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क्या मोदी अपने साथ ब्रीफकेस में न्यूक्लियर बम लेकर चलते हैं?

Does Narendra Modi’s bodyguards carrying nuclear briefcase?

क्या सचमुच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चलता है ऐसा ब्रीफकेस जिसमें न्यूक्लियर बम का बटन है? क्या नरेंद्र मोदी शॉर्ट नोटिस पर भी परमाणु बम को एक्टिवेट कर सकते हैं?
सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाह आम है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) जिस ब्रीफकेस को थामे चलता है, वो न्यूक्लियर ब्रीफकेस है. जिसमें न्यूक्लियर बम का ट्रिगर है. इस काले ब्रीफकेस पर शक के बादल मंडरा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही नरेंद्र मोदी बिना न्यूक्लियर ब्रीफकेस के किसी कार्यक्रम में नहीं जाते. सबूत के तौर पर 26 जनवरी को हुए गणतंत्र दिवस समारोह की तस्वीरें दिखाई जाती हैं, जिनमें एसपीजी के लोग इस ब्रीफकेस को थामे दिखाई देते हैं.
सोर्स: यूट्यूब
अफवाहों की माने तो ब्रीफकेस का वज़न 10 से 12 किलो के बीच है. ब्रीफकेस में एक छोटा एंटेना और परमाणु बम का ट्रिगर है. दुनिया के किसी भी कोने पर मोदी कभी भी बम फेंक सकते हैं. ये ब्रीफकेस एक लैपटॉप के साथ जुड़ा है. कहते हैं कि जिस भी अधिकारी के पास ये ब्रीफकेस होता है, वो मोदी के आसपास ही रहता है.
अब तक तो सिर्फ ये अफवाहें सुनी थी कि अमेरिका और रशिया के राष्ट्रपति के साथ ऐसा ब्रीफकेस/बैग हमेशा चलता है. जब बराक ओबामा इंडिया आए थे, तब उनके कारवां में मौजूद चार बैग्स पर सबकी पैनी नज़र थी. रक्षा विशेषज्ञ पी के सहगल कहते हैं कि अमेरिकी प्रेसिडेंट जब भी कहीं जाते हैं, हर समय न्यूक्लियर कंट्रोल के कोड्स उनके साथ रहते हैं. एक ब्रीफकेस में. इस ब्रीफकेस को न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं. इसी तरह रशिया के राष्ट्रपति के साथ भी एक काला ब्रीफकेस चलता है.
प्रधानमंत्री की हर तस्वीर में किसी न किसी सिक्योरिटी अफसर के हाथ में ये ब्रीफकेस होता है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या मोदी कहीं से भी न्यूक्लियर बम चला सकते हैं? क्या इस ब्रीफकेस का पासवर्ड सिर्फ उन्हीं के पास है?
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जब पड़ताल की गई तो पता चला कि ये न्यूक्लियर ब्रीफकेस नहीं, बल्कि पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड है. ये पूरी तरह खुल जाता है और रक्षा कवच का काम करता है. ये उनकी पर्सनल प्रोटेक्शन के लिए है. इसका काम ये है कि अगर प्रधानमंत्री पर कोई आतंकी हमला होता है, तो सुरक्षा कमांडो फ़ौरन इसे खोल कर पीएम को कवर कर लें.

ये ब्रीफकेस उर्फ़ बैलेस्टिक शील्ड किसी भी तरह के हमले से सुरक्षा करने के लिए सक्षम है. इस ब्रीफकेस में एक गुप्त जेब भी होती है, जिसमें एक पिस्तौल होती है. आतंकी हमले के समय ये ब्रीफकेस एक सुरक्षा ढाल का काम करता है. इसीलिए इसे थामे चलने वाले कमांडो प्रधानमंत्री के आसपास ही रहते हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ भी ये ब्रीफकेस चला करता था. तो ये अफवाह सिर्फ अफवाह ही है कि प्रधानमंत्री मोदी कहीं से भी न्यूक्लियर हमला करने वाला बटन दबा सकते हैं. न्यूक्लियर हमला बेहद ज़िम्मेदारी का फैसला होता है. इसे कुछ पलों में और वो भी आपाधापी में नहीं लिया जा सकता.

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