कई फिल्मों में काम किया है जिसके मालिक हैं आदित्य चोपड़ा जिन्हें ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी फिल्म डायरेक्ट करने के लिए जाना जाता है. आदि ने 22 सालों में सिर्फ चार फिल्में डायरेक्ट की हैं और इनमें से किसी में भी रानी को कास्ट नहीं किया. लेकिन उनके बैनर ने बहुत सी ऐसी फिल्में प्रोड्यूस की हैं या वितरित की हैं जिनमें रानी थीं. इस वजह से दोनों एक-दूसरे को जानते थे और इन दोनों का रिश्ता लंबा चला. आदित्य तब शादीशुदा थे. उनके करीबी हमेशा से जानते थे कि दोनों का रिश्ता चल रहा है लेकिन सार्वजनिक तौर पर रानी ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया. बताया जाता है कि आदित्य इंतजार कर रहे थे कि उन्हें अपनी पहली पत्नी से तलाक मिल जाए उसके बाद ही वे कुछ अनाउंस करेंगे. अंत में ऐसा हुआ तो 21 अप्रैल 2014 को इटली में दोनों ने शादी कर ली. अगले साल दिसंबर में उन्हें बेटी आदिरा हुई.
#8. उदिता गोस्वामी और मोहित सूरी 

उदिता और मोहित.

उदिता ने अपना करियर भट्ट कैंप की फिल्म ‘पाप’ (2003) से शुरू किया था. उनकी दूसरी फिल्म ‘ज़हर’ (2005) के डायरेक्टर मोहित ही थे. दोनों पहली फिल्म के समय से ही दोस्त हो गए थे. फिर ये रिश्ता प्यार में बदल गया. माना जाता है कि इन दोनों का रिश्ता शादी से पहले नौ साल चला. फिर 29 जनवरी 2013 को इन्होंने शादी कर ली. दो साल बाद उनके बच्ची हुई. अपनी शादी को लेकर हालांकि उदिता ने ये भी कहा कि उन्होंने सिर्फ इमोशनल कारणों से शादी की वरना मोहित शादी को सिर्फ औपचारिकता मानते हैं.
#9. सोनाली बेंद्रे और गोल्डी बहल 

शिल्पा और गोल्डी.

इन दोनों की मुलाकात पहली बार महेश भट्ट की फिल्म ‘नाराज़’ (1994) के सेट पर हुई थी. उसके बाद दोनों की पहचान बढ़ी. गोल्डी की कोशिशों के बाद सोनाली ने उनको डेट करना शुरू किया. लंबे समय तक इन्होंने सार्वजनिक तौर पर इस रिश्ते को नहीं माना. बाद में बतौर प्रोड्यूसर गोल्डी की पहली फिल्म ‘अंगारे’ (1998) में सोनाली ने काम किया. आखिर 12 नवंबर 2002 में दोनों ने शादी की.
#10. सोनी राजदान और महेश भट्ट 

सोनी और महेश भट्ट.

भट्ट जब 20-21 साल के थे तभी उन्होंने अपनी प्रेमिका लॉरेन ब्राइट उर्फ किरण से शादी कर ली थी. जल्द ही उनकी पहली बेटी पूजा भट्ट का जन्म हो गया था. फिर महेश का रिश्ता परवीन बॉबी से भी चला. किरण से उनकी दूसरी संतान राहुल भट्ट के रूप में हुई 1982 में. उसके बाद उन्हें ’36 चौरंगी लेन’ फिल्म से 1981 में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस सोनी राजदान से प्यार हो गया जो ब्रिटिश मूल की थीं. महेश के डायरेक्शन वाली ‘सारांश’ (1984) में सोनी का एक प्रमुख रोल था. फिर 1986 में महेश ने धर्म परिवर्तन करके सोनी से शादी कर ली, तब उन्होंने किरण को तलाक नहीं दिया था. किरण को महेश की दूसरी शादी की जानकारी कुछ दिन बाद खबरों से हुई. तब महेश अपनी फिल्म ‘नाम’ की एडिटिंग कर रहे थे. बाद में इनके घर आलिया और शाहीन का जन्म हुआ.
#11. शेफाली शेट्टी और विपुल शाह 

शेफाली और विपुल.

