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ये फ़ोटो न डलती, तो इरफ़ान पठान की पत्नी को अपने एक भाई के बारे में न मालूम चलता!

Muslim Facebook users react to Irfan Pathan uploading an image with his wife
‘मुस्लिम धर्म’ और ‘महिलाएं’. जब भी ये दोनों शब्द एक ही वाक्य में शामिल होते हैं, तो कई बार वजहें अच्छी नहीं होती हैं. पिछले कुछ वक़्त में इंडियन मुस्लिम क्रिकेटर्स को उनके मुस्लिम होने की वजह से सोशल मीडिया पर निशाने पर लिया गया है. मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी के साथ फ़ोटो डालने पर काफी कुछ कहा गया. उन्हें इस बात की नसीहत दी गई कि उन्हें अपनी पत्नी की तस्वीर इस तरह से पब्लिक में नहीं अपलोड करनी चाहिए. उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि उनकी पत्नी को कम से कम लोग देख पाएं क्यूंकि वो मुसलमान हैं और उनके धर्म में ऐसा ही होता है. लड़कियों को ढक के रखने की प्रथा है. मानो लड़की नहीं, कटे हुए फल हों, जिन पर मक्खियां आकर बैठ जाती हैं. और अगर मक्खी आकर बैठ भी जाती हैं तो नसीहत देने वालों को ये याद रखना चाहिए कि वो खुद को ही मक्खी साबित कर रहे होते हैं.
फिलहाल ये नसीहत मिली है इरफ़ान खान को. इरफ़ान अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर अपनी पत्नी के साथ दिखे. साथ में लिखा – ‘This girl is trouble’. (ये लड़की मुसीबत है.) इस वाक्य में कोई बुराई नहीं थी. उन्होंने जो भी लिखा था, एक मज़ाकिया लहजे में लिखा था. इस तस्वीर में इरफ़ान पठान और उनकी पत्नी दिख रही थीं. उनकी पत्नी ने हालांकि बुर्का पहन रखा है लेकिन उनका चेहरा खुला हुआ था. उन्होंने अपने मुंह को इस तरह अपने हाथों से छुपाया हुआ था कि उनकी सिर्फ आंखें ही दिखाई दे रही थीं. इस दौरान उनके हाथ भी बुर्के से बाहर आ गए थे. कुल मिलाके उनकी आंखें और बांहों का थोड़ा हिस्सा दिख रहा था. बस.



मुस्लिम कट्टरपंथी फेसबुक यूज़र्स को इसी में मिर्ची लग गई. पठान और मुस्लिम धर्म की दुहाई दी जाने लगी. पाषाण काल की याद दिलाई जाने लगी. कमेंट्स पर कमेंट्स आने लगे.

इन्हें इरफ़ान की पत्नी को इसलिए नहीं देखना था क्यूंकि वो इनकी बहन हैं.

इन्हें नेलपॉलिश लगाने से और आयब्रो बनवाने से समस्या है.

नेल पॉलिश से समस्या (2)

इन्हें बस तस्वीर नहीं चाहिए.

इन्हें भाभी पर्दे में चाहिए. मानो भाभी न हुईं खिड़की हो गईं.

ये नाम ही बदलवाना चाहते हैं.

फ़ोटो नहीं चैय्ये.

नेल पॉलिश से समस्या (3)

नेल पॉलिश से समस्या (4)

मौलवी स्पीकिंग.

इन सभी को (ये सैम्पल मात्र हैं. वहां कमेंट्स देखिएगा तो खुद के बाल नोच लीजियेगा.) किसी न किसी चीज से समस्या थी. इरफ़ान की पत्नी के हाथों से, उनकी उंगलियों के नाखून में लगी पॉलिश से, उनकी तस्वीर से और न जाने क्या-क्या. लोगों को इरफ़ान की पत्नी के दिखते बदन की परवाह थी. उन्हें अपने इस काम के लिए ‘शर्मा’ या ‘सिंह’ जैसे गैर इस्लामिक नाम रख लेने की हिदायत दी जा रही थी. जैसे वो नाम रखते ही उस एक लड़की को कैसे भी कपड़े पहना दो, उन्हें फ़र्क नहीं पड़ेगा. क्यूंकि वो लड़की फिर उनके मज़हब की नहीं रहेगी. और यहीं ये मालूम चल जाता है कि उनके इस विचार के पीछे एक लड़की की हिफाज़त जैसा कोई भी ख्याल नहीं है. वो बस धर्म की तेज़ रोशनी में अंधे हो चुके हैं.
इसके अलावा एक बात और भी है. इरफ़ान पठान भी कम नहीं हैं. आईपीएल 2016 के रेड कारपेट इवेंट में वो अपनी पत्नी के साथ शरीक़ हुए थे. वहां उनकी पत्नी पूरी तरह से हिज़ाब में कैद थीं.

फ़ोटो: फ़ेसबुक

उनके बड़े भाई यूसुफ़ पठान की पत्नी आईपीएल पार्टीज़ में भी इसी तरह दिखती रही हैं.

पठान भाई एक पक्की मुस्लिम फैमिली से आते हैं. उनकी फ़ैमिली मस्जिद में रहा करती थी जिसमें उनके पिता काम किया करते थे. उस लिहाज़ से देखा जाए तो आंखें और बांहों का कुछ हिस्सा ही दिखाकर घर के माहौल में क्रांति ला दी होगी. तिस पर भी कसर वो कट्टरपंथी फेसबुक यूज़र्स पूरी कर देते हैं, जो नेल पॉलिश पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करने लगते हैं.
इरफ़ान के पिता चाहते थे कि उनके दोनों बेटे इस्लाम धर्म की पढ़ाई करें और धार्मिक विद्वान पढ़ें. क्रांति का पहला बिगुल तो उन्होंने तभी फूंक दिया था जब वो क्रिकेटर बनने निकल पड़े थे. लेकिन अपनी पत्नियों के मामले में वो अब भी उसी मुस्लिम फ़ैमिली को रिप्रेज़ेंट करते हैं जो खासी कट्टर है और जो उन्हीं की तरह बात करती है जैसी बात इस तस्वीर में कमेन्ट करने वाले करते हैं.

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