दुनियाभर की सरकारें और मिलिट्री कई तरह की सीक्रेट गतिविधियां करती हैं। अमेरिकी मिलिट्री को दुनिया की तमाम मिलिट्री के बीच काफी ताकतवर माना जाता है। आज हम आपको अमेरिकी मिलिट्री से जुड़े कुछ सीक्रेट फैक्ट्स बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में अमेरिका कभी भी अधिक जानकारी दुनिया को नहीं देना चाहेगा। नेवाडा में है सीक्रेट मिलिट्री बेस...
- अमेरिका के नेवाडा में एक सीक्रेट मिलिट्री बेस है जिसके बारे में 2016 तक दुनिया को पता नहीं था। अमेरिका इस मिलिट्री बेस के बारे में जानकारी छुपाता रहा है।
- रेगिस्तान में बनाए गए सीक्रेट बेस के पास कई बार एयरक्राफ्ट उड़ते हुए दिखाई दिए हैं। इसे एरिया 6 नाम भी दिया गया है। खुलासे से पहले इसके बारे में सुरक्षा विशेषज्ञों को भी पता नहीं था।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका यहां पर सेंसिटिव सेंसर ले जा रहे मानवरहित विमानों की टेस्टिंग करता है। ये एयरक्राफ्ट एडवांस वॉर स्ट्रेटजी को चलाने में मदद कर सकता है।
9 मंजिले इमारत के नीचे बंकर
न्यूयॉर्क में ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल के बारे में तो सभी लोग जानते हैं। यहां काफी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है, लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम था कि यहां पर एक सीक्रेट मिलिट्री बंकर भी है। रिपोर्ट के मुताबिक, नौ मंजिले इमारत के नीचे मिलिट्री बंकर है जिसका नाम एम-42 रखा गया है। इसे वर्ल्ड वॉर 2 के समय में ही बनाया गया था। हालांकि, इसके बारे में भी वहां की मिलिट्री ने आधिकारिक तौर कभी पुष्टि नहीं की है।
नॉर्थ कोरिया की जासूसी के लिए सबमरीन
अमेरिका ने 2004 में एक बेहद प्रभावी सबमरीन लॉन्च किया था, जिसका मकसद सीक्रेट तरीके से नॉर्थ कोरिया की जासूसी करना था। एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाले इस सबमरीन की खासियत ये है कि दुश्मन के सबमैरीन पर ये बिना हलचल किए हमला कर सकता है। United States Navy इसके बारे में और अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। इतना ही नहीं, इस सबमरीन में कई एयरक्राफ्ट और हथियार भी रखे जाने लायक स्पेस है।
अफगानिस्तान में वॉर को लेकर कई तरह के डिबेट होते रहे हैं, लेकिन कम ही लोगों को ये बात मालूम है कि अमेरिका ने अफगानियों के लिए अलग से कई जेल बनाए हैं। हालांकि, 2009 में बराक ओबामा प्रशासन ने दावा किया था कि सभी "ब्लैक साइट्स" (इसे अफगान जेल भी कहा जाता है) खत्म कर दिए गए हैं। लेकिन बाद में 2011 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सरकार सच छुपा रही है, क्योंकि अभी भी अफगान जेल चलाए जा रहे हैं, जहां पेंटागन ऑफिशियल्स अफगानियों के साथ बुरा बर्ताव करते हैं। रिपोर्ट में ऐसे 20 अफगानिस्तानी जेल की बात कही गई थी।
कोल्ड वॉर के समय अमेरिकी संस्था सीआईए ने माइंड कंट्रोल को लेकर एक्सपेरिमेंट किए। इंसानों के ऊपर कुछ ड्रग का इस्तेमाल भी किया गया। हालांकि, बाद में 1973 में सीआईए के डायरेक्टर रिचर्ड हेल्म्स ने इससे जुड़े सभी डॉक्युमेंट्स नष्ट करने का आदेश दे दिया। यह भी सामने आया है कि इस प्रोजेक्ट पर 200 लाख डॉलर खर्च कर दिए गए।
ऊटाह का सीक्रेट मिलिट्री बेस
ऊटाह के टूले में भी अमेरिका का सीक्रेट मिलिट्री बेस है। इसके बारे में तरह-तरह की अफवाहें सुनाई देती रहती है। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि यहां लेटेस्ट हथियारों की टेस्टिंग होती है तो कुछ कहती हैं कि यहां बायोलॉजिकल और केमिकल वॉरफेयर टैक्टिक्स भी टेस्ट किया जाता है। इंटरनेट पर इसके बारे में अलग-अलग कॉन्सिपिरेसी थ्योरी मौजूद है।
एरिया-51
लास वेगास के पास अमेरिका का सीक्रेट एरिया-51 है। यहां अमेरिका के सीआईए एजेंट्स दिन-रात काम करते हैं। सीआईए एजेंट्स को ये शपथ दिलाई जाती है कि यहां क्या चल रहा है, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताएंगे। 1960 के दशक में एरिया 51 को सीक्रेट फ्लाइंग जोन के तौर एयरक्राफ्ट की टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल हुआ था। कुछ कॉन्सिपिरेसी थ्योरी के मुताबिक- 'यहां एलियन भी देखे गए हैं।'
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