पेइचिंग
चीन ने इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए वहां एक स्थायी स्पेस स्टेशन के निर्माण कार्य को शुरू करने की घोषणा की है। उसकी योजना 2022 तक इंसानी समूहों को इस स्पेस स्टेशन पर भेजने की है। अंतरिक्ष में अपने यान तियांजो-1 से ऑर्बिट में दोबारा ईंधन भरने की सफलता के बाद चीन की अंतरिक्ष योजनाओं का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों ने यह बात कही। चीन की मीडिया के मुताबिक, 20 अप्रैल को लॉन्च किया गया तियांजो-1 यान नियोजित तीन प्रयासों में से पहले प्रयास में कामयाबी के साथ तियांगोंग-2 स्पेसलैब की कक्षा में पहुंच गया जहां उसने पांच दिन तक सफलतापूर्वक रीफ्यूलिंग की। इस कामयाबी को 2022 तक अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की चीन की योजना के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस प्रॉजेक्ट के सुपरवाइजर वांग जायोयाओ ने पेइचिंग में की न्यूज ब्रीफिंग में कहा, 'यह चीन के लोगों और एक बड़ी अंतरिक्ष शक्ति बनने की हमारी आकांक्षा और अभिलाषा की घोषणा करता है।' उन्होंने कहा, 'स्पेसफ्लाइट का एक्सपेरिमेंटल स्टेज पूरा करने के बाद हम डिवेलपमेंट और कंस्ट्रक्शन फेज में प्रवेश करेंगे। हमारी योजनाओं के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच इंसानों के रहने के लिए स्पेस स्टेशन बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।'
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी नैशनल सिक्यॉरिटी को और मजबूत करने के लिए स्पेस प्रोग्राम को काफी प्राथमिकता दी है। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, तियांजो-1 की कामयाबी पर चीनी राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाले सेंट्रल मिलिट्री कमिशन की ओर से संबंधित स्टाफ को पत्र के जरिए बधाई संदेश भी दिया गया है।
अमेरिका के रक्षा विभाग ने चीन की बढ़ती अंतरिक्ष योग्यता को प्राथमिकता से लिया है। उसका आरोप है कि अंतरिक्ष में चीन की गतिविधियों का मकसद अन्य देशों के लिए संकट खड़ा करना है। वहीं चीन का कहना है कि उसका उद्देश्य केवल अपनी आकांक्षाओं को शांतिपूर्वक पूरा करना है। हालांकि उसने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइलों का परीक्षण किया है।
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