नई दिल्ली: एक पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म की आपबीती जानने के लिए दिल्ली की निचली कोर्ट ने अनूठा तरीका निकाला. उसे गुड़िया (बार्बी डॉल) दी गई, बच्ची ने अपनी गुड़िया के निजी अंगों को छूकर जज को सच्चाई बताई. इस नई और अनूठी तकनीक की हाई कोर्ट ने भी प्रशंसा करते हुए निचली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषी की अपील खारिज कर दी.
अदालत ने मामले की फाइल से गौर किया कि यौन उत्पीड़न से गुजरने की अपनी व्यथा गुड़िया को बताते हुए वह बच्ची बचाव पक्ष के वकील द्वारा पूछे गए परेशान करने वाले, अपमानजनके, गंदे और अश्लीले सवालों के जवाब देने में हिचक रही थी.
रोहिणी की कोर्ट ने दोषी 23 साल के हनी को पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी. जज ने पूछा, आपकी गुड़िया के साथ हुआ? न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने आदेश में कहा कि बच्ची ने अपनी गुड़िया के निजी अंगों को हाथ लगाते हुए स्पष्टता के साथ बताया है कि उसके साथ दोषी ने क्या किया था.
श मामले में समाज में बदनामी के डर से माता-पिता ने बच्ची की मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया था. इसी का फायदा उठाते हुए दोषी ने हाई कोर्ट के समक्ष याचिका में कहा कि बच्ची के साथ किसी प्रकार की जोर-जबर्दस्ती नहीं की गई थी. उसके निजी अंगों पर नाखून के निशान नहीं मिले हैं.
शर्मसार करने वाले सवालों से बचाने के लिए दी बार्बी डॉल
दोषी के वकील के तर्कों को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि नाखून के निशान नहीं मिलने का यह कतई मतलब नहीं है कि बच्ची के साथ यह वारदात नहीं हुई है. बच्ची को बचाव पक्ष के वकील के भद्दे, घटिया व शर्मसार तथा अपमानित करने वाले सवालों से बचाने के लिए ही गुड़िया दी गई थी.
दोषी के वकील के तर्कों को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि नाखून के निशान नहीं मिलने का यह कतई मतलब नहीं है कि बच्ची के साथ यह वारदात नहीं हुई है. बच्ची को बचाव पक्ष के वकील के भद्दे, घटिया व शर्मसार तथा अपमानित करने वाले सवालों से बचाने के लिए ही गुड़िया दी गई थी.
हाई कोर्ट ने कहा कि पांच साल की एक बच्ची से आप इससे ज्यादा क्या उम्मीद कर सकते हैं. बच्ची के बयान को महज इस तर्क पर खारिज नहीं किया जा सकता कि उसके निजी अंगों पर दोषी के नाखून के निशान नहीं मिले थे.
क्या था ये पूरा मामला
बाहरी दिल्ली स्थित नरेला इलाके में रहने वाली पीड़िता जुलाई 2014 को वारदात के दिन सुबह अपने भाई के साथ स्कूल जा रही थी. तभी 23 साल का आरोपी हनी उनके पास आया.
बाहरी दिल्ली स्थित नरेला इलाके में रहने वाली पीड़िता जुलाई 2014 को वारदात के दिन सुबह अपने भाई के साथ स्कूल जा रही थी. तभी 23 साल का आरोपी हनी उनके पास आया.
बच्ची के भाई को 10 रुपए देकर उसे चॉकलेट लेने भेज दिया और उसे वह अपने साथ ले गया और दुष्कर्म का शिकार बनाया. वारदात को अंजाम देने के बाद वह बच्ची को घर के पास छोड़कर फरार हो गया. घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में उसकी तस्वीर कैद हो गई थी, जिससे वह पकड़ा गया.
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