रालेगढ़ सिद्धी, महाराष्ट्र। अन्ना हजारे के जन आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले केजरीवाल को दिल्ली एमसीडी चुनाव में जबरदस्त हार मिली है। ये वहीं केजरीवाल है जिन्हों करीबन 5 साल पहले अन्ना हजारे के साथ आमरण अनशन किया था..ये वहीं केजरीवाल है जिन्होंने अन्ना के साथ भ्रष्टाचार खत्म करने की कसम खाई थी…ये वहीं केजरीवाल ने जिन्होंने अन्ना का साथ देने का वादा किया था…लेकिन राजनीति से दूर भागने वाले केजरीवाल ने राजनीति में ऐसे कूदे कि उनका हाथ अब पूरी तरह से अन्ना हजारे से छूट हो गया है और अब अन्ना केजरीवाल के ऊपर सिलसिलेवार तरीके से कटाक्ष कर रहे हैं।
अन्ना ने केजरीवाल पर चुनाव में मिली हार के बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली में जनता ने जनादेश दिया है। आप सरकार की जबरदस्त हार हुई है। इन लोगों को इधर-उधर देखने की बजाय सिर्फ दिल्ली को मॉडल बनाने के बारे में सोचना चाहिए था। इसके साथ ही अन्ना ने कहा कि केजरीवाल की कथनी और करनी में फर्क दिखा। उनकी हार से भी मुझे दुख पहुंचा है लेकिन हार के बाद ईवीएम पर सवाल उठाना पूरी तरह से गलत है। कुर्सी का धर्म ही ऐसा होता है कि एक बार सत्ता मिल जाए तो सिर्फ सत्ता ही दिखती है और लोग समाज का कार्य करना भूल जाते है।
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