Wednesday

MCD चुनाव: WiFi से CCTV कैमरे तक अधूरे वायदों के कारण AAP की हुई यह दशा

Navodayatimes नई दिल्ली/ मुरारी शरण। राजनीत में आम तौर पर जनता की याददाश्त को कमजोर माना जाता है। एमसीडी चुनावों को लेकर यदि इस जुमले को कहा जाए तो यह आप के लिए फिट नहीं बैठती है। आप की हार के कारणों की यदि समीक्षा करें तो इसके अधूरे रह गए वायदे सबसे अहम साबित होंगे। भ्रष्टाचार मिटाने से लेकर वीआईपी कल्चर को खत्म करना, अपराध मुक्त दिल्ली और फ्री वाईफाई आप नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के कुछ ऐसे वायदे थे जो लोगों की जुबान पर तो थे लेकिन आज तक पूरे नहीं हो सके। चर्चा करते हैं ऐसेे ही कुछ वायदों पर जिसे आप सरकार पूरे नहीं कर सकीः- 
फ्री वाईफाई:
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान आप ने जनता से जो वादे किए थे उनमें सबसे प्रमुख फ्री वाईफाई देने का था। सत्ता में आने के बाद जून 2016 में आप सरकार ने इसकी रूपरेखा भी बनाई जिसके अनुसार पूर्वी दिल्ली में 3 हजार हॉट स्पॉट प्वांट से फ्री इंटरनेट देने की योजना थी। बाकी दिल्ली के लिए फाइबर नेटवर्क की कमी होने का बहाना बना इसकी योजना आगे बनाने की बात की गई। आप सरकार के दिल्ली में 3 साल होने के बाद आज भी दिल्लीवासियों के लिए फ्री वाईफाई सपना बना हुआ है।
मोहल्ला क्लिनिकः
दिल्ली में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को कोसते हुए आप ने हर गली मोहल्ले में मोहल्ला क्लिनिक बनाने का वादा किया जिसमें महंगी दवाइयों के मुफ्त मिलने का प्रवधान था। आज भी आप अपनी इस योजना को सबसे बेहतरीन योजना के तौर पर पेश करती है। देशी और विदेशी मीडिया में भी इसे खूब जगह दी गई जबकि हकीकत यह है कि पूरी दिल्ली में अभी तक सिर्फ 110 मोहल्ला क्लिनिक ही खुल पाई है। इसमें भी आरोप है कि इसमें से अधिकांश क्लिनिक आप पार्टी के कार्यकर्ताओं के घर को किराये पर लेकर चलाया जा रहा है।

भ्रष्टाचार मुक्त दिल्लीः
अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम से लाइमलाइट में आए अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में 15 सालों की कांग्रेस शासन से उब चुकी जनता ने उद्धारक के तौर पर देखा । जनता को यकीन था कि अन्ना आंदोलन से निकला व्यक्ति दिल्ली में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार को खत्म कर देगा। लेकिन मोहल्ला क्लिनिक से लेकर कई ऐसे मामले प्रकाश में आए जिससे लोगों का विश्वास टूट गया।
वीआईपी कल्चरः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस को कोसते हुए केजरीवाल बार-बार वीआईपी कल्चर को कोसा करते थे और जनता सेवादा करते थे कि सत्त में आते ही वह इसे खत्म कर देंगे। लेकिन हुआ इससे उलट, सत्ता में आते ही जनता ने केजरीवाल को लालबत्ती लगी लंबी सी फॉच्यूनर में बैठा पाया। उनके आगे-पीछे सुरक्षाकर्मियों की भीड़ भी उतनी ही थी जितनी कि किसी अन्य वीआईपी के पास। यानी जिस वीआईपी कल्चर को कोस कर केजरी सत्ता में आए थे उसी ो शिकार हो गए। 
सफाईकर्मियों की सैलरीः
खास तौर पर पूर्वी दिल्ली एमसीडी के सफाईकर्मियों की सैलरी को लेकर पिछले दो साल से लगातार संघर्ष चल रहा है। पार्टी के विज्ञापन पर 97 करोड़ फूंक चुके अरविंद केजरीवाल का यह कहना कि पूवी दिल्ली एमसीडी के सफाई कर्मचारियों को देने के लिए दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं हैं लोगों को गले के नीचे नहीं उतरता। सफाई कर्मियो की सैलरी को लेकर होने वाले विवाद से आम जनता को यह संदेश गया कि केजरीवाल विज्ञापन पर तो पैसा खर्च कर सकते हैं लेकिन गरीब कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं दे सकते।      

No comments:

Post a Comment