ग्वालियर. शादी में फेरे के समय उस समय हंगामा हो गया, जब दूल्हे ने एक लाख रुपए वाली बाइक की डिमांड रख दी। दूल्हा बोला- फेरे तभी होंगे, जब एक लाख रुपए वाली बाइक मिलेगी। यह सुनते ही दुल्हन मंडप में बेहोश हो गई। इस बीच पुलिस और समाज के बुजुर्ग लोग पहुंचे और बात को संभाला। इसके बाद दुल्हन पक्ष को लड़के वालों ने लिखकर दिया कि उनकी बेटी को ससुराल कभी कोई परेशानी नहीं होगी। यह है मामला...
अक्षय तृतीया को कुशवाह समाज का भी सम्मेलन रामद्वारे में था। यहां एक बारात धोकलपुरा गांव के निवासी जीतेन्द्र कुशवाह की भी आई। जीतेन्द्र की शादी ग्वालियर में सपना से तय हुई थी।
-बारात आई, स्वागत हुआ और वरमाला के बाद जैसे ही फेरे की बारी आई, दूल्हा जीतेन्द्र ने कहा कि उसे एक लाख रुपए वाली अपाचे बाइक चाहिए। लड़की के परिजनों ने बताया कि उसे हीरो कंपनी की बाइक दी जा रही है।
-बारात आई, स्वागत हुआ और वरमाला के बाद जैसे ही फेरे की बारी आई, दूल्हा जीतेन्द्र ने कहा कि उसे एक लाख रुपए वाली अपाचे बाइक चाहिए। लड़की के परिजनों ने बताया कि उसे हीरो कंपनी की बाइक दी जा रही है।
-यह सुनते ही जीतेन्द्र नाराज हो गया और बोला- अब फेरे तभी होंगे, जब एक लाख रुपए कीमत वाली बाइक मिलेगी। यह सुनते ही शादी के मंडप में बैठी दुल्हन सपना बेहोश हो गई।
-लोगों ने जीतेन्द्र को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। इस बीच सपना की हालत खराब होने लगी तो उसे उठाकर लोग ले गए और वर-वधू पक्ष में झगड़ा होने लगा।
-लोगों ने जीतेन्द्र और उसके पिता हरगोविंद कुशवाह को समझाया, कि लड़की सपना के पिता नहीं है, फिर भी वे अच्छी शादी कर रहे हैं। वह एक लाख की बाइक वाली जिद छोड़ दे।
-लोगों ने जीतेन्द्र और उसके पिता हरगोविंद कुशवाह को समझाया, कि लड़की सपना के पिता नहीं है, फिर भी वे अच्छी शादी कर रहे हैं। वह एक लाख की बाइक वाली जिद छोड़ दे।
पुलिस और समाज ने कराया समझौता
-उधर हंगामे की खबर सुनकर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस के आते ही समाज के लोग भी जुट गए और दूल्हे जीतेन्द्र को समझाया।
-पुलिस ने दहेज एक्ट का डर दिखाया। इसके बाद समाज के लोगों ने वर पक्ष से लिखकर लिया कि शादी के बाद ससुराल में लड़की को तंग नहीं किया जाएगा।
-समाज के कहने और पुलिस के डर देखकर जीतेन्द्र और उसके परिजन शादी को तैयार हो गए और उन्होंने शादी कराई। दुल्हन के साथ दूल्हे ने फेरे लिए और फिर विदा कराकर ले गया।
शादी के मंडप में हंगामे के बाद पुलिस पहुंची। |
लड़की पक्ष के लोग लड़के के परिजनों के आगे हाथ जोड़कर खड़े हो गए। |
पुलिस और समाज के लोगों ने दूल्हे जितेन्द्र को समझाया। |
दुल्हन को होश में लाने की कोशिश करते परिजन। |
इस बाइक को लेने से कर रहा था जितेन्द्र इनकार। |
हिन्दू लोगों में जातिपात और अपने उपनाम (sirname) मे विवाह करना ही दहेज प्रथा का मूल कारण है। जिस दिन यह खत्म हो गया उस दिन से दहेज लोभी परिवार और दहेज माँगने वाले लड़के कुँवारे ही मरेंगे। अच्छे समाज के निर्माण के लिए लड़कियों को अपने मर्जी से विवाह करने की आजादी होनी चाहिए। क्योंकि अच्छे लड़के तो विवाह करते ही नही है। उदहारण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साहब, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम साहब, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी।
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