नई दिल्ली/नोएडा. रविवार को हुई नीति आयोग की बैठक में योगी आदित्यनाथ ने इतने प्रभावी तरीके से अपनी बात रखी कि खुद प्रधानमन्त्री मोदी भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके. उन्होंने पीएम से कई मुद्दों पर अपनी राय साझा किया और अपने राज्य उत्तर प्रदेश के लिए कई मांग भी की. कई मुद्दों पर उन्होंने नई सोच का प्रदर्शन किया जिससे पीएम बहुत प्रभावित हुए.
गरीबी का आकलन हर पांच साल में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी नीति आयोग की बैठक में जो सबसे महत्त्वपूर्ण सुझाव दिया, वह ये रहा कि गरीबी का आकलन हर पांच साल में किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि गरीबों की स्थिति में भी लगातार परिवर्तन होता है. कुछ लोग सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर और उनके समक्ष उपलब्ध अवसरों के सहारे गरीबी रेखा से ऊपर उठ जाते हैं तो वहीं मौसम की विपरीत मार और इसी तरह के कुछ अन्य कारणों से कभी-कभी नए वर्ग गरीबों में शामिल हो जाते हैं. इसलिए समय-समय पर इसकी समीक्षा होती रहनी चाहिए जिससे राज्य अपने लोगों के लिए उचित नीतियाँ बना सकें. अभी इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है.
यूपी को पूर्ण स्वच्छ बनाने का किया वादा, स्वच्छता अभियान में केंद्र से मांगी मदद
नीति आयोग के माध्यम से योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमन्त्री को जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के कुल 59,000 गांवों में से 3500 गावों को खुले में शौच से पूर्ण मुक्त करा लिया गया है. बाकी गावों को भी अक्टूबर 2018 तक पूर्ण खुले में शौच से मुक्त गांव बना दिया जायेगा. उन्होंने प्रधानमन्त्री से कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक धन की आवश्यकता है, इसलिए इस अभियान में केंद्र का हिस्सा बढ़ाया जाना चाहिए. इस समय स्वच्छ भारत अभियान में केंद्र-राज्य की भागीदारी का अनुपात 60:40 है, जिसे योगी आदित्यनाथ ने 75:25 किये जाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि इससे राज्यों के पास इस मद में खर्च के लिए अधिक धनराशी उपलब्ध हो सकेगी जिससे देश को जल्दी स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी.
शिक्षा अभियान को आगे बढ़ाने के लिए मांगी मदद
उत्तर प्रदेश जैसे शिक्षा में पिछड़े राज्य के लिए योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए केंद्र से भारी-भरकम राशि की मांग की. उन्होंने इस मद में यूपी के बकाये दस हजार करोड़ रूपये के भी जल्दी भुगतान की भी मांग की. राज्य के अनुसूचित जाती-अनुसूचित जन जाती के बच्चों के वजीफे के लिए भी केंद्र से दो हजार करोड़ रूपये दिए जाने का प्रस्ताव रखा.
पूर्वांचल-बुन्देलखण्ड के लिए विशेष पैकेज की मांग
बीजेपी ने अपने यूपी के चुनावी घोषणापत्र में पूर्वांचल के विकास के लिए पूर्वांचल विकास बोर्ड बनाने और बुन्देलखण्ड के विशेष विकास की योजना का खाका पेश किया था. पार्टी की ये सोच नीति आयोग की बैठक में भी साफ़ नजर आई. योगी आदित्यनाथ ने पीएम को बताया कि पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड, दोनों ही इलाके विकास की दौड़ में देश के बाकी राज्यों से काफी पिछड़ गये हैं. इसलिए इनको मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष प्रयास किये जाने की जरूरत है. योगी आदित्यनाथ ने इस क्षेत्र के विकास के लिए पीएम से 15,000 करोड़ रूपये के विशेष पैकेज दिए जाने का प्रस्ताव किया.
राष्ट्रीय राजमार्गों को केंद्र करे गड्ढामुक्त
योगी आदित्यनाथ ने जब सत्ता सम्भाली थी, तब उन्होंने सड़कों को अपनी सबसे पहली प्राथमिकता में रखा था और सड़क रखरखाव से सम्बन्धित सभी एजेंसियों को सख्त आदेश देते हुए कहा था कि 15 जून तक राज्य की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त हो जानी चाहिए. यूपी में इस समय 86,000 किलोमीटर लम्बी सड़कें हैं. इसमें 3000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग है.
योगी आदित्यनाथ ने आयोग को जानकारी दी कि इस सन्दर्भ में तेजी से काम चल रहा है, लेकिन राज्य में जितना राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, उनको गड्ढामुक्त करने का खर्च केंद्र सरकार को ही उठाना चाहिए. उन्होंने इस मद के लिए केंद्र से आर्थिक मदद की मांग की.
यूपी को प्रकाशित करने पर जोर
योगी ने यूपी को अँधेरे से निजात दिलाने के लिए केंद्र और राज्य के बीच हुए ऊर्जा के क्षेत्र के समझौतों के लिए केंद्र को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे अँधेरे में डूबे यूपी को समयबद्ध ढंग से 2018 तक पूर्ण प्रकाशित करने में मदद मिलेगी.
योगी आदित्यनाथ ने यूपी के लिए सोलर इंडिया मिशन के तहत और अधिक सोलर पम्पों की मांग रखी है. यूपी ने अपने लिए 22000 सोलर पम्पों की मांग रखी थी लेकिन उसे अभी तक कुल 10,000 सोलर पम्प ही उपलब्ध करवाए जा सके हैं.
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