मध्य प्रदेश में आज भी एक ऐसे मंत्री हैं जो अपने खेतों का काम खुद करते हैं। खुद ही खेतों को जोतते हैं और खुद ही बीज डालते हैं। ऐसी एक फोटो उनकी वायरल हो रही है।
जानकारी के अनुसार इन नेता का नाम नंदकुमार साय हैं। ये मध्यप्रदेश में तीन बार MLA, 3 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। ये आदिवासी समाज के दिग्गज नेता हैं।
आदिवासी समाज के लोगों में शराब की बुरी लत छुड़ाने के लिए एक बार उन्होंने हजारों किमी की पदयात्रा भी की थी। एक जगह आदिवासियों ने ताना दिया, उनके लिए तो शराब वैसे ही है, जैसे खाने में नमक।
उन्होंने साय से कहा, यदि वह नमक छोड़ सकते हों तो वे शराब छोड़ देंगे। इस पर साय ने 'हां' कह दिया और वहीं से प्रण लिया कि वे नमक नहीं खाएंगे। इस घटना के 40 साल से ज्यादा हो चुके हैं, साय ने नमक को हाथ नहीं लगाया है।
पूर्व सांसद नंदकुमार साय को मोदी सरकार में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। वे 1977, 1985 और 1998 में MP विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।
साल 2000 में वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने और पहले विपक्ष के नेता बने थे। साय 1989, 1996 और 2004 में लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। इसके साथ ही 2009 और 2010 में वह राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं।
नंद खुद चलाते हैं हल :
नंद कुमार अपने गृह गांव भगोरा में खुद के खेतों में हल चलाते हुए और बुबाई करते देखा जा सकता है। इसके पीछे उनका तर्क है कि बचपन से खेती से जुड़े होने के कारण आज भी वे किसान ही हैं। साय पिछले 10 जून से अपने गृह नगर जशपुर प्रवास पर थे। जहां भागोरा स्थित अपने गांव वे हल चलाते दिखे। इसके बाद से उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
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