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ये आंदोलन नहीं दादागिरी है, MP में पुलिस बैकफुट पर




 MP के मंदसौर में हुए गोलीकांड के तीसरे गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पुलिस फायरिंग में ही 5 किसानों की मौत होने की बात मान ली। लेकिन अब ये आंदोलन कम किसानों की दादागिरी ज्यादा लग रही है
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने मंदसौर के कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया। मंदसौर में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने बाइक से पहुंचे राहुल गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मंदसौर में कर्फ्यू में गुरुवार को दो घंटे की छूट दी गई। हालात को ध्यान में रखते वक्त 4 बजे से 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। गुरुवार को मंदसौर से करीब 180 किलोमीटर दूर शाजापुर में भी आंदोलन हिंसक हो गया। 
यहां पिपलिया गोपाल गांव में प्रदर्शनकारियों ने ट्रक और बाइक में आग लगा दी। यहां पथराव के दौरान एसडीएम राजेश यादव और दो जवान घायल हो गए। इससे पहले बुधवार को ग्वालियर में महिला कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मी की कॉलर पकड़ ली। वहीं, उज्जैन में सीएसपी को जान बचाकर भागना पड़ा। इस बीच, यह खुलासा हुआ है कि मंदसौर में पहले सीआरपीएफ ने, फिर पुलिस ने किसानों पर गोलियां चलाई थीं। इसी से हिंसा और भड़की। 
मंदसौर में किसान आंदोलन से निपटने में सामने आई एडमिनिस्ट्रेशन की खामी के चलते राज्य सरकार ने मंदसौर के साथ-साथ नीमच और रतलाम के कलेक्टर का भी ट्रांसफर कर दिया है। मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह को डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में भोपाल भेजा गया है। उनकी जगह शिवपुरी कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को मंदसौर का कलेक्टर बनाया गया है। सागर के निगम कमिश्नर कौशलेन्द्र सिंह नीमच के नए कलेक्टर होंगे, जबकि तन्वी सुन्द्रियाल को रतलाम कलेक्टर बनाया गया है। तरुण राठी को शिवपुरी कलेक्टर बनाया गया है।
मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में किसानों की मौत के बाद पुलिस कितनी डरी हुई है, यह ग्वालियर में भी देखने मिला। ग्वालियर बंद के दौरान हजीरा से चार शहर का नाका रोड पर माकपा नेताओं को सीएम का पुतला दहन करने से रोकने के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं से उनका टकराव हो गया। इस टकराव में बीच में आए हजीरा थाने के एसआई उदयवीर तोमर की माकपा कार्यकर्ता रीना शाक्य और प्रीति सिंह ने कॉलर पकड़ ली। ये भी कहा जा रहा है कि कुछ पुलिस वालों ने अफसरों से ये गुजारिश की है कि उनका यहां से ट्रांसफर हो जाए।
मंदसौर जिले के बरखेड़ापंथ में किसान रोड पर हंगामा कर रहे थे। तभी वहां पहुंचे पिपलियामंडी थाने के एएसआई राकेश चौधरी ने उनसे शांति की अपील की। किसान फिर भी नहीं माने। इसके बाद चौधरी ने उनके हाथ जोड़ लिए।

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