पेट्रोल चोरी में अफसरों की बड़ी भूमिका, जांच में हो रहे हैरान करने वाले खुलासे
तेल चोरी के काले कारोबार के खुलासे के बाद अब उन अधिकारियों की गर्दन फंसती नजर आ रही है जिनकी जिम्मेदारी इन पेट्रोल पंपों पर निगाह रखने की होती थी। बाट माप विभाग के अलावा आपूर्ति विभाग और तेल कंपनियों के अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच होगी।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक की मानें तो पकड़ा गया राजेंद्र एक मोहरा भर है। जिस पैमाने पर यह कारोबार चल रहा था उससे लगता है कि कुछ और लोग इसमें शामिल हो सकते हैं। हालांकि यह पूरा मामला अब एसआईटी के हवाले है और जल्द ही वह जांच शुरू करेगी।
बिना अधिकारियों की मिलीभगत के खेल संभव नहीं
इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम के एक सदस्य ने बताया कि पेट्रोल पंपों की तीन स्तर पर जांच विभिन्न विभागों द्वारा की जाती है। इन मशीनों की सील तोड़े बिना यह चिप लगा पाना संभव नहीं है। सील बिना बाट माप निरीक्षक के खोली ही नहीं जा सकती। ऐसे में सबसे पहले अंगुली बांट माप निरीक्षक पर उठ रही है।
इसके बाद तेल कंपनियों की जिम्मेदारी होती है स्टॉक चेक करें और कालाबाजारी रोकें। इसकी दो तरह से जांच कराई जाती है। पहले स्टॉक रजिस्टर के जरिये और दूसरा डिप रॉड के जरिये टैंक में मौजूद तेल की मात्रा से। रॉड पर सेंटीमीटर का निशान बना होता है
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