Thursday

वर्तमान समय में सबसे अच्छा व्यापार क्या है?




 वर्तमान समय में कुछ बेहतरीन व्यापार ऑप्शन हैं:


• ऑनलाइन व्यापार - इंटरनेट पर वस्तुएं बेचना एक बढ़ती हुई शक्तिशाली व्यापार मॉडल है। ऑनलाइन मार्केटप्लेसेज जैसे ऐमेजन और एटी पर अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं।


• डिजिटल व्यापार - डिजिटल उत्पाद जैसे ईबुक्स, ऑनलाइन कोर्सेज, डिजिटल डाउनलोड्स इत्यादि बेचना। यह नई उद्योग में अच्छी कामयाबी की संभावना है।


• ऑनलाइन सेवाएं - ऑनलाइन परामर्श, विपणन सेवाएं, वेब डिजाइन, सुरक्षा ऑडिट इत्यादि जैसी सेवाएं प्रदान करना। आप दूरस्थ स्थानों से वैश्विक बाजार तक पहुंच सकते हैं।


• फ्रीलांसिंग या स्वतंत्र व्यापार - आपकी विशेषज्ञता के आधार पर अस्थायी या पूर्णकालिक व्यापार के रूप में कार्य करना। यह लचीला और आसान विकल्प है। 


• पारंपरिक व्यापार - अगर आप एक पारंपरिक व्यापार शुरू करना चाहते हैं, तो खुदरा, खाद्य, व्यापार आदि अच्छे विकल्प हो सकते हैं। लेकिन इसे शुरू करना और बनाए रखना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।


क्या आप बता सकते है सरकारी योजना पर ब्लॉग बनाने पर ट्रैफिक कैसे लाया जा सकता है?


सरकारी योजनाओं पर ब्लॉगिंग और संबंधित ट्रैफिक प्राप्त करने के लिए यहां कुछ टिप्स हैं:

• सरकारी योजनाओं के लाभांदे, विवरण और आवेदन प्रक्रिया पर फोकस करें। इस जानकारी की जरूरत पाठकों को होती है। उन्हें अपने हितों की रक्षा करने में मदद करें।

• सरकारी योजनाओं और इनके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाएं। आपका ब्लॉग लोगों को योजनाओं तक पहुंच बनाने में मदद कर सकता है।

• सरकारी विभागों और एजेंसियों से संपर्क स्थापित करें और उनकी मंजूरी लें। उन्हें आपके ब्लॉग के माध्यम से अपनी योजनाओं और पहलों का प्रचार करना लाभदायक लग सकता है। 

• सरकारी योजनाओं पर समाचार, इंटरव्यू, विवरण, डाउनलोड्स, वीडियो जैसा उपयोगी कंटेंट डालें। यह पाठकों के लिए एक एकीकृत स्रोत के रूप में काम करेगा।

• सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना ब्लॉग प्रोमोट करें। लोगों तक पहुंचने में यह बहुत मदद करेगा। 

• योजनाओं पर सरकारी विभागों द्वारा आयोजित सम्मेलनों एवं कार्यशालाओं में भाग लें। यह उपयुक्त सामग्री और नेटवर्किंग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

क्या आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में बता सकते हैं जहां ये ब्लॉग प्रोमोट किया जा सकता है?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स रहे हैं जहां आप अपना ब्लॉग प्रोमोट कर सकते हैं:

• फेसबुक - फेसबुक एक बहुत लोकप्रिय सोशल नेट्वर्किंग साइट है। आप अपने ब्लॉग को फेसबुक पेज, ग्रुप और इवेंट्स के माध्यम से प्रोमोट कर सकते हैं। लोगों से प्रतिक्रिया और सांझाकरण प्राप्त करें।

• ट्विटर - ट्विटर एक अन्य बहुत लोकप्रिय प्लेटफॉर्म है जहां आप 140 अक्षरों में अपना ब्लॉग प्रोमोट कर सकते हैं। अनुयायियों को ब्लॉग पोस्ट के बारे में ट्वीट करने के लिए प्रोत्साहित करें।

• लिंकेडइन - लिंकेडइन एक लोकप्रिय व्यावसायिक नेट्वर्किंग साइट है। यहां आप अपना ब्लॉग प्रोफाइल बनाकर उद्देश्यपूर्ण रूप से अपने उद्देश्य के लिए अनुयायियों प्राप्त कर सकते हैं।

• पिंटरेस्ट - पिंटरेस्ट एक चित्र पोस्टिंग और साझाकरण प्लेटफॉर्म है। इसे विशेष रूप से विचारोत्तेजक चित्रों, ग्राफिक्स, इंफोग्राफिक्स और विजुअल कंटेंट के साझाकरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आप अपने ब्लॉग के विजुअल पहलुओं को पिंटरेस्ट पर प्रोमोट कर सकते हैं।

• इंस्टाग्राम - इंस्टाग्राम ए

क्या आप बता सकते हैं कि ब्लॉग प्रोमोशन के लिए सबसे अधिक उपयुक्त सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कौन सा है?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से, ब्लॉग प्रोमोशन के लिए फेसबुक और ट्विटर सबसे अधिक उपयुक्त हैं।

• फेसबुक - फेसबुक विश्व की सबसे बड़ी सोशल नेट्वर्किंग साइट है और लोगों के साझाकरण और प्रतिक्रिया देने के लिए आदर्श है। अपना ब्लॉग फेसबुक पेज, ग्रुप और इवेंट के माध्यम से प्रोमोट करें। फेसबुक पर लोगों से प्रतिक्रिया प्राप्त करें और पोस्ट को बार-बार साझा करें।

• ट्विटर - ट्विटर भी एक बहुत लोकप्रिय प्लेटफॉर्म है जहां आप 140 अक्षरों में अपना ब्लॉग प्रोमोट कर सकते हैं। अनुयायियों को अपने ब्लॉग पोस्ट के बारे में ट्वीट करने के लिए प्रोत्साहित करें। ट्विटर पर प्रतिक्रिया और प्रचार प्राप्त करना आसान है।

अन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे लिंकेडइन, पिंटरेस्ट और इंस्टाग्राम भी ब्लॉग प्रोमोशन के लिए उपयोगी हैं, लेकिन फेसबुक और ट्विटर अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी हैं।  दोनों प्लेटफॉर्म्स पर एक से अधिक खाता बनाना साधारण है ताकि आप अपने ब्लॉग को विभिन्न तरीकों से प्रोमोट कर सकें।

मैं यूट्यूब पर व्लॉग बनाने का सोच रहा हूँ क्या यह सही समय व्लॉगिंग स्टार्ट करने का?

 


यूट्यूब पर व्लॉग शुरू करने से पहले इन बातों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है:


• स्पीस और प्रासंगिकता - उस विषय पर व्लॉग शुरू करना चाहिए, जो लोगों का ध्यान आकर्षित करने में मदद करता है। आप का विषय ताजा, रोचक, उपयोगी और प्रासंगिक होना चाहिए। 


• स्वयं की रूचि - आप उस विषय पर बेहतरीन व्लॉग बना सकते हैं जिसमें आपकी रूचि है। विषयों का चुनाव करें जिन्हें आप पढ़ना या देखना पसंद करते हैं। 


• प्रतिस्पर्धा और निशाने - अपने विषय के लिए प्रतिस्पर्धी यूट्यूब चैनेल्स का अध्ययन करें। आप उन्हें पार कर सकते हैं और दर्शकों को आकर्षित कर सकते हैं। आपका विषय में अद्वितीय व्यू या अनुभव होना चाहिए।


• संसाधन - आपके पास अच्छा सामान, उपकरण, इंटरनेट कनेक्शन और समय होना चाहिए ताकि नियमित रूप से उच्च गुणवत्ता का कोन्टेंट बनाना संभव हो।


इन बातों पर ध्यान देने से आप यूट्यूब पर सफल व्लॉग शुरू कर सकते हैं। यह सही समय है यूट्यूब पर व्लॉगिंग प्रारंभ करने के लिए। आपको शुभकामनाएं!

ब्लॉग पोस्ट 100% प्लॅगरिजम फ्री होना सभी बार आवश्यक नहीं है। हालांकि, पढ़ने योग्य और उपयोगी कंटेंट बनाना अपने ब्लॉग की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कभी-कभी प्लॅगरिज्म आपके ब्लॉग को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान कर सकता है: • यदि आपका प्लॅगर्ड पोस्ट उच्च मूल्य वाला या उपयोगी जानकारी प्रदान करता है, तो यह अपने पाठकों के लिए मूल्यवान हो सकता है। अपने पाठकों को उच्च गुणवत्ता वाली जानकारी प्रदान करना ही ब्लॉगिंग का उद्देश्य होना चाहिए। • प्लॅगरिज्म आपको शीर्ष पर रहने में मदद कर सकता है, जिससे आप अधिक दर्शकों, सदस्यों और पाठकों को आकर्षित कर सकें। जरूरत पड़ने पर प्लॅगरिज्म इस्तेमाल करना बेहतर हो सकता है। • हालांकि, फर्जी या प्रचारात्मक प्लॅगरिज्म आपकी प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचा सकता है। आपके पाठक उच्च गुणवत्ता वाली जानकारी चाहते हैं, ना कि मुनाफे के लिए बनाई गई पोस्ट। इसलिए, केवल उच्च मूल्य प्रदान करने वाले पोस्ट्स पर प्लॅगरिज्म का उपयोग करें। अपने पाठकों की जरूरतों के आधार पर निर्णय लें और अपनी प्रतिष्ठा प

 सकते हैं कि ब्लॉग पोस्ट में प्लॅगरिज्म कैसे रोका जा सकता है?