सैंटाक्रूज, मुंबई के आर्य विद्या मंदिर से पढ़ी शेफाली शेट्टी ने 1995 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ से फिल्म डेब्यू किया था. हालांकि फिल्म में उनके कुछेक सीन ही थे. उसके बाद वे टीवी में चलने लगीं. वहां उनकी मुलाकात हर्ष छाया से हुई. दोनों ने 1997 में शादी कर ली. उसके बाद से शेफाली को शेफाली छाया कहा जाने लगा. दोनों लोग टीवी के जाने-माने एक्टर हो चुके थे. इस दौरान 1999 में रामू की ही फिल्म ‘सत्या’ में शेफाली को नई पहचान मिली. उन्होंने भीखू म्हात्रे की पत्नी का रोल किया था. कुछ वक्त बाद से उनके और हर्ष के बीच सबकुछ ठीक नहीं रहा, और यही वो वक्त था जब गुजराती फिल्म ‘दारिया छोड़ू’ में अभिनय करते हुए उन्हें और डायरेक्टर विपुल शाह को प्यार हो गया. हालांकि विपुल उनकी तरफ दस बरस पहले से ही आकर्षित थे. ये 1992-93 की बात है, तब शेफाली एक गुजराती सीरियल में काम कर रही थीं. उसके बाद विपुल ने उनको अपने हर प्ले या सीरियल में रोल ऑफर किया लेकिन शेफाली ने हमेशा मना कर दिया. फिर आखिर वे ‘दारिया’ में काम करने को राज़ी हुई और इसके सेट पर दोनों का प्यार परवान चढ़ गया. 2001 में हर्ष और शेफाली में तलाक हो गया. उसके बाद उन्होंने विपुल से शादी कर ली. उनके दो लड़के हैं. 2005 में विपुल द्वारा निर्देशित फिल्म ‘वक्त’ में शेफाली ने अमिताभ बच्चन के किरदार की पत्नी का रोल किया था.
#12. मीना कुमारी और कमाल अमरोही 

मीना और कमाल अमरोही.

मीना जब बाल अदाकारा थीं तब कमाल अमरोही राइटर हुआ करते थे और एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में वे उनके घर गए थे. मीना ने वो फिल्म तो नहीं की लेकिन कमाल ने तभी कह दिया था कि वे आने वाले समय की सुपरस्टार है. फिर काफी बरस बाद फिल्म ‘तमाशा’ (1952) के सेट पर अशोक कुमार ने कमाल को किशोरी मीना कुमारी से मिलवाया. बाद में उन्हें पता चला कि ये वही बच्ची हैं. मार्च 1951 में कमाल ‘अनारकली’ नाम की फिल्म डायरेक्ट करने की तैयारी में थे. इसमें लीड रोल का ऑफर उन्होंने मीना को दिया और करार साइन किया गया. लेकिन उसके बाद मीना का एक्सीडेंट हो गया. कमाल लगातार अस्पताल में उनसे मिलने जाते थे. चार महीने ये सिलसिला चला और दोनों आकर्षित हुए. बाद में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद दोनों फोन पर लंबी बातें करते. फिल्म शुरू हुई लेकिन प्रोड्यूसर को पैसों की कड़ी दिक्कत हुई तो फिल्म बंद करनी पड़ी. लेकिन तब तक दोनों शादी का मन बना चुके थे. 14 फरवरी 1952 को 19 साल की मीना कुमारी और 34 साल के कमाल ने चुपके से शादी कर ली. क्योंकि कमाल पहले से शादीशुदा थे.
बाद में मीना धीरे-धीरे सुपरस्टार बन गईं. कुछ बरस बाद वे पति से अलग रहने लगीं. कमाल का कहना था कि कुछ लोग मीना को बहका रहे हैं. मीना कुमारी के बाद में कई अफेयर हुए. उन्हें शराब की लत लग गई. हालांकि वे कमाल से बात किया करती थीं. उन दोनों का एक प्रिय प्रोजेक्ट अटका हुआ था – ‘पाक़ीज़ा’. इसके डायरेक्टर थे कमाल और लीड एक्ट्रेस थीं मीना. फिल्म पर 16 साल के करीब काम चलता रहा और आखिर 1972 में ये रिलीज हुई. रिलीज के साथ ये नहीं चली. लेकिन फिर मीना कुमारी की मृत्यु हो गई और सिनेमाघर हाउसफुल हो गए.
कमाल अमरोही ने याद किया था कि बुधवार, 29 मार्च की शाम कोमा में जाने से पहले मीना कुमारी ने उन्हें कहा था, “चंदन, मैं अब ज्यादा नहीं रहूंगी. मेरी आखिरी तमन्ना है कि मैं तुम्हारी बाहों में जाऊं.” फिर वे कोमा में चली गईं. डॉक्टर्स ने सब उम्मीदें छोड़ दीं. शुक्रवार दोपहर 3.20 के करीब कमाल ने मीना का माथा छुआ और उनके बालों में उंगलियां फिराईं और अगले ही पल मीना के दिल ने धड़कना बंद कर दिया.