सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आगामी चार सालों में पुलिस महकमे में सब इंस्पेक्टर और सिपाहियों के सभी रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है.
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों के प्रमुख सचिव (गृह) को तलब कर पुलिस महकमे में खाली पदों का ब्यौरा और उन्हें भरने का रोडमैप मांगा था. जिसके बाद यूपी सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट मे पुलिस भर्तियों का रोडमैप सौंपा.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिए हैं कि हर साल 3200 सब इंस्पेक्टर और 30000 सिपाही की भर्ती सुनिश्चित कराई जाए. इतना ही नहीं हर साल भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से लेकर रिज़ल्ट घोषित होने तक पुलिस भर्ती बोर्ड का चेयरमैन नहीं बदला जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि अगर कोर्ट को दी गई टाइम लाइन का पालन नहीं हुआ तो अधिकारी निजी तौर पर ज़िम्मेदार होंगे.
बता दें उत्तर प्रदेश में 3.5 लाख पुलिस कर्मियों के भर्ती की संस्तुति के बावजूद अभी तक 1.51 लाख पद खाली है.
साल 2013 में दाखिल एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर, डीवाई पाटिल और संजय किशन कौल की खंडपीठ ने 6 राज्यों के प्रमुख सचिव (गृह) को शुक्रवार को तलब किया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से पुलिस भर्ती का रोडमैप देने का भी निर्देश दिया था.
याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों की भर्ती न होने से मौजूदा समय में तैनात पुलिस वालों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. जिसका सीधा असर पुलिस के परफॉर्मेंस और कानून व्यवस्था पर पड़ रहा है.
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