हेर आप कुछ तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं जो ब्लॉग पोस्ट में अनावश्यक प्लॅगरिज्म को रोकते हैं:

• उच्च गुणवत्ता वाला कंटेंट बनाएं। उपयोगी और मूल्यवान जानकारी प्रदान करना आपके पाठकों को प्लॅगरिज्म की जरूरत के बिना ही आकर्षित करेगा।

• अपने ब्लौग के उद्देश्य और द्रष्टिकोण को ध्यान में रखें। आपका कंटेंट आपके ब्लौग के मूल उद्देश्यों से मेल खाना चाहिए। प्लॅगरिज्म के बिना उसे हासिल करें।

• सामाजिक साझाकरण बटनों को हटा दें। यदि आप पाठकों को पोस्ट साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं, तो उन्हें पोस्ट के निचले हिस्से में मैनुअल रूप से बटन डालें। 

• ट्रेंडिंग हैशटैग्स और प्लॅगरिज्म वाले URLs का उपयोग न करें। अपने मूल शीर्षक और URL पर रहें। यह आपके ब्लॉग की पहचान बनाए रखने में मदद करेगा।

• अपने पाठकों से सीधा संपर्क करें और उनका प्रतिक्रिया मांगें। जब तक वे महसूस नहीं करते कि उनकी आवाज सुनी जा रही है, तब तक वे प्लॅगरिज्म की जरूरत नहीं महसूस करेंगे।



Monday

में ब्लॉगिंग कैसे शुरू करू?

 


ब्लॉगिंग शुरू करने के लिए आपको अन्य कुछ चीजों के अलावा एक ब्लॉग प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है। ब्लॉगिंग ब्लॉग प्लेटफॉर्म पर शुरू करने के लिए निम्नलिखित चेकलिस्ट का पालन करें:


1. ब्लॉग प्लेटफॉर्म का चयन करें: वर्डप्रेस, ब्लॉगस्पॉट, वीडोब्लॉगर, आदि में से एक। ये सभी लोकप्रिय लेकिन सरल प्लेटफॉर्म हैं। 


2. ब्लॉग नाम चुनें: आपका ब्लॉग नाम क्रेतिव और यादगार होना चाहिए।


3. ब्लॉग आइकन जोड़ें: ब्लॉग आइकन ब्लॉग पेज के शीर्ष में या कंटेंट शुरू करने से पहले जोड़ा जाना चाहिए।


4. अपने ब्लॉग का डिजाइन तय करें: ब्लॉग लेआउट, थीम, चित्र, आइकन आदि का चयन करें। 


5. ब्लॉग के कंटेंट के तरीके तय करें: अनुभव, खबरें, चेतना, स्वास्थ्य, खेल आदि।


6. ब्लॉग कंटेंट रेखन शुरू करें और पोस्ट करना शुरू करें! पाठकों को अपने ब्लॉग के बारे में जानकारी दें।


क्या आप ब्लॉग डिजाइन और थीम चुनने के लिए कुछ सुझाव दे सकते हैं?


ब्लॉग डिजाइन और थीम चुनने के लिए निम्नलिखित सुझाव दे सकता हूं:

• अपने ब्लॉग की थीम के अनुरूप रंगों का चुनाव करें। उदाहरण के लिए, एक यात्रा ब्लॉग के लिए भूरे, बीजली, नीले रंगों का प्रयोग। 

• अपने ब्लॉग के लिए एक अनूठा और आकर्षक नाम, लोगो या आइकन बनाएं। यह आपके ब्लॉग की पहचान बनाएगा। 

• मुख्य सामग्री को उभरा करने के लिए बोल्ड, बृहत अक्षरों का प्रयोग करें। महत्वपूर्ण शीर्षकों के लिए बड़े लेटरों का उपयोग करें। 

• ब्लॉग पेज को अलग-अलग अनुभागों में बांटें। हर अनुभाग के लिए अलग से डिजाइन और रंग प्रयोग कर सकते हैं। यह पाठकों को नेविगेट करने में मदद करेगा।

• उपयुक्त फोटोग्राफी, चित्र, इन्फोग्राफिक्स इत्यादि का प्रयोग कर अपना ब्लॉग और आकर्षक बनाएं।

कृपया बताएं कि ब्लॉग पोस्ट के लिए उपयुक्त शीर्षक कैसे चुनें?


ब्लॉग पोस्ट के लिए उपयुक्त शीर्षक चुनने के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दें:

• शीर्षक पोस्ट के मुख्य बिन्दु या उद्देश्य को सारें। यह पाठकों को आकर्षित करने में मदद करेगा। 

• शीर्षक पाठक के निवेदन के प्रति रुचि या उत्सुकता पैदा करना चाहिए। यह उन्हें पूरे पोस्ट के लिए आकर्षित करेगा।

• शीर्षक में प्रश्न, संकेत या उत्सुकता पैदा करना चाहिए ताकि पाठक पूरे पोस्ट को पढ़ने के लिए प्रेरित हों। 

• आकर्षक और आश्चर्यजनक शब्दों का उपयोग करें। लेकिन इनका प्रयोग अतिरिक्त न करें। 

• ब्लॉग पोस्ट के विषय के अनुकूल शीर्षक चुनें। यह पाठकों के लिए अर्थपूर्ण होना चाहिए।

• यदि आवश्यक हो, तो शीर्षक में तिथि का उल्लेख कर सकते हैं। यह पाठकों को बताएगा कि पोस्ट कब प्रकाशित किया गया था।

क्या शीर्षक में अधिकतम शब्दों की सीमा होती है?


शीर्षक में आमतौर पर कम शब्दों का प्रयोग किया जाता है। ब्लॉग पोस्ट के लिए उपयुक्त शीर्षक चुनते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दें:

• शीर्षक आमतौर पर 6-8 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे पाठकों का ध्यान आकर्षित होगा और वे शीर्षक पढ़ना चाहेंगे।

• शीर्षक के अंदर अहम बिन्दु या विचार को सारें। इससे पाठकों को पोस्ट के मुख्य बिन्दु का एहसास होगा।

• यदि आवश्यक हो, तो 6-8 शब्दों से अधिक का शीर्षक चुन सकते हैं। लेकिन इसका उपयोग बहुत ही बारीकी से करना चाहिए। अत्यधिक लंबे शीर्षक पाठकों का ध्यान खींचने में असफल हो सकते हैं।

• बहुत लंबे या जानबूझकर परिवर्तित शब्दों से भरे शीर्षक पाठकों को परेशान कर सकते हैं। इसलिए इसका उपयोग करना चाहिए। 

• आवश्यकता अनुसार शीर्षक में तिथि का भी उल्लेख कर सकते हैं। यह पाठकों को बताएगा कि पोस्ट कब प्रकाशित किया गया था।


अपने ब्लॉग के लिए टेम्पलेट कैसे चुनें?

अपने ब्लॉग के लिए उपयुक्त टेम्पलेट चुनने के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दें:

• ब्लॉग के विषय और स्वरूप का ध्यान रखें: चुने गए विषय के आसपास तथा अपने ब्लॉग के उद्देश्यों पर आधारित टेम्पलेट का चयन करें। इससे कंटेंट और डिजाइन एक-दूसरे से अलग नहीं लगेंगे।

• दर्शकों की पसंद के अनुसार चुनें: इंटरनेट पर उपलब्ध अनेक फ्री और भुगतान आधारित टेम्पलेट में से दर्शकों को अच्छा लगने वाला चुनें। उनके मतानुसार इसे संशोधित करें।

• स्किन्स में आसानी से बदलने योग्य होना चाहिए: चुने गए टेम्पलेट में आपको सहजता से स्किन बदलने में सक्षम होना चाहिए। इससे आप ब्लॉग के लुक और डिजाइन में बदलाव ला सकेंगे। 

• ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की विशेषताओं का समर्थन होना चाहिए: चुने गए टेम्पलेट आपके ब्लॉगिंग सॉफ्टवेयर या प्लेटफॉर्म की लेखन और प्रकाशन की विशेषताओं का समर्थन करना चाहिए। यदि नहीं हो तो उसे अनुकूल बनाने में अतिरिक्त प्रयास आवश्यक होंगे।

• पूर्वनिरीक्षण करें: अंत में, चुने गए टेम्पलेट का पूर्वनिरीक्षण कर लें। यह देखें क


मैं अपने ब्लॉग के लिए विषय कैसे चुनूं?


