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गाय बचाने वालों से इंसानों को बचाने की चिंता .ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2015 से शुरू हुई हिंसा के मामले में ठोस कार्रवाई न करने पर चिंता ज़ाहिर की


गोरक्षा के नाम पर हत्याएं


ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने भारत में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए इसे मुस्लिमों और दलितों पर बर्बर हमलों का कारण माना है.
संस्था ने हाल ही में राजस्थान में डेयरी किसान पहलू खां का ज़िक्र करते हुए 2015 से अब तक हुए हमलों की सूची जारी की है.
पहलू खां एक अप्रैल को जयपुर के एक सरकारी मेले से दुधारू गायें लेकर हरियाणा के नूंह में अपने घर आ रहे थे तभी कथित गोरक्षकों ने उनकी पिटाई की जिसके दो दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमाम नसीहतों के बावजूद गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा में कमी नहीं आ रही है.
बीते रविवार को असम में गाय चोरी के संदेह पर दो नौजवानों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
एचआरडब्ल्यू ने कहा है कि पहलू खां मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कई कट्टर हिंदू ग्रुपों से संबंधित गोरक्षकों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने खुद पीड़ितों के ख़िलाफ़ गोहत्या के मामले दर्ज किए.
पिछले कुछ अरसे में गोरक्षा के नाम पर हुई घटनाएं-

गोरक्षा के नाम पर हत्याएंइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
Image captionराजस्थान के रामगढ़ में 8 नवंबर 2015 को कथित गोरक्षा दल के सदस्यों ने गाय ले जाती एक ट्रक को पकड़ा

राजस्थान, मई 2015


नागौर ज़िले के बिर्लोका गांव में मीट शॉप चलाने वाले 60 साल के अब्दुल गफ़्फ़ार कुरैशी को भीड़ ने लाठी और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा.
इसके दो दिन बाद ही उनकी मौत हो गई.
भीड़ ने उनके घर और दुकान में तोड़फोड़ की. इसके दो साल बाद पुलिस ने तीन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया जबकि छह लोगों को अभी भी गिरफ़्तार किया जाना बाकी है.

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उत्तर प्रदेश, अगस्त 2015

दादरी के कैमराला गांव में दो अगस्त 2015 को एक भीड़ ने मवेशी चोरी के संदेह में तीन लोगों अनफ़, आरिफ़ और नाज़िम को पीट-पीट कर मार डाला.
भीड़ ने उस ट्रक को भी जला दिया जिसमें दो भैंसें थीं.

पुलिस ने मारे गए लोगों के ख़िलाफ़ चोरी और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया क्योंकि आरोप लगा था कि उन्होंने पहले गोली चलाई.

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उत्तर प्रदेशसितंबर 2015
28 सितंबर 2015 को दादरी के ही बिसहड़ा गांव में एक भीड़ ने 50 साल के मोहम्मद अख़लाक को ईंट पत्थरों से पीट-पीट कर मार डाला और उनके 22 साल के बेटे को गंभीर रूप से घायल कर दिया.
यह हमला, पड़ोस के हिंदू मंदिर में इस घोषणा के बाद हुआ जिसमें अख़लाक़ पर बछड़े को जिबह करने का आरोप लगाया गया था.
पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ़्तार किया और अख़लाक़ के घर से मीट जब्त कर जांच के लिए भेजा.
गांव वालों ने इस गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन किया. बाद में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने अख़लाक़ के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की.
और दिसंबर 2015 में पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया. यह परिवार अब दिल्ली शिफ़्ट हो गया है.

गोरक्षा के नाम पर हत्याएंइमेज कॉपीरइटNARAYAN BARETH

जम्मू कश्मीर, अक्तूबर 2015
नौ अक्तूबर 2015 को भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ज़िले में एक दक्षिणपंथी हिंदू भीड़ ने एक ट्रक पर कथित तौर पर बम से हमला किया.
भीड़ को संदेह था कि 18 साल के ज़ाहिद बट बीफ़ ले जा रहे हैं. जबकि उनके ट्रक में कोयला पाया गया. दस दिन बाद घायल ज़ाहिद की मौत हो गई.
इसे लेकर भारत प्रशासित दक्षिणी कश्मीर जहां के ज़ाहिद रहने वाले थे, वहां तनाव पैदा हुआ.

मामले में मुआवज़ा देने की घोषणा हुई, लेकिन परिवार ने इनकार करते हुए इंसाफ़ की गुहार लगाई. मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया.

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हिमाचल प्रदेश, अक्तूबर 2015
14 अक्तूबर 2015 को उत्तर प्रदेश के 22 साल के नोमन की शिमला के पास सराहन गांव में हिंदू भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी.
लोगों को संदेह था कि वो गाय की तस्करी कर रहे थे. ट्रक में बैठे अन्य लोगों की भी पिटाई की गई. पुलिस ने तुरंत बाद ट्रक में बैठे चार लोगों पर गो हत्या रोकने वाले क़ानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया. बाद में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया.

बीफ़

झारखंड, मार्च 2016

मवशियों का व्यापार करने वाले 35 साल के मोहम्मद मज़लूम अंसारी और 12 साल के एक लड़के मोहम्मद इम्तियाज़ ख़ान का शव 18 मार्च 2016 को एक पेड़ से लटका पाया गया.
उनके हाथ पीछे से बंधे थे और उनके शरीर पर चोट के निशान थे.

पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ़्तार किया जिसमें स्थानीय गोरक्षा दल के कुछ लोग भी शामिल थे. ये मामला भी कोर्ट में चल रहा है.
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