पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो ने 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर को रोकने और बीजेपी को हराने के लिए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को रोकना है तो बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बंगाल को इक्ट्ठा होना होगा। ये महागठबंधन ही मोदी लहर को खत्म कर सकता है। अंग्रेजी अखबरा इकॉनोमिक टाइम्स को दिख इंटरव्यू में लालू ने ये बात रखी है।
लालू ने कहा कि जिस तरह महागठबंधन से बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी मात दी गई, वैसे ही राष्ट्रीय लेवन भी सभी पार्टियों को साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी पाकिस्तान-कब्रिस्तान-शमशान जैसे मुद्दों को भुना कर हिंदू-मुस्लिम को बांटने का काम करती है। लेकिन इससे गरीब का पेंट नहीं भरता है।
लालू ने कहा कि हम बीजेपी के गेम प्लान को समझ गए हैं। इसलिए सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, मायावती और अखिलेश यादव से महागठबंधन की बातचीत की जा रही है। लालू ने कहा कि उन्होंने हमेशा कांग्रेस का समर्थन किया है और ममता का साथ देने में हम पीछे नहीं हटे हैं। लेकिन बीजेपी ने सपा-बसपा-कांग्रेस सभी पार्टियों का शोषण किया है, इसलिए साथ आना बेहद जरूरी है।
देश को एक हिंदू राष्ट्र बनाए जाने पर लालू ने खासी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से देश को गुमराह कर रही है उस हिसाब ने संविधान में भारत जल्दी ही एक हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। हिंदुत्व की राजनीति के दम पर बीजेपी हिंदू वोट बैंक बंटोर रही है, हम भी हिंदू हैं, लेकिन इस देश में ये गलत हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि फिर से लोगों को ब्राह्मण समुदाय के ऑर्डर को मानना पड़ेगा।
मुलायम सिंह यादव से जुड़े रहने पर लालू ने कहा कि उनसे बात करना काफी मुश्किल है, क्योंकि वो अलग दिशा में चल देते हैं। नीतीश को 2019 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने पर लालू ने कहा कि हम सब एक हैं, नीतीश जी अकेले नहीं है और अकेला चना पहाड़ नहीं फोड़ सकता। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे और नीतीश चाहते हैं कि सपा और कांग्रेस फिर से एक साथ सामने आए।
लालू प्रसाद यादव जी, अब आप कुछ भी कर लो देश की जनता देख रही है और समझ भी रही हैं। 70 साल की आजादी के बाद भी भारत हमेशा अल्पसंख्यक समुदाय के कारण परेशान ही रहा है और जिस महागठबंधन की ओर आप लोगों को आकर्षित करना चाहते है। वह सभी लोगों ने अल्पसंख्यक वर्ग के नाम पर ही अपनी राजनीतिक को अब तक जिंदा रखा है। आज के युवाओं ने जातिवाद और धर्म को छोड़कर देश की प्रगति के साथ खड़े हुए है। हम अब योग्यता और काबलियत के हिसाब से लोगों को चुनते हैं ना कि परिवारवाद को, जो लोग अपने स्वार्थ और परिवार के कारण राजनीति कर रहे है जनता ने उनको सबक सिखाया है। इसका उदाहरण है अरविंद केजरीवाल अभी MCD चुनाव में मिली हार। लोगों को अब सिर्फ काम और विकास चाहिए।
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