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एक वेश्या ने लिखा देश के प्रधानमंत्री के नाम ख़त, 10,000 के पुराने नोट बदलने की लगाई गुहार

दिसंबर 2015 में बांग्लादेश से लाई गई एक महिला को पुणे के एक वेश्यालय में बेच दिया गया. भारत में काम के लालच में पड़ोसी देशों की कई महिलाओं को बहला-फुसलाकर लाया जाता है और देह-व्यापार में धकेल दिया जाता है. इस महिला को अपने वतन वापस लौटने के लिए कई लड़ाईयां लड़नी पड़ी. अब जब इस महिला के घर जाने का रास्ता साफ़ हो गया है, तो उसकी समस्या बन बैठे हैं, बंद हो चुके नोट.
500 और 1000 के नोट को ग़ैरकाऩूनी घोषित कर, बंद कर दिया गया था. सेक्स वर्क में फंसी इस महिला के पास 10,000 रुपए हैं, पर सारे नोट 500 के हैं. ये पैसे इस महिला ने घर जाने के लिए बचाए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चिट्ठी लिखकर, इस बेसहारा ने मदद मांगी है.


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अपनी पुरानी ज़िन्दगी के बारे में बताते हुए पीड़ित ने कहा,
'भारत आने से पहले में एक दुखभरी ज़िन्दगी जी रही थी. मेरे पति मुझे मारते थे. पति को तलाक देकर मैं एक गार्मेंट फैक्ट्री में 9,000 में काम करती थी और अपने माता-पिता की भी देख-भाल करती थी.'
जैसा कि आमतौर पर किसी के साथ भी होता है, इस महिला को भी किसी ने बता दिया की भारत में आसानी से पैसे कमाए जा सकते हैं. पर इस महिला को सिर्फ़ 50,000 रुपए में एक नेपाली औरत को बेच दिया गया.
भारत में अपने सफ़र के बारे में पीड़िता ने बताया,


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'मुझे बैंगालुरू ले जाया गया और मुझे एक दूसरी औरत को सौंप दिया गया, जिसने मुझे वेश्यावृत्ति में घुसने पर मजबूर कर दिया. कुछ दिनों बाद मुझे विश्वास दिलाया गया कि मुझे अपने देश भेज दिया जाएगा. पर मुझे पुणे ले जाया गया.'
लगभग देढ़ साल तक अत्याचार सहने के बाद दिसंबर 2015 में इस अबला Rescue Foundation द्वारा छुड़ाया गया, पर इस महिला का सारा सामान वेश्यालय में ही रह गया था. Rescue के बाद इस महिला को Rescue Home में रखा गया और उसे देश वापस भेजने की तैयारी होने लगी. Rescue Foundation ने ही इस महिला की चीज़ें वापस दिलाई. पर सारे नोट पुराने हैं. Rescue Foundation ने ही इस महिला की तरफ़ से प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को Tweet कर इस महिला की बेबसी की जानकारी दी है.
विडंबना देखिए, जिस औरत को 50,000 में बेच दिया गया था, उसकी कमाई है सिर्फ़ 10,000 हज़ार रुपये. हम उम्मीद करते हैं कि ये महिला जल्द से जल्द अपने देश वापस लौट सके.



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