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चीन के झूठ का पर्दाफाश, डोकलाम में चीन से 9 गुना मजबूत है भारत


 
July 20, 09:07
 
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New Delhi: डोकलाम में भारत और चीन के बीच जारी तनातनी पर बड़ा खुलासा हुआ है।
चीन जहां सैन्य अभ्यास के पुराने वीडियो जारी कर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अपनी मीडिया के जरिए भी उल्टे सीधे आरोप लगा रहा है। हालांकि सच्चाई ये है कि कि भारत-चीन सीमा के नजदीक सैनिकों की तैनाती में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है और तिब्बत क्षेत्र में हाल में चीन के सैन्य अभ्यास को दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम क्षेत्र में वर्तमान गतिरोध से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
डोकलाम में चीन से 9 गुना मजबूत है भारत : अगर डोकलाम इलाके में युद्ध की स्थिति बनती है, तो चीन को यह बहुत महंगा पड़ेने वाला है, क्योंकि यहां भारत के एक सैनिक के मुकाबले चीन को 9 सैनिक खड़े करने होंगे। डोकलाम में भारत की स्थिति बेहद मजबूत है। जहां तक जवानों की संख्या की बात है, तो भारत के पास इस इलाके में चीन से ज्यादा सैनिक हैं।
2009 से ही चीन लगातार तिब्बत में मिलिट्री अभ्यास करता रहा है, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही भारत सांगपो इलाके में भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। सांगपो इलाका अरुणाचल प्रदेश में माउंट कैलाश के विपरीत पड़ता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी से लगा हुआ है। चीन ने यहां 11 पुल बना रखे हैं। भारत के लिए यहां 250 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा स्थितियां चिंता की वजह हैं। हालांकि इस इलाके में चीन ने किसी तरह की कोई हरकत नहीं की है।
 3488 किमी लंबी सीमा पर 50 हजार सैनिक : भारत चीन सीमा पर चीन ने 15-16 डिवीजन को तैनात किया है। इसका मतलब लगभग 50 हजार सैनिक 3488 किमी लंबी सीमा पर तैनात हैं। हालांकि चीन ऐसा पहले भी कर चुका है। तिब्बत में चीन के 5 ऑपरेशनल एयर फील्ड्स हैं, लेकिन वह अन्य 4-5 लैंडिंग स्ट्रिप शुरू नहीं कर सकता, क्योंकि इनके लिए ऑपरेशनल क्षमता की कमी है।
शिनजियांग में जो कि उत्तरी जम्मू कश्मीर का विपरीत इलाका है, चीन 4-5 डिवीजन की तैनाती की है। चीन का पश्चिमी कमांड कुछ खास नहीं कर सकता, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे 12-13 डिवीजन तैनात हैं। स्थिति इतनी खराब नहीं है, जैसा कि चीन दिखाना चाह रहा है। यह केवल भारत पर दबाव बनाने के लिए है।

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