लखनऊ: यूपी में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. नई सरकार बीजेपी की है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं. पिछले सरकार समाजवादी पार्टी की थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थी. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कई सरकारी योजनाओं में समाजवादी शब्द को जोड़ा गया था और यहीं नहीं, कई सरकारी योजनाओं के तहत वितरित होने वाले सामानों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगाई गई थी.
समाजवादी पार्टी सरकार में लैपटॉप में और लैपटॉप के बैग में अखिलेश यादव की तस्वीर लगी थी. बाद में सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए जो बैग खरीदे उसमें भी अखिलेश यादव की तस्वीर लगी हुई थी.
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अब सरकार बदल गई है. लेकिन पिछली सरकार के जाते जाते करीब 35000 हजार बैग खरीदे गए थे जिस पर अखिलेश यादव की तस्वीर लगी हुई थी. नई सरकार ने ऐसे सभी सामानों और योजनाओं पर रोक लगा दी थी जिसमें समाजवादी पार्टी या फिर अखिलेश यादव का नाम जुड़ा रहा हो.
लेकिन अब खबर है कि जो बस्ते बच्चों के देने के लिए खरीदे गए थे अब उन बस्तों का वितरण किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है. सरकार का कहना है कि जो बैग खरीद लिए गए हैं उन्हें फेंका नहीं जा सकता. इससे राज्य के धन का नुकसान होगा. इसलिए सरकार ने इन्हें बच्चों में बांटने का मन बनाया है. इससे रुपयों की बरबादी नहीं होगी.
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माना यह जा रहा है कि अब नया सत्र शुरू हो रहा है और बच्चों को यह बैग बांटे जाने हैं. सरकारी सूत्रों का कहना है कि अब नई सरकार में इस प्रकार किसी मंत्री मुख्यमंत्री का नाम नहीं होगा. केवल मुख्यमंत्री योजना लिखा होगा या फिर उत्तर प्रदेश योजना लिखा होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली ही घोषणा कर दी है कि राज्य में कोई भी योजना किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर नहीं होगी.
बता दें कि राज्य में एंबुलेंस सेवा में भी पिछली सरकार ने समाजवादी एंबुलेंस सेवा नाम कर दिया था. इसके अलावा समाजवादी स्मार्टफोन योजना, समाजवादी नमक आदि योजनाएं भी पिछली अखिलेश यादव सरकार ने बनाई थी. बच्चों को ऐसी थाली भी बांटी गई थी जिसमें तत्कालनी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के स्टीकर लगे हुए थे.
बता दें कि पिछली सरकार ने 1.8 करोड़ बैग का ऑर्डर दिया था. यह बैग कक्षा 1-8 तक के बच्चो में बांटे जाने थे. लेकिन बीच में चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई और बाकी बच्चे बैग शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास फंसे रह गए थे. अब इन्हें बांटा जाएगा.
अब समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के फैसले को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मायावती की सरकार के बाद जब अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी तब उन्होंने भी मायावती सरकार के दौरान लगाई गईं मूर्तियों वाले पार्कों से मूर्तियों हटाने का निर्देश नहीं दिया था. बल्कि यह साफ किया था कि इनकी सुरक्षा की जाएगी.
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