मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिसिया गोलीबारी से 5 किसानों की मौत हुई थी. अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों पर गोली चलने के मुद्दे से देश की राजनीति गर्मा गई है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी समेत समूचे विपक्ष ने इस मुद्दे पर राज्य की शिवराज सिंह चौहान को घेरा है. गोलीबारी के दौरान जिन 5 किसानों की मौके पर ही मौत हो गई थी, पढ़ियें उनके बारे में...
1- अभिषेक दिनेश पाटीदार- अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सेप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, मरने वाले 5 किसानों में अभिषेक सबसे छोटा था. वह 12वीं क्लास का स्टूडेंट था और 4 भाई-बहनों में सबसे छोटा था. मंगलवार को हुई गोलीबारी में मौत के बाद अभिषेक के परिवार वालों ने उसके शव को हाइवे पर रखकर प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान गांववालों की वहां के डीएम स्वतंत्र कुमार सिंह के साथ धक्कामुक्की भी हुई थी.
2- पूनमचंद उर्फ जगदीश पाटीदार- बीएससी की पढ़ाई कर रहे पूनमचंद ने 2016 में अपने पिता की मौत के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. और परिवार की 7 बीघा जमीन पर ही खेती करने लगे, लेकिन फसल की लागत भी ना आ पाने से वह निराश थे. स्थानीय लोगों की मानें, तो जब पुलिस ने गोलीबारी की थी तो सबसे पहले पूनमचंद को ही गोली लगी थी.
3- चैनराम गनपत पाटीदार- इस साल अप्रैल में ही शादी के बंधन में बंधे चैनराम के पिता मजदूर के तौर पर काम करते हैं. उनके पास 2 बीघा जमीन भी है, एक आंख में कमी होने के कारण उनका सेना में जाने का सपना अधूरा ही रह गया था.
4- सत्यनारायण मांगीलाल धनगर- दिहाड़ी मजदूर सत्यनारायण की एक दिन की आय मात्र 200 रुपये तक की है. उनके परिवार के पास 6 बीघा जमीन है, लेकिन उनके पास खुद के पास कोई जमीन नहीं है.
5- कन्हैयालाल धुरीलाल पाटीदार- दो बच्चों के पिता कन्हैयालाल आठवीं तक पढ़े थे. कन्हैयालाल और उनके तीन भाइयों के पास कुल सात बीघा जमीन है.
बता दें कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों के उग्र होने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी, जिसमें छह किसानों की जान चली गई. इस फायरिंग में पांच किसानों की उसी दिन मौत हो गई, जबकि एक अन्य किसान ने शुक्रवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया.
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