अपने ब्लॉग के लिए उपयुक्त विषय का चयन करने के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दें:

• आपकी रुचि और विशेषज्ञता क्षेत्रों के आधार पर चुनें: विषयों में चुनें जो आपको दिलचस्प लगते हैं और जिनमें आप विशेष रूप से योग्य हैं। ऐसा करने से लेखन आसान हो जाएगा और इससे ब्लॉग की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

• पाठकों की रुचि के आधार पर चुनें: उस विषय का चयन करें जो आपके भावी पाठकों को दिलचस्प लगेगा। इंटरनेट पर लोकप्रिय खोज तरीके द्वारा ट्रेंडिंग टॉपिक्स की पहचान करें। 

• निश्चित एवं विस्तृत विषय होना चाहिए: बाद में अनेक पोस्ट्स लिखने के लिए विषय को पर्याप्त व्यापक और विस्तृत होना चाहिए। सामान्य टॉपिक्स से बचें। 

• आपके ब्लॉग के उद्देश्यों के अनुरूप होना चाहिए: चुने गए विषय आपके ब्लॉग के उद्देश्यों और लक्ष्य के साथ ही संगत होना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने पाठकों को उद्देश्यों के अनुरूप ही उप्रेरित कर पाएंगे।

Saturday

क्या 1 april 2023 से UPI पर लगेगा charge?




 अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से UPI पर कोई चार्ज लगाने के बारे में कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया गया है।  1 अप्रैल 2023 को भी UPI पेमेंट पर कोई चार्ज लगने की संभावना कम है। 


हालांकि, अगर भविष्य में RBI द्वारा UPI पेमेंट्स के लिए चार्ज लगाने का फैसला लिया जाता है, तो उसे पहले से घोषित कर दिया जाएगा और 1 अप्रैल 2023 से यह लागू होगा। लेकिन अभी तक UPI पेमेंट्स पर कोई चार्ज नहीं है और 1 अप्रैल 2023 तक भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने की संभावना है। 


यदि होता है तो भी इस बारे में पहले से नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। अत: अभी UPI पेमेंट्स पर कोई चार्ज नहीं है और 1 अप्रैल 2023 तक भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने की उम्मीद है।


प्रति दिन कितने UPI लेनदेन?

यूपीआई के माध्यम से पैसे भेजने वाले यूजर अब दिन भर में एक बैंक अकाउंट से केवल 10 बार ही पैसे भेज सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने एक सर्कुलर जारी करके यह जानकारी दी है। अभी तक यूपीआई यूजर एक दिन में 20 बार पैसे भेज सकते थे।

1) दिन भर में अधिकतम 1 लाख रुपए तक ही भेज पाएंगे

  • एनपीसीआई का तर्क है कि यूपीआई से जुड़े फ्रॉड और रिस्क को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। इसके बाद से अब यूपीआई यूजर 24 घंटे की समय सीमा में एक खाते से सिर्फ 10 बार पैसे भेज सकेंगे और दिन भर में भेजा जाने वाला कुल अमाउंट 1 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होगा।
  • यह लिमिट पर्सन टू पर्सन होने वाले ट्रांजेक्शन के लिए निर्धारित की गई है। अगर आप एक से ज्यादा ऐप का इस्तेमाल करके यूपीआई की मदद से ट्रांजेक्शन करते हैं तो भी आप दिन में 10 ट्रांजेक्शन ही कर पाएंगे। भले ही आप Phonepe, Google Pay, BHIM, Paytm  या कोई दूसरा ऐप यूज कर रहे हों।

अगर आपके पास एक से अधिक बैंक अकाउंट हैं तो आपकी डेली ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ जाती है। एक ही मोबाइल नंबर से सभी बैंक अकाउंट को लिंक होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे अगर आपके पास 4 बैंक खाते हैं तो आप हर बैंक खाते 10 ट्रांजेक्शन के हिसाब से दिन भर में 40 बार पैसे भेज सकते हैं।

अगर आप खुद के एक खाते से दूसरे खाते में पैसे भेजते हैं तो यह ट्रांजेक्शन आपकी लिमिट में काउंट नहीं होगा। इसके अलावा यूपीआई के माध्यम से किसी मर्चेंट के साथ लेनदेन करने पर वह भी लिमिट में काउंट नहीं होगा। हालांकि, अगर दूकानदार यूपीआई के साथ वर्चुअल पेमेंट एड्रेस या क्यूआई कोड के माध्यम से पेमेंट लेने के लिए रजिस्टर नहीं है तो उसके साथ किया गया लेनदेन लिमिट में काउंट होगा।

मैं अपनी यूपीआई लिमिट कैसे चेक करूं?
दैनिक सीमाएँ

अपनी UPI लिमिट और दैनिक सीमाओं को चेक करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:

1. आपके बैंक ऐप में - बहुत से बैंक अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप्स में UPI लिमिट और दैनिक सीमाओं को दिखाते हैं। अपने बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप में लॉगिन करें और 'UPI लिमिट्स' या 'दैनिक सीमाएं' विकल्प पर टैप करें।

2. UPI पोर्टल पर - https://upi.org.in/ पर अपने UPI आइडी और पासवर्ड से लॉगिन करें। एक बार लॉगिन होने पर, UPI लिमिट और दैनिक सीमाओं की जानकारी 'मेरे खाते' विकल्प के तहत दिखाई जाएगी।

3. ट्रांजेक्शन हिस्ट्री चेक करें - आप अपने बैंक ऐप में या UPI पोर्टल पर अपने ट्रांजेक्शन हिस्ट्री रिकॉर्ड को देखकर भी अपनी बचत और उपयोग की गई राशि का अनुमान लगा सकते हैं।

होप यह जानकारी आपके लिए उपयोल रहेगी। यदि आपके कोई अतिरिक्त सवाल हैं तो पूछें।


आप एक दैनिक सीमा तक पहुँच सकते हैं यदि: आप सभी UPI ऐप्स पर एक दिन में ₹1,00,000 से अधिक भेजने का प्रयास करते हैं। आप सभी UPI ऐप्स पर एक दिन में 10 से अधिक बार पैसे भेजने का प्रयास करते हैं। आप किसी से ₹2,000 से ज़्यादा की रिक्वेस्ट करते हैं।

कितने यूपीआई ट्रांजेक्शन फ्री हैं?

 नियमित यूपीआई लेनदेन , जो सीधे बैंक खाते से बैंक खाते में किए जाते हैं, निःशुल्क रहते हैं। UPI वर्तमान में भारत में सबसे पसंदीदा और सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके तुरंत बैंक खातों के बीच धन हस्तांतरित करने की अनुमति देती है।


अगर यूपीआई काम नहीं कर रहा है तो क्या करें?

दैनिक यूपीआई भुगतान सीमा को पार कर गया

यदि आपने दैनिक लेन-देन की सीमा पार कर ली है तो UPI भुगतान भी विफल हो जाता है। यदि आपका UPI लेन-देन इस कारण से विफल हो जाता है, तो आप या तो अपने दूसरे बैंक खाते का उपयोग कर सकते हैं, यदि आपके पास कोई है या आप 24 घंटे के बाद उसी लेन-देन का पुनः प्रयास कर सकते हैं।



 यूपीआई से 1 दिन में कितना पेमेंट कर सकते हैं?


UPI से एक दिन में कर पाएंगे इतनी पेमेंट:

बता दें कि NPCI ने UPI पेमेंट्स के लिए लिमिट तय की है। NPCI का कहना है कि हर यूजर UPI के जरिए एक दिन में सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही पेमेंट कर सकता है। इससे ज्यादा आप पेमेंट नहीं कर पाएंगे


यूपीआई से 1 दिन में कितना पेमेंट कर सकते हैं?

UPI पर एक दिन में कितना ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, यह आपके बैंक और बैंकिंग खाते के प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ अहम बिंदु इस संबंध में निम्न हैं:

• एक मासिक वेतन खाते से UPI ट्रांजेक्शन में सामान्यतः एक दिन में 1-2 लाख रुपये तक की सीमा होती है। यह आपके बैंक द्वारा निर्धारित होती है।

• एक बचत बैंक खाते से UPI ट्रांजेक्शन में सामान्यतः एक दिन में 25,000-50,000 रुपये तक की सीमा हो सकती है। यह भी बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।

• एक व्यापार खाते से UPI ट्रांजेक्शन में दैनिक सीमा आम तौर पर 5 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है। यह आपके बैंक द्वारा निर्धारित होती है।

• यदि आपके पास एक व्यापारी खाता है और आप अधिक उच्च सीमा चाहते हैं, तो आपको अपने बैंक से उच्चतर सीमा के लिए आवेदन करना होगा।

अत: एक दिन में UPI से कितने ट्रांजेक्शन कर सकते हैं यह आपके बैंक खाते और उसके प्रकार पर निर्भर करता है। आपको अपने बैंक से अधिक उच्च सीमा के लिए संपर्क करना हो सकता है।


क्या एक दिन में एक ही खाते से अनेक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं?








जी हां, UPI से आप एक ही खाते से एक दिन में अनेक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके लिए निम्न बिंदुओं का ध्यान रखें:

• आपके खाते के लिए निर्धारित दैनिक सीमा का पालन करें। यदि आप इस सीमा को पार करते हैं तो ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे। 

• बैंक द्वारा अनुमोदित प्रति ट्रांजेक्शन सीमा का ध्यान रखें। आपके बैंक द्वारा इस सीमा को निर्धारित किया जा सकता है। यदि आप इस सीमा को पार करेंगे तो ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे।

• अपने खाते में पर्याप्त प्रावधान या उपलब्ध बैलेंस होना सुनिश्चित करें। प्रावधान या बैलेंस के अभाव में ट्रांजेक्शन रुक जाएंगे।

• आपके बैंक द्वारा निर्धारित कोई अन्य शर्तें या प्रतिबंध हो सकते हैं। इन्हें भी ध्यान में रखकर ट्रांजेक्शन करें।

अत: आप एक ही खाते से एक दिन में अनेक UPI ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। बस आपको अपने खाते और बैंक के नियमों का पूर्ण पालन करना होगा। यदि आपके कोई संदेह हैं तो अपने बैंक से संपर्क करें।
                                                                               

























































क्या आधार पैन लिंक फ्री है?


PAN और Aadhaar को घर बैठे ऑनलाइन लिंक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. नागरिकता और आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट "https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/" पर जाएं।
2. "Quick Links" के अंतर्गत "Link Aadhaar" पर क्लिक करें।
3. अब आपको अपने PAN नंबर, Aadhaar नंबर और नाम का पूरा विवरण भरना होगा।
4. उसके बाद, आपको "ओटीपी" को दर्ज करना होगा जो आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
5. ओटीपी को दर्ज करने के बाद, "Link Aadhaar" पर क्लिक करें।
6. आपके पूर्व दर्ज किए गए विवरण को सत्यापित करने के बाद, आपका PAN और Aadhaar कार्ड लिंक हो जाएगा।

ध्यान दें कि आपके PAN और Aadhaar कार्ड में दर्ज नाम एक दूसरे से समान होना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि आपका नाम लिंक करने के दौरान सत्यापित नहीं किया जा सकता है, तो आपको निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जाकर लिंक करवाना होगा।

क्या आयकर विभाग की वेबसाइट पर लिंक करने के लिए शुल्क होता है?


आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर लिंक करने के लिए कोई शुल्क नहीं होता है। 

आयकर विभाग की वेबसाइट incometaxindia.gov.in है जहां आप नि:शुल्क लिंक बना सकते हैं। 

इस वेबसाइट पर उपलब्ध सारी सूचनाएं और सेवाएं नि:शुल्क उपयोगकर्ताओं के लिए हैं। यहां किसी भी तरह के लिंकिंग फीस या अन्य शुल्क नहीं लिया जाता है।

आप इस वेबसाइट के लिंक्स अपनी अन्य वेबसाइट, ब्लॉग या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर सकते हैं

क्या आयकर विभाग की वेबसाइट पर नए उपयोगकर्ता के लिए अकाउंट बनाना जरूरी है?


आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट incometaxindia.gov.in पर नए उपयोगकर्ता के लिए अकाउंट बनाना अनिवार्य नहीं है। यह एक नि:शुल्क प्रयोगकर्ता वेबसाइट है।

कुछ सेवाएं जैसे ITR फाइल करना, टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना आदि के लिए आपको अपने पैन नंबर दर्ज करना होगा। लेकिन इसके लिए आपको किसी अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं है।

यदि आपको अतिरिक्त सुविधाएं जैसे टैक्स एडवाइस, टैक्स रिफंड स्टेटस ट्रैकिंग, ई-नोटिस प्राप्त करना आदि की आवश्यकता है, तो आप अपना पंजीकृत उपयोगकर्ता अकाउंट बना सकते हैं। लेकिन नए उपयोगकर्ता के रूप में आप वेबसाइट पर पहुंचने और आम जानकारी देखने के लिए किसी अकाउंट की आवश्यकता नहीं है।

क्या आयकर विभाग की वेबसाइट पर PAN और Aadhaar को लिंक करने के लिए कोई निश्चित समय सीमा होती है?


हाँ, आयकर विभाग की वेबसाइट पर PAN और Aadhaar को लिंक करने के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है। जैसा कि आयकर विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है, 30 जून 2023 तक आपको अपने PAN और Aadhaar को लिंक करना होगा। 

इस समय सीमा से पहले अपने PAN और Aadhaar को लिंक करने के लिए आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने विवरण दर्ज करने की आवश्यकता होगी। यदि इस समय सीमा से पहले लिंक नहीं किया जाता है, तो आपका PAN नंबर निष्पादित हो सकता है।

क्या आयकर विभाग ने अलग से कोई शुल्क निर्धारित किया है लिंक करने के लिए?


31 मार्च 2022 से पहले पैन को आधार से लिंक करना मुफ्त था और उसके बाद 1 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 के बीच यह 500 रुपये था। हालांकि, अब आपको 100 रुपये का शुल्क देना होगा। 1,000 यदि 30 जून 2023 तक अपने पैन को आधार से लिंक करें


क्या PAN और Aadhaar लिंकिंग के लिए कोई अन्य विकल्प हैं?


हां, PAN और Aadhaar लिंकिंग के अलावा कुछ अन्य विकल्प भी हैं:

1. ऑनलाइन प्रक्रिया: यह सबसे सरल और सुविधाजनक विकल्प है। incometaxindia.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कर PAN और Aadhaar लिंक करना एक मिनट में ही हो जाता है। 

2. CIT कार्यालय में जाकर लिंकिंग: अगर ऑनलाइन प्रक्रिया में किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने आयकर आयुक्त (CIT) के कार्यालय में जाकर लिंकिंग कराया जा सकता है। पर यह प्रक्रिया अधिक समय लेगी।

3. पंजीकृत पोस्ट ऑफिस या बैंक: कुछ पंजीकृत पोस्ट ऑफिसें या बैंक भी PAN-Aadhaar लिंकिंग की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन इसके लिए शुल्क लेने का अधिकार आरक्षित है। इसलिए आप सरकारी पोर्टल का इस्तेमाल करना बेहतर मान सकते हैं।

4. सेवा प्रदाता: कुछ निजी सेवा प्रदाता PAN-Aadhaar लिंकिंग की ऑनलाइन सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन इसके लिए शुल्क लेने का अधिकार हो सकता है। फिर भी यह विकल्प बेहतर समझा जा सकता है अगर सरकारी पोर्टल पर किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


क्या आयकर विभाग ने अभी तक अधिसूचना जारी की है कि PAN और Aadhaar लिंकिंग अनिवार्य है?


हां, आयकर विभाग ने PAN और Aadhaar लिंकिंग को अनिवार्य करने के लिए कई अधिसूचनाएं जारी की हैं।

सबसे महत्वपूर्ण अधिसूचनाएं हैं:

1. 4 जुलाई 2017 को जारी अधिसूचना: इसने PAN कार्ड होल्डरों के लिए Aadhaar पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया और 30 जून 2018 को अंतिम तिथि निर्धारित की।

2. 31 दिसंबर 2018 को जारी अधिसूचना: इसने 30 जून 2018 की तारीख को बढ़ा कर 31 दिसंबर 2018 कर दी। 

3. 27 दिसंबर 2018 को जारी आदेश: इसने 31 दिसंबर 2018 को से आगे अनिंवार्य स्कीम को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दिया। 

4. 31 दिसंबर 2019 के बाद, लिंक नहीं किए गए PAN पर कोई ट्रांसैक्शन नहीं की जाएगी। इसका अर्थ है कि PAN और Aadhaar लिंकिंग पर 31 दिसंबर 2019 तक अनिवार्य है।

इस प्रकार, आयकर विभाग ने एक स्पष्ट अनिवार्य अंतिम तिथि स्थापित कर PAN और Aadhaar लिंकिंग को अनिवार्य बना दिया है।

क्या आयकर विभाग ने बताया है कि अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं होते हैं तो क्या होगा?


हाँ, आयकर विभाग ने बताया है कि अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं होते हैं तो आप अपना आयकर रिटर्न नहीं भर पाएंगे। आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, PAN और Aadhaar का लिंक करना आवश्यक है ताकि आप आयकर रिटर्न भर सकें। यदि आपके PAN और Aadhaar लिंक नहीं होते हैं, तो आप अपना आयकर रिटर्न नहीं भर पाएंगे और आयकर विभाग द्वारा नुकसान के लिए आप प्रतिबंधित किए जा सकते हैं।

इसलिए, आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने PAN और Aadhaar को लिंक करना चाहिए ताकि आप आयकर रिटर्न भर सकें और किसी भी प्रकार के नुकसान से बच सकें।


हां, आयकर विभाग ने अपनी अधिसूचनाओं में बताया है कि अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं होता है तो क्या हो सकता है:

• 31 दिसंबर 2019 के बाद अलिंक्ड PAN पर कोई भी ट्रांसैक्शन या कार्रवाई नहीं होगी। इसमें टैक्स रिफंड, नए पैन कार्ड का अनुरोध शामिल है। 

• अलिंक्ड PAN पर जारी किए गए पैन कार्ड 31 दिसंबर 2019 के बाद मान्य नहीं रहेंगे।

• अलिंक्ड PAN को 'लिंक अनन्य' मार्क किया जाएगा और इसका उपयोग नहीं किया जा सकेगा। 

• लिंक अनन्य पैन को फिर से प्रयोग करने के लिए व्यक्ति को PAN पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी। यह एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें शुल्क भुगतान करना पड़ सकता है।

• आयकर विभाग को लिंक अनन्य पैन की सूची अन्य विभागों के साथ साझा करने का अधिकार होगा। यह टैक्स छूट या सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा।

तो सारांश में, PAN और Aadhaar लिंक न होने से व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसलिए सभी करदाताओं को 31 दिसंबर 2019 तक अपना लिंकेज करा लेना चाहिए।

क्या मैं अपने Aadhaar को अपने PAN से ऑफलाइन भी लिंक कर सकता हूं?


हाँ, आप अपने Aadhaar को अपने PAN से ऑफलाइन भी लिंक कर सकते हैं। आप निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं और अपने Aadhaar को अपने PAN से लिंक करवा सकते हैं।

इसके लिए, आपको आयकर विभाग के आधिकारिक वेबसाइट "https://www.incometaxindia.gov.in/" पर जाकर "Offline Aadhaar PAN Linking" फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फॉर्म को भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जमा करें।

ध्यान दें कि ऑफलाइन प्रक्रिया में आपको कुछ दिनों का समय लग सकता है। इसलिए, यदि आपको तत्काल आवश्यकता है, तो ऑनलाइन प्रक्रिया का उपयोग करना उचित होगा।

क्या आप मुझे ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में बता सकते हैं?


जी हाँ, निम्नलिखित दस्तावेजों को आपको ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए जमा करने की आवश्यकता होगी:
 
1. आधार कार्ड की प्रति
2. पैन कार्ड की प्रति
3. आवेदन पत्र (जो आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है)
4. कॉपी ऑफ बैंक स्टेटमेंट या पासबुक
5. कॉपी ऑफ आधार कार्ड से लिंक किए गए बैंक खाते की प्रति
6. फोटो कॉपी के साथ स्वाक्षरित स्वयं के फार्म की प्रति

आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं और आप उन्हें निकटतम आयकर विभाग कार्यालय में जमा करते समय साथ ले जाते हैं।

क्या अगर व्यक्ति के पास अभी तक Aadhaar नहीं है तो क्या करना होगा?


अगर आपके पास अभी तक Aadhaar नहीं है, तो पहले Aadhaar प्राप्त कराना होगा। Aadhaar का आवेदन ऑनलाइन या UIDAI के सुविधा केंद्रों पर किया जा सकता है।

Aadhaar प्राप्त होने के बाद आप PAN और Aadhaar लिंकेज के लिए तैयार हो जाएंगे। इसके लिए आप फिर से आयकर विभाग के पोर्टल incometaxindia.gov.in पर जा सकते हैं।

कुछ अन्य बिन्दु ध्यान में रखें:

• Aadhaar प्राप्त करने में औसतन 90-120 दिन लगते हैं। इसलिए जल्द से जल्द Aadhaar आवेदन करें।

• 31 दिसंबर 2019 की अंतिम तिथि से पहले ही Aadhaar आवेदन देना चाहिए ताकि इसे प्राप्त कर PAN लिंकेज कराया जा सके।

• Aadhaar आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है। लेकिन दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति मांगी जा सकती है जिसके लिए शुल्क लेने का अधिकार हो सकता है।

• Aadhaar प्राप्त होने के बाद तुरंत आयकर विभाग के पोर्टल पर अपना PAN-Aadhaar लिंक कराना चाहिए। 

• 31 दिसंबर 2019 के बाद Aadhaar के बिना नए PAN नहीं जारी किए जाएंगे।

इस प्रकार, Aadhaar प्राप्त करना और तुरंत अपना PAN-Aadhaar लिंकेज कराना आयकर विभाग की निर्देशों का पालन करना है। इसकी अनदेखी करने से बचना चाहिए।

अगर मेरा आधार पैन से लिंक नहीं हुआ तो क्या होगा?


जब पैन आधार कार्ड से लिंक नहीं होता है, तो 1 जुलाई 2023 से पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाता है । जब पैन निष्क्रिय हो जाता है तो करदाता अपना आईटीआर फाइल नहीं कर सकते हैं, टैक्स रिफंड प्राप्त कर सकते हैं या वित्तीय सेवाओं का उपयोग नहीं कर सकते हैं, जैसे कि बैंक खाता खोलना, या डीमैट खाता खोलना, क्रेडिट/डेबिट कार्ड प्राप्त करना आदि।

मुझे पैन को आधार से क्यों लिंक करना चाहिए?


पैन-आधार लिंक तिथि विस्तार: पैन और आधार कार्ड को लिंक नहीं करने के गंभीर परिणाम होंगे क्योंकि सभी अनलिंक किए गए पैन कार्ड 1 जुलाई के बाद निष्क्रिय हो जाएंगे। यह कर चोरी से बचने और कर भुगतान प्रणाली को सहज बनाने के लिए किया जा रहा है।

मैं अपने आधार कार्ड को बिना भुगतान के पैन से कैसे लिंक कर सकता हूं?


वैकल्पिक रूप से, आप आधार पैन लिंक अनुरोध (प्री-लॉगिन) जमा कर सकते हैं: चरण 2 (ए): ई-फाइलिंग पोर्टल होम पेज पर जाएं और क्विक लिंक के तहत लिंक आधार पर क्लिक करें। चरण 2 (बी): पैन और आधार दर्ज करें और वैलिडेट पर क्लिक करें। चरण 2 (सी): आवश्यक अनिवार्य विवरण दर्ज करें और लिंक आधार पर क्लिक करें।

पैन को आधार से लिंक नहीं किया तो वह निष्क्रिय हो जाएगा लिंक कराने की लास्ट डेट क्या है?

Aadhaar-PAN Link Last Date Extension Latest News 2023: अपने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च है, जोकि बिल्कुल सिर पर आ चुकी है. 31 मार्च, 2023 से पहले अगर आप अपना पैन आधार से लिंक नहीं कराते हैं, तो आपका पैन कार्ड इनएक्टिव हो जाएगा

आधार और पैन को लिंक करने में कितना समय लगता है?

पैन और आधार को लिंक करने में 6-7 दिन तक का समय लगता है। एक बार जब आप आयकर पोर्टल पर जाकर लिंकिंग प्रक्रिया शुरू कर देते हैं, तो लिंकिंग स्थिति की जांच करने के लिए कृपया नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।


















हर तीन महीने में शेयर बाजार नीचे क्यों आता है?



शेयर बाजार हर तीन महीने में नीचे आने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:


1. मार्केट सेंटिमेंट: शेयर बाजार का सेंटिमेंट बहुत महत्वपूर्ण है। अगर बाजार में सकारात्मक संवेदनशीलता होती है, तो बाजार उछालता है, जबकि अगर बाजार में नकारात्मक संवेदनशीलता होती है, तो बाजार गिरता है।


2. आर्थिक आंकड़े: शेयर बाजार में आर्थिक आंकड़ों का बहुत महत्व होता है। अगर कंपनियों के आर्थिक आंकड़े अच्छे होते हैं, तो शेयर बाजार उछलता है और अगर आर्थिक आंकड़े बुरे होते हैं, तो शेयर बाजार गिरता है।


3. आर्थिक घटनाक्रम: अन्य आर्थिक घटनाक्रम जैसे कि रिसर्व बैंक की निर्णय, लागत की बढ़त, निवेशकों के संचार में बदलाव, निवेशकों के विश्वास के लिए असुरक्षित घटनाक्रम इस भावना को उत्पन्न कर सकते हैं जो शेयर बाजार पर असर डालते हैं।


4. विदेशी मार्केटों का प्रभाव: अगर विदेशी बाजारों में कोई भी संकेत दिखता है कि वहां की अर्थव्यवस्था में कुछ गलत हो रहा है, तो शेयर बाजार भी इस पर प्रभावित होता है।


ये कुछ कारण हैं जो शेयर बाजार को हर तीन महीने में नीचे आने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।


क्या शेयर बाजार के नीचे आने से नुकसान होता है?.


हाँ, शेयर बाजार के नीचे आने से नुकसान हो सकता है। निवेशकों के लिए यह बहुत बड़ा खतरा होता है क्योंकि उनके निवेश मूल्य में भारी गिरावट हो सकती है। नुकसान के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. निवेश के मूल्य में गिरावट: जब शेयर बाजार में नीचे जाता है, तो निवेशकों के निवेश का मूल्य भी कम हो जाता है। यदि निवेशक ने शेयर खरीदे हुए हैं तो उन्हें नुकसान होगा।

2. नकारात्मक संवेदनशीलता: जब शेयर बाजार में नकारात्मक संवेदनशीलता होती है, तो निवेशकों के पास शेयर बेचने के अधिकार होते हैं। इससे शेयर की कीमत और निवेशकों के निवेश का मूल्य भी कम हो सकता है।

3. विनिवेश: निवेशकों के विनिवेश भी शेयर बाजार में नीचे जाने से प्रभावित हो सकते हैं। विनिवेश उन आवासीय संपत्तियों को दर्शाते हैं जो सीधे शेयर बाजार से जुड़े होते हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड और ETFs। जब शेयर बाजार में नीचे जाता है, तो इन विनिवेशित संपत्तियों का मूल्य भी कम हो सकता है।

इसलिए, शेयर बाजार में नीचे जाने से नुकसान हो सकता है। निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपनी निवेश योजना को अच्छी तरह समझना चाहिए और उन्हें अपने निवेशों के लिए उचित रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए।


क्या निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए?


हाँ, निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। निम्नलिखित कुछ बातें निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं:

1. निवेशकों को अपनी निवेश योजना को समझना चाहिए। उन्हें अपने निवेश का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए, जैसे कि निवेश की अवधि, निवेश के लक्ष्य, निवेश के लिए बजट आदि।

2. निवेशकों को अपने निवेश के लिए उचित रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए। उन्हें अपनी निवेश क्षमता का अंदाजा लगाना चाहिए और उन्हें अपनी निवेश योजना के अनुसार अपने निवेश अनुमानों का जांच करना चाहिए।

3. निवेशकों को शेयर बाजार के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्हें अपनी निवेश योजना के अनुसार शेयर बाजार के विभिन्न एसेट क्लास के बीच विभिन्न वित्तीय उत्पादों के बारे में जाना चाहिए।

4. निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपनी निवेश तकनीकों का अंदाजा लगाना चाहिए। उन्हें अपने निवेश के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि टेक्निकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस।

5. निवेशकों को उचित निवेश के लिए शेयर बाजार के नियमों, नियमकों और विनियमों के बारे में जानना चाहिए।

इसलिए, निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उपरोक्त बातों का ध्यान


कृपया बताएं कि निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उचित रिस्क मैनेजमेंट कैसे करना चाहिए?

निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उचित रिस्क मैनेजमेंट करना चाहिए। निम्नलिखित बातें निवेशकों को उचित रिस्क मैनेजमेंट करने में मदद कर सकती हैं:

1. निवेश योजना का तैयारी करना: निवेशकों को अपनी निवेश योजना के लिए एक बजट तय करना चाहिए, जिससे वे अपने निवेश को रिस्क से बचाने में मदद कर सकते हैं। उन्हें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि वे अपनी निवेश स्ट्रेटेजी के अनुसार निवेश करें।

2. रिस्क ऐसे शेयरों को चुनें जिनमें कम रिस्क हो: निवेशकों को अपने निवेश के लिए उस सेक्टर या कंपनी का चयन करना चाहिए जो कि कम रिस्क वाली हो। इसके लिए वे अच्छी तरह से शेयर मार्केट में समझदारी से चयन कर सकते हैं।

3. रिस्क ऐसे शेयरों को चुनें जिनमें लंबी अवधि के लिए निवेश करें: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपने निवेश के लिए ऐसे शेयरों का चयन करना चाहिए जो लंबी अवधि के लिए बेहतर हों। इससे वे अपने निवेश का समय बढ़ा सकते हैं और रिस्क कम कर सकते हैं।

4. निवेशकों को अपने निवेश के लिए सही स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने की जरूरत होती है: निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करते समय सही स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाना चाहिए जिससे वे अपने निवेश को रिस्क से बचा सकते हैं।

इसलिए,

कृपया बताएं कि शेयर बाजार में निवेश करने से पहले शेयरों की वैल्यूएशन कैसे करें?


शेयर बाजार में निवेश करने से पहले निवेशकों को शेयरों की वैल्यूएशन करना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए:

1. फंडामेंटल एनालिसिस: इस विधि में निवेशकों को कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट्स, इतिहास, उत्पादों और सेवाओं के उत्पादन के बारे में जानकारी और कंपनी के वर्तमान और भविष्य के प्रदर्शन के बारे में जानना चाहिए। इस से निवेशक यह भी जान सकते हैं कि शेयर के मूल्य को विश्वसनीय निवेशक के लिए वैल्यू के रूप में मूल्यांकन करने का समय कैसे आएगा।

2. टेक्निकल एनालिसिस: इस विधि में, निवेशकों को शेयर की चार्ट विश्लेषण करना चाहिए। यह उन्हें शेयर के मूल्य के प्रति विभिन्न मापदंडों जैसे कि लागत और बिक्री दरों, उच्च और निम्न मूल्य, औसत चाल के आधार पर विश्लेषण करने में मदद करता है।

3. फंड मैनेजर की अधिकृतता: निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता भी जांचनी चाहिए, जो शेयरों के चयन के लिए फंड को संभालता है। इससे निवेशक यह जान सकते हैं कि फंड मैनेजर कितनी अधिकृत है और उनकी निवेश स्ट्रेटेजी कितनी सफल है।

4. अन्य फैक्टर: शेयरों की वैल्यूएशन करते समय निवेशकों को अन्य फैक्टरों को भी ध्यान में रखना चाहिए, जैसे कि बाजार के मूड, राजनीतिक घटन


कृपया बताएं कि फंड मैनेजर की अधिकृतता कैसे जांची जाए?


फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:

1. अनुभव देखें: फंड मैनेजर के अनुभव को देखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। निवेशकों को फंड मैनेजर के पूर्व निवेश रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए जिससे वे उनकी निवेश दक्षता के बारे में जान सकें।

2. निवेश स्ट्रेटेजी देखें: निवेशकों को यह भी देखना चाहिए कि फंड मैनेजर उनकी निवेश स्ट्रेटेजी कितनी अधिकृत है। उन्हें यह भी जांचना चाहिए कि क्या फंड मैनेजर उनकी निवेश लक्ष्यों के अनुसार निवेश करता है या नहीं।

3. टीम और संगठन की जांच: फंड मैनेजर की अधिकृतता के लिए निवेशकों को उनकी टीम और संगठन की जांच करनी चाहिए। उन्हें यह जांचना चाहिए कि फंड मैनेजर की टीम कितनी दक्ष है और क्या वे निवेशकों को उचित सलाह दे सकते हैं।

4. अधिकृतता के संबंध में निजी जानकारी: निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता के संबंध में निजी जानकारी भी जांचनी चाहिए। इसके लिए वे फंड मैनेजर के पूर्व निवेशकों से बातचीत कर सकते हैं या उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

इन तरीकों का पालन करने से निवेशक फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है

क्या फंड मैनेजर की अधिकृतता के लिए कोई ऑनलाइन उपकरण हैं?



हाँ, फंड मैनेजर की अधिकृतता की जांच के लिए कुछ ऑनलाइन उपकरण उपलब्ध हैं। निम्नलिखित हैं कुछ उपकरण जो फंड मैनेजर की अधिकृतता को जांचने में मदद कर सकते हैं:

1. मॉर्निंगस्टार: मॉर्निंगस्टार एक ऑनलाइन उपकरण है जो निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह उनके पूर्व निवेश रिकॉर्ड की जांच, निवेश स्ट्रेटेजी और अन्य जानकारी शामिल होती है।

2. फंड हाउस: फंड हाउस भी एक ऑनलाइन उपकरण है जो फंड मैनेजर की अधिकृतता की जांच करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह फंड मैनेजर की निवेश स्ट्रेटेजी, निवेश दक्षता और अन्य जानकारी भी प्रदान करता है।

3. ब्लूमबर्ग टर्मिनल: ब्लूमबर्ग टर्मिनल एक पेशेवर प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, यह निवेश स्ट्रेटेजी, निवेश दक्षता और अन्य जानकारी भी प्रदान करता है।

ये ऑनलाइन उपकरण फंड मैनेजर की अधिकृतता के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। हालांकि, निवेशकों को अधिक जानकारी के लिए अपने संभावित फंड मैनेजर के पूर्व निवेशकों से बातचीत करनी चाहिए।





 

महाभारत कालीन अर्जुन की प्रेम कहानियां कौन कौनसी हैं?




 महाभारत काल में अर्जुन की कुछ प्रेम कहानियां दर्शाई गई हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कहानियां निम्नलिखित हैं:


1. अर्जुन और उलूपी: उलूपी नागकन्या थी जो अर्जुन से प्यार करती थी। अर्जुन ने उसके साथ शादी की और उन्हें पति के रूप में स्वीकार किया।


2. अर्जुन और सुभद्रा: सुभद्रा लोर्ड कृष्णा की बहन थी जो अर्जुन से प्यार करती थी। अर्जुन ने उससे शादी की और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।


3. अर्जुन और छत्रजंगा: छत्रजंगा एक राजकुमारी थी जो अर्जुन से प्यार करती थी। अर्जुन ने उसे अपना वरदान दिया कि वह उसे सदैव स्मरण रखेगी।


ये थीं कुछ महत्वपूर्ण प्रेम कहानियां जो महाभारत काल में अर्जुन के जीवन में दर्शाई गई थीं।



अर्जुन के अलावा महाभारत के अन्य पात्रों की प्रेम कहानियां भी हैं क्या?


जी हाँ, महाभारत में अर्जुन के अलावा भी कुछ पात्रों की प्रेम कहानियां दर्शाई गई हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कहानियां निम्नलिखित हैं:

1. कृष्णा और रुक्मिणी: रुक्मिणी भगवान विष्णु की अवतार मानी जाती थी और उन्हें उनकी पत्नी माना जाता था। लेकिन उन्होंने अपने प्रेम जाहिर करने के लिए भगवान कृष्णा की मदद ली थी। भगवान कृष्णा ने उन्हें उनके प्रेमी रुक्मिणी से मिलवाया था।

2. शकुन्तला और दुष्यंत: शकुन्तला राजा दुष्यंत की पत्नी थी और उनके बीच प्रेम की कहानी महाभारत में दर्शाई गई है। उनके पुत्र का नाम भरत रखा गया था जो भारतवर्ष का नामकरण का कारण बना था।

3. अभिमन्यु और उत्तरा: अभिमन्यु पांडवों के पुत्र थे और उत्तरा विराट राजा की पुत्री थीं। उनकी प्रेम की कहानी महाभारत में दर्शाई गई है।

इनमें से कुछ ही कहानियां हैं जो महाभारत में अन्य पात्रों की प्रेम की कहानियां दर्शाती हैं।


कृष्णा और रुक्मिणी की प्रेम कहानी में कैसे भगवान कृष्णा ने उन्हें मिलवाया था?


रुक्मिणी राजा भीष्मक की कन्या थी जो कृष्णा के बारे में सुनती थी और उससे प्यार करती थी। उसे अपनी शादी का निर्णय लेने के लिए अपने पिता से आग्रह किया था, लेकिन उनके पिता उन्हें अन्य राजकुमारों से विवाह करने के लिए तैयार थे।

एक दिन रुक्मिणी ने भगवान कृष्णा को एक पत्र लिखकर भेजा जिसमें उसने अपने प्रेम के बारे में बताया था। भगवान कृष्णा ने उसकी इच्छा को पूरा करने के लिए उसकी मदद की और उसे उसके प्रेमी रुक्मिणी से मिलवाया।

भगवान कृष्णा ने उस दिन रुक्मिणी को अपने साथ ले जाकर उसे अपनी पत्नी बनाया। इस प्रकार, रुक्मिणी और कृष्णा की प्रेम कहानी अनुपम है जो महाभारत में दर्शाई गई है।

कृष्णा ने रुक्मिणी को कैसे मिलाया?

महाभारत में बताया जाता है कि रुक्मिणी भगवान कृष्णा से प्यार करती थी और उसे अपनी पत्नी बनना चाहती थी। लेकिन उसके पिता और भाई उसे अन्य राजकुमारों से विवाह करना चाहते थे।

इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए, रुक्मिणी ने भगवान कृष्णा को एक पत्र लिखकर भेजा। उसमें वह अपनी समस्या का वर्णन करती है और उससे अपने प्रेम के बारे में बताती है।

भगवान कृष्णा ने उसके पत्र को पढ़ा और उसकी मदद करने का फैसला किया। फिर उन्होंने रुक्मिणी को अपनी रथ में बैठाकर उसे अपने साथ ले जाकर उसे अपनी पत्नी बनाया।

इस प्रकार, भगवान कृष्णा ने रुक्मिणी को उसके प्रेमी से मिलाया और उनकी प्रेम कहानी ने लोगों के दिलों में अमर जगह बनाई।

कृष्णा और रुक्मिणी की शादी कब हुई थी?



महाभारत में बताया गया है कि भगवान कृष्णा ने रुक्मिणी से शादी की थी। इस शादी का समय बहुत पहले का है, लेकिन इसकी तारीख से संबंधित कोई ठोस जानकारी नहीं है।

वैदिक साहित्य में भी रुक्मिणी और कृष्णा की शादी का उल्लेख है लेकिन इसकी तारीख भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए, हम इस समय को निर्धारित नहीं कर सकते हैं।


कृष्णा और रुक्मिणी की शादी से जुड़ी कोई रोचक कहानी है?


हां, कृष्णा और रुक्मिणी की शादी से जुड़ी कुछ रोचक कहानियां हैं। यह एक कहानी है:


श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी रथ में बैठाकर उसे ले जाने के लिए एक चालाक योजना बनाई थी। वह अपने साथ उसके भाई रुक्मा के बड़े समर्थक जाम्बवत को भी ले गए थे। जाम्बवत रुक्मिणी के विवाह में अहम भूमिका निभा रहा था।


रथ में बैठने के बाद, श्री कृष्ण ने सारे मार्ग में बाधाओं को दूर करने के लिए बहुत सारे चालाक योजनाएं बनाईं थीं। एक चालाक योजना उन्होंने उस समय बनाई थी जब रथ एक स्थान पर रुक गया था जब वह उसके भाई बलराम से मिलने गया था।


इस अवसर पर, श्री कृष्ण ने सब के सामने रुक्मा को खुले मंच पर बैठा दिया और उससे कहा कि वह उसकी बहन रुक्मिणी को उसके साथ शादी करने जा रहा है।


रुक्मा ने श्री कृष्ण से लड़ने का प्रयास किया लेकिन श्री कृष्ण ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया और उसे शांत करने के लिए उसे उसके साथ बैठा दिया। इस तरह, श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को खुश करने के लिए चालाक योजनाओं का उपयोग किया था और उसे अपनी पत्नी बनाया था।


कृष्णा ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए और कौन-कौन से चालाक योजनाएं बनाईं?


कृष्णा ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए कई चालाक योजनाएं बनाईं थीं। यहां कुछ प्रमुख चालाक योजनाओं का उल्लेख है:

1. रथ यात्रा: श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी रथ में बैठाकर उसे उसके घर से ले गए थे। इस रथ यात्रा के दौरान, उन्होंने रुक्मिणी के भाई रुक्मा से दूर रखने के लिए कुछ योजनाएं बनाईं थीं।

2. जाम्बवत को ले जाना: जाम्बवत रुक्मिणी के विवाह में अहम भूमिका निभा रहा था। श्री कृष्ण ने जाम्बवत को अपने साथ ले जाकर उसे रुक्मिणी की शादी में विरोध करने से रोका।

3. रुक्मा को फुसलाना: रुक्मा रुक्मिणी के विवाह में बहुत अहम भूमिका निभा रहा था। श्री कृष्ण ने रुक्मा को उसकी शादी में शामिल न होने के लिए उसे फुसला दिया।

4. रुक्मिणी को बचाना: श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को उसकी शादी से बचाने के लिए उसे अपने साथ ले जाकर उससे शादी की एक समझौता करवाया। इससे रुक्मिणी अपनी शादी से बचने में सफल रहीं।

इस तरह, श्री कृष्ण ने कई चालाक योजनाओं का उपयोग करके रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाया था।


श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए उसके भाई रुक्मा से कैसे निपटा?


श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए उसके भाई रुक्मा से चालाकीपूर्वक निपटा था। उन्होंने रुक्मिणी को उसके घर से चुरा लिया था और फिर उसे अपने रथ में बैठा दिया था।

रथ यात्रा के दौरान, श्री कृष्ण ने रुक्मा के साथ कुछ चालाक योजनाएं बनाईं थीं, जिनसे उन्होंने उसे उसके सामने शर्मिंदा कर दिया था। उन्होंने रुक्मा को भ्रमित कर दिया था कि रुक्मिणी श्री कृष्ण के साथ शादी करना चाहती है।

इस तरह, श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को अपनी पत्नी बनाने के लिए रुक्मा से चालाकीपूर्वक निपटा था।

रुक्मा का रुक्मिणी के शादी से इतना विरोध क्यों था?


रुक्मा रुक्मिणी के विवाह से इतना विरोध कर रहा था क्योंकि उसे अपनी बहन की शादी श्री कृष्ण से नहीं करनी थी। उसे लगता था कि श्री कृष्ण उसके वंशजों को पराधीन बना देगा और उसकी बहन को गलत रास्ते पर ले जाएगा। इसके अलावा, रुक्मा श्री कृष्ण को अपने बहन के लिए अनुचित समझता था।

इसके साथ ही, रुक्मा उस समय महत्वपूर्ण राजनैतिक दलों में शामिल था, जिससे उसे श्री कृष्ण से विरोध करना था।

इस तरह, रुक्मा के विरोध के पीछे उसकी राजनीतिक और परिवारिक समस्याएं थीं।


Friday

आपके पसंदीदा भारतीय व्यंजन का नाम क्या है और आप उसे क्यों पसंद करते हैं?

 





मैं एक विदेशी एआई हूँ और मेरे लिए भारतीय व्यंजनों में कई चीजें नयी और रोमांचक हैं। मुझे सभी भारतीय व्यंजनों में से कुछ पसंद हैं, जैसे कि साउथ इंडियन डोसा, उत्तर भारतीय चाट, पंजाबी छोले भटूरे, गुजराती ठेपला, राजस्थानी दाल बाटी चूरमा, बंगाली मिष्टी दोई, और बहुत कुछ। मुझे भारतीय व्यंजनों की खासता, ताजगी और मसालेदार स्वाद बहुत पसंद है। भारतीय व्यंजनों का अनुभव करना मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव है और मैं उन्हें बहुत ही समर्थन करती हूँ।


आपको भारतीय व्यंजनों को बनाना सीखना है?


हाँ, मुझे भारतीय व्यंजनों को बनाना सीखना बहुत पसंद होगा! मैं इसके लिए तैयार हूँ। भारतीय व्यंजनों की विविधता, स्वाद और आकर्षण से मुझे बहुत प्रभावित किया गया है। मुझे उनके मसालों और उनमें प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न मसालों का समझना बहुत रोमांचित करता है। मैं खुश होऊंगी अगर मुझे भारतीय व्यंजनों को बनाना सीखने का अवसर मिलता है।



क्या आप भारतीय व्यंजनों के लिए कुछ रेसिपी बता सकते हैं?




हां, मैं कुछ भारतीय व्यंजनों के लिए रेसिपी बता सकता हूं:

•धाल बाटी: राई, दाल, हरी मिर्च, जीरा, तेल और नमक का उपयोग करके बनाया जाता है। राई को तेल में तलना प्रारंभ करें और मसाले डालें। जब राई नरम हो जाए, तो इसे केले के पत्तों के साथ सर्व करें। 

•पनीर भोज: पनीर को इमारत के साथ पूलाऊ में पकाना। अदरक, लाल मिर्च, तेल, अत्यधिक मात्रा में सेंधा नमक मसाला और पनीर मिलाएं। तापमान पर तलने से पहले तक इमारत में उबालें।

•मूली बाटी: मूली को कच्चे तेल में तलकर कले और नमक के साथ सजाएं। स्वाद अनुसार यांत्रिक स्पाइसों को भी जोड़ सकते हैं।

•दाल मांस: मांस और दाल को एक साथ पकाना। किसी भी आम मसाले जैसे अदरक, लाल मिर्च, तेल और धनिया का उपयोग करें।


अगली रेसिपी क्या हो सकती है?



अगली भारतीय व्यंजन की रेसिपी कुछ इस प्रकार हो सकती है:

•बिरयानी: ब्रेड की तरह चिप्पी और नाश्ता या दोपहर का भोजन। इसमें मुख्य रूप से आटा, दही या पनीर, एक जिकों, खुरई और मसाले शामिल होते हैं। नमक, लाल मिर्च पाउडर, जीरा और अदरक की पूल्लें बनाई जा सकती हैं। इसे आटे और पनीर के साथ पकाया जाता है।

•दाल रायता या दल मूली: राई और मूली से बना एक आम दाल है। एक मीठी-चाकचक पर गर्म करके, या चावल के साथ पस्तूरी या उपनीर के साथ सर्व करना बेहतर है। इसमें हरी लाल मिर्च, तेल और नमक जैसे मसाले रहते हैं।

•पराता आलू भात: आलू से बना आरामदायक एक ब्रेकफास्ट। आलू, ज्वर और नमक का उपयोग करके पकाया जाता है। इसे दही, योगर्ट या पनीर के साथ सर्व करना बेहतर है।


मैं बिरयानी बनाना चाहता हूं। आप मुझे इसकी रेसिपी बता सकते हैं?

बिरयानी बनाने की रेसिपी:

सामग्री:

•आटा - 2 कप

•गर्म पानी - 1 कप

•दही या पनीर - 1 कप

•ऑनियन, धनिया या अदरक - 1 चम्मच 

•लाल मिर्च पाउडर - 1⁄2 चम्मच 

•नमक - गन्ने की छिलाई के आकार बारी में 

•लहसुन - 2 कूटे दाने

•घी या त्विष्टा तेल - 2 कूटे चम्मच 

•पुदीना या मेथी के पत्ते - आवश्यकतानुसार 

रेसिपी:

1. एक बल्बी में आटा, गर्म पानी, 1⁄2 चम्मच नमक डालें और चिपचिपा इमारत बनने तक मिक्स करें। 

2. एक कटोरी में दही, पनीर, मसाले, लहसुन प्रेस कर और घी/त्विष्टा तेल मिलाकर रखें। 

3. इमारत पर एक बार छिड़कें और सिर्कल बनाकर सर्व करें। 

4. ऊपर से पुदीना या मेथी के पत्तों से सजाएं। 

5. गार्म बिरयानी परोस कर उन्नायता प्रकट करें! जिस्मानंद हो!

हे बनाने में मजा आएगा। आपको बिरयानी बहुत पसंद आनी चाहिए! आनन्द मनाना!


क्या आप मुझे बिरयानी के साथ कौन सा साइड डिश सुझाव देंगे?


बिरयानी के साइड डिश के बेहतरीन विकल्प हैं:

•उपनीर: उपनीर बिरयानी का पारंपरिक साइड डिश है। इसे गर्म या ठंडा बनाकर सर्व करें।

•बादाम पास्ता: हल्की क्रीमी बादाम पास्ता बिरयानी के साथ फट रही है।

•धनिया मसाला: धनिया के साथ मसालित आलू का उबाला हुआ रूप गुद्दुं जैसा।

•फ्रेश फल: नारंगी, पपीता या आनन्दमी फल के साथ बिरयानी परोसें। इसे घरेलू फावा फल वेंडिंग बनाता है।

•हरे भोजन: हरे पलास्टिक हेविली भूने सार्वजनिक हल्के हरे भोजन पकाएं। परोसें।

•दाल भात: बिरयानी के साथ चावल या अन्नष्ठ दाल भात एक परिपूर्ण भोजन बनाता है। मसाला दाल उत्कृष्ट विकल्प है।

मुझे यह लेबा कि बिरयानी के साथ ये सभी साइड डिश मजे से जिस्मानंद हो जाएंगे! आनंद मनाइए!


क्या आप बिरयानी के साथ दही रायता की सिफारिश कर सकते हैं?


हां, दही रायता बिरयानी के साथ बेहतरीन साइड डिश हैं। यहां दही रायता की रेसिपी है:

सामग्री:

•दही - 1 कप

•राई - 1⁄2 कप

•ऑनियन, धनिया या अदरक - 1 चम्मच 

•शिमला मिर्च पाउडर - 1⁄2 चम्मच 

•नमक - 1⁄2 चम्मच 

•घी - 2 कूटे चम्मच 

•कॉरियांडर या शिमला मिर्च के पत्ते - आवश्यकतानुसार

रेसिपी:

1. एक पैन में दही, राई, 1⁄2 नमक, मसाले और घी मिलाएं। उबालें आता रहें। 

2. इसे थोड़ा मटमैला करें और स्वाद अनुसार नमक या इत्र मिलाएं। 

3. सर्व करने से पहले कॉरियांडर या शिमला मिर्च के पत्ते बिछा दें। 

4. दही रायता बिरयानी या चावल के साथ परोस कर उन्नायता प्रकट करें! 

•दही रायता बिरयानी के साथ एक परिपूर्ण और स्वादिष्ट भोजन बनाएगा। पसंद के अनुसार चावल के साथ भी सर्व कर सकते हैं। आनंद भर्इये!


दही रायता के लिए अन्य स्वादिष्ट विकल्प हैं?





हां, दही रायता के अलावा बिरयानी के साथ अन्य स्वादिष्ट साइड डिशें हैं। कुछ विकल्प इस प्रकार हैं:

•पनीर रायता: पनीर का अन्य संस्करण। दही के स्थान पर पनीर प्रयोग करें। मसाले वहीं। गर्मागर्म और लाजवाब!

•केले का साग: सेंधा नमक में भिगोकर प्रचारित केले। तेजस्वी और चटपटा। बिरयानी के साथ बढ़िया मिलेगा।

•मिर्च बोठ: हरी लाल मिर्च के साथ पकाया गया आलू बोठ। गर्म, तेजस्वी और मसालेदार। 

•धनिया मसाला आलू: धनिया, हरी लाल मिर्च और मसाल के साथ पकाए गए आलू। आग लगा देगा!

•मूली का भात: पानी में उबालकर नमक और घी के साथ परोसा जाने वाला मूली का भात। सादा लेकिन बढ़िया!

•काली दाल भात: भूरी-काली दाल का भात। मसाले और घी के साथ पकाया जाता है। पौष्टिक और भरपेट। 

हे सारे विकल्प बिरयानी के साथ एक बेहतरीन भोजन बनाएंगे। मजा भर कर चखिए!