पिछले 25 साल से भारतीय सशस्त्र बलों और सेना का साथ निभा रहे इनसास रायफल की जगह ज्यादा घातक हथियार की खोज शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 250 अरब डॉलर की लागत से आधुनिकीकरण की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय इसी के मद्देनज़र पुरानी हो चुकी इनसास रायफलों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। 12 लाख सैनिकों को अब अत्याधुनिक नए मॉडल के हथियार दिए जाएंगे। तुरंत एक लाख 85 हजार रायफल खरीदने की प्रक्रिया शुरु की जा रही है।
कहा जा रहा है कि Heckler and Koch HK416 A5 Assault Rifle जल्द ही भारत आ जाएगी। रूस से भारत आने वाली इस रायफल को अगर मौत का दूसरा नाम भी कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा।
इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट होने के 38 महीने के भीतर 65 हजार रायफल मंगा लिए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में ग्लोबल हथियार निर्माताओं से सूचना मांगी है। ये सूचनाएं नवंबर तक इकट्ठा हो जाएगी।
इनसास रायफल स्वदेशी हथियार है जिसे भारत सरकार के आयुध कारखाने में बनाया जाता है। शुरु में इसकी काफी चर्चा हुई लेकिन अब जानकारों का कहना है कि इनसास रायफल अति विश्वसनीय नहीं हैं। खास कर अगर दुश्मन पास हो तो क्लोज रेंज लड़ाई में इसकी विश्वसनीयता संदिग्ध रहती है। इसलिए सरकार को ये फैसला लेना पड़ा। नए रायफल की एक गोली आसानी से 15 इंसानों के आर पर हो सकती है।
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