भारतीय भाषाओं में इंटरनेट अपनाने के मामले में तमिल सबसे आगे है।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंटरनेट पर भी हिंदी का दबदबा बढ़ने जा रहा है। 2021 तक भारतीय भाषाओं वाले इंटरनेट यूजरों में एक तिहाई से अधिक हिंदी का इस्तेमाल करने वाले होंगे। यह तकनीक वाले इस युग में हिंदी की एक नई छलांग होगी।
एक नए अध्ययन में हिंदी के संदर्भ में यह उत्साहजनक संकेत सामने आए हैं। माना जा रहा है कि 2021 तक भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या तकरीबन 53.6 करोड़ होगी। इनमें से 38 प्रतिशत यानी बीस करोड़ से अधिक हिंदी यूजर होंगे। दूसरे नंबर पर मराठी भाषा (5.1 करोड़) होगी। यह कुल इंटरनेट यूजरों का नौ प्रतिशत होगा। हिंदी और मराठी के बाद बंगाली (4.2 करोड़), तमिल (3.2 करोड़), तेलुगु (3.1 करोड़) और गुजराती (2.6 करोड़) का नंबर आएगा।
भारतीय भाषाओं में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2011 में यह संख्या 4.2 करोड़ थी तो 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 23.4 करोड़ हो गया। माना जा रहा है कि अगले चार साल में यह संख्या 53 करोड़ से अधिक हो जाएगी। यानी पांच साल में दोगुने से अधिक। शोध के अनुसार अगले पांच सालों में हर दस नए इंटरनेट यूजरों में से नौ भारतीय भाषाओं वाले होंगे।
2021 तक करीब 52 प्रतिशत आबादी की होगी इंटरनेट तक पहुंच
- अगले पांच साल में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 17.6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान
- सितंबर से दिसंबर 2016 में मोबाइल डेटा की लागत में 96 प्रतिशत तक की कमी
- 2019 तक छह करोड़ ग्रामीण घरों तक डिजिटल साक्षरता पहुंचने की संभावना
- भारतीय भाषाओं में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में 99 प्रतिशत लोग मोबाइल के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। कुल मिलाकर भारत में 78 प्रतिशत इंटरनेट यूजर मोबाइल के जरिये वेब एक्सेस करते हैं। 148 प्रतिशत इंटरनेट यूजर मानते हैं कि स्थानीय भाषाओं में डिजिटल कंटेंट इंग्लिश की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद है।